रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल शहर के पुराने एक्सचेंज रोड स्थित राष्ट्रीय गांधी प्राथमिक विद्यालय में एईएस/ जेई को ले कर बच्चों के बीच जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी व पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर डॉ मुराद आलम ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर प्रत्येक वर्ष गर्मी के महीने में अप्रैल माह से जुलाई तक खास तौर से मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारण आदि जिलों में फैलता है ।अधिकतर केस इसी समय मिलते हैं । इस रोग से 1वर्ष की उम्र से 15 वर्ष तक के बच्चे प्रभावित होते हैं । चमकी से बचने के लिए बच्चों को धूप से बचना ,पानी एवं आवश्यकतानुसार ओ आर एस की घोल पीना, दिन में दो बार स्नान करना, हाथों को साबुन से अच्छी तरह सफ़ाई करना, कच्ची या अधपके लीचियों से परहेज़ करना,रात में भरपेट भोजन के उपरांत कोई मीठी चीज़ खा कर मच्छर दानी लगा कर सोना,अपने आसपास भी मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए उपयुक्त सफ़ाई करना जरूरी है। आगे बताया कि इस बीमारी के हो जाने पर ईलाज़ में देरी से गम्भीर परिणाम होते हैं इसलिए सरकार ने इसके बचाव के लिए जन जागरूकता अभियान के तहत कार्यक्रम चला रही है ताकि इस बीमारी के प्रति लोग सचेत हो जाएं।रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल में निःशुल्क एईएस के इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराई गयी है।उन्होंने बताया कि चमकी बुखार खास तौर पर सुबह के समय में बहुत तेज बुखार आता है,सर दर्द, पेट मे दर्द, उल्टी आना, चमकी आना, गर्दन, हाथ पैरों में ऐंठन,मुंह से झाग निकलना, बेहोश हो जाना इसके लक्षण है।ईलाज में देरी के कारण बच्चा लकवाग्रस्त भी हो सकता है या उसकी जान भी जा सकती है । अगर किसी भी मरीज के परिजन गाड़ी को प्राइवेट भाड़े कर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं तो उनके भाड़े की राशि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा उन्हें मुहैया कराई जाएगी। । मरीज के रहने खाने एवं ठहरने के लिए सरकारी अस्पताल द्वारा प्रबंध किया जाएगा।इस मौके पर पूर्व नगर पार्षद सुरेश साह,समाजिक कार्यकर्ता नुरूलाह खान,बिट्टू कुमार ,एचएम मीरा कुमारी,शिक्षिका तलअत प्रवीन,किरण कुमारी,फार्मासिस्ट अली इरफान,मुन्ना अंसारी आदि मौजूद रहे।