Sunday, November 24

‘जन सुराज’ का अलख जगाने रक्सौल पहुंचे प्रशांत किशोर,कहा-‘बिहार में व्यवस्था परिवर्तन जरूरी’!

*2 अक्टूबर से पद यात्रा पर निकलेंगे प्रशांत किशोर,70 हजार लोगों से मिलने का लक्ष्य

रक्सौल।( vor desk )।देश के जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार व चुनावी जादूगर कहे जाने वाले प्रशांत किशोर शुक्रवार को ‘जन सुराज ‘ के क्रम में नेपाल सीमावर्ती शहर रक्सौल पहुंचे और जन संवाद किया।चार दिवसीय पूर्वी चंपारण प्रवास के क्रम में मोतिहारी से हाइवे होते रक्सौल मेन रोड पहुंचने के बाद शहर के बैंक रोड के रामजी चौक स्थित कार्यक्रम स्थल श्री सत्य नारायण मारवाड़ी पंचायती मन्दिर पहुंचने तक कि 400 मीटर दूरी तय करने में उन्हें करीब 40 मिनट लग गए।जिससे वे आहत दिखे और अपने सम्बोधन में नीतीश सरकार के प्रति जम कर भड़ास निकाली और तंज कसते हुए पूछा कि क्या यही बिहार के विकास का नमूना है?जहां बारिश के बाद सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है!शहर में एक जगह से दुसरीं जगह जाने में घण्टो लग जाते है!यदि सात निश्चय जैसी योजना को ईमानदारी से अमल में लाया गया होता तो ऐसे दृश्य देखने को नही मिलते,जिसके लिए हमारी टीम ने भी काफी मेहनत किया था।
इस दौरान उन्होंने गांधी की कर्म भूमि चम्पारण की ह्रदय स्थली रक्सौल में महात्मा गांधी की प्रेरणा से बने कस्तूरबा बालिका उच्चतर विद्यालय पहुंच कर शैक्षणिक व्यवस्था की हालत देखी।साथ ही हजारीमल उच्चतर स्कूल की में पठन पाठन की जानकारी ली। जिसमे महेश अग्रवाल ने बताया कि स्कूल का लैंड डोनर व फाउंडर मेम्बर होने के बाद भी उनकी शिकायत पर प्रशासन कोई कारवाई नही करती।पठन पाठन नही होती। अशोक मधुकर ने कस्तूरबा व गांधी स्कूल जैसे शिक्षण संस्थानो की बदहाली की पीड़ा बताई।


जिस पर बिहार में प्रशांत किशोर ने शैक्षणिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह स्थिति अफसोसजनक है।शैक्षणिक माहौल के धराशाई होने से पठन पाठन चौपट है।शिक्षा की खस्ताहाल स्थिति की वजह से प्रतिभा पलायन कर रही है।पढ़ाई लिखाई के अभाव में बिहार,’लो ग्रेड लेबर सप्लाई हब’ बन गया है।स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना मजाक बन कर रह गई है।कभी ज्ञान की भूमि बिहार में भगवान को भी शिक्षा के लिए आना पड़ा था।लेकिन, आज बदतर स्थिति है।जबकि,बिहार के बच्चे दूसरे प्रदेशों में जा कर डीएम-एसपी बन रहे हैं।दिल्ली समेत अन्य प्रांतों में पढ़ने पढ़ाने वाले 20 प्रतिशत संख्या बिहारियों की हैं।बिहार के लोग बेवकूफ नही हैं।यह राज्य आजादी के बाद देश मे अग्रणी रहा है,लेकिन,बिहार में कुव्यवस्था के कारण निचले पायदान पर खड़ा है।इसे यहां की व्यवस्था ने ऐसा बना दिया है।उन्होंने कहा कि व्यवस्था को बदलने की जरूरत है।राजनीतिक परिवर्तन से व्यवस्था परिवर्तन हो जाये,यह जरूरी नहीं।इसके लिए समाज को जगना होगा।व्यवस्था को बदलना होगा।

उन्होंने जन संवाद के तहत आयोजित गण मान्य व प्रबुद्धजनों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘जन सुराज’ के तहत सही लोग,सही सोंच व सामुहिक प्रयास पर चर्चा के लिए ही वे यात्रा पर हैं।बिहार के 70 हजार से ज्यादा लोग ऐसे लोग हैं जिनसे या तो हमने संपर्क किया है या उन्होंने हमसे संपर्क किया है।उनसे मिलने के लिए वे यात्रा पर निकलें हैं।

लोगों को मिल जुल कर करना होगा बदलाव का प्रयास:
प्रशांत किशोर ने ‘जन सुराज’ के विचार को रेखांकित करते हुए कहा कि मैं अकेले बिहार को बदल दूंगा ऐसा नहीं हो सकता, जो भी ऐसा सोचते हैं वो गलत है।यह सच है कि लोग बिहार में बदलाव चाहते हैं। समाज मे इसके लिए छट पटाहट है।नयापन की चाहत है। बिहार को अगर के देश के अग्रणी राज्यों में खड़ा करना है तो बिहार के लोगों को मिलकर प्रयास करना होगा।

2 अक्टूबर से शुरू होगी पद यात्रा,जुड़े लोगों को मिलेगा मंच:
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह 2 अक्तूबर 2022 से पश्चिम चंपारण के गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू करेंगे।इस पदयात्रा के माध्यम से वो बिहार के हर गली-गांव, शहर-कस्बों के लोगों से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे। उनसे समझेंगे कि कैसे बिहार को बेहतर बनाया जा सकता है।पदयात्रा में जब तक पूरा बिहार पैदल न चल ले, तब तक वापस पटना नहीं जाएंगे।घर का अन्न जल ग्रहण नही करेंगे।चाहे जितना वक्त लग जाये।समाज में ही रहेंगे और समाज को समझने का प्रयास करेंगे। समाज को मथ कर सही लोगों को एक मंच पर लेकर आएंगे।उन्होंने यह आह्वान किया कि पहले आजमाइए,तब जुड़िये।कथनी नही करनी पर भरोसा कीजिये!

जारी करेंगे विकास का विजन डॉक्यूमेंट :
पदयात्रा के बारे में जानकारी देते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि पदयात्रा के बाद लोगों के सुझाव और विशेषज्ञों की राय की मदद से विकास के 15 मापदंडों जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ पर विजन डॉक्यूमेंट जारी करेंगे। इसमें बताएंगे कि कैसे बिहार को बेहतर बनाया जा सकता है। इस विजन डॉक्यूमेंट में सभी लोगों का सुझाव समायोजित किया जाएगा।

कौन कौन थे उपस्थित: प्रशांत किशोर के रक्सौल पहुँचने पर भव्य स्वागत हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता महेश अग्रवाल ने की।जबकि,मंच पर शिव पूजन प्रसाद व जगत नारायण पटेल विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिखे।जबकि,नारायण प्रसाद, पेंटर पन्नालाल प्रसाद,शिव शंकर यादव,नरेश मित्तल,रजनीश प्रियदर्शी,अशोक मधुकर, प्रदीप भारती,दीपक गुप्ता,नूरूलाह खान, बिट्टू गुप्ता,अरविंद जायसवाल, सीताराम गोयल,विनोद गुप्ता,रमेश गुप्ता,ध्रुव सर्राफ,रजनीश शर्मा,बबलू पटेल समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

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