रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल अनुमण्डल की विभिन्न समस्याओं को ले कर बहुजन समाज पार्टी द्वारा शहर के पोस्ट ऑफिस चौक पर मंगलवार को एक दिवसीय सांकेतिक धरना व नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया है।
शहर के कोइरिया टोला स्थित संविधान निर्माता डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के उपरांत उक्त धरना शुरू की गई।
रक्सौल अनुमंडल में जनता के विभिन्न समस्याओं को लेकर नौ सूत्री मांगों के समर्थन में 11 बजे से 4 बजे तक रक्सौल पोस्ट ऑफिस चौक के समीप एक दिवसीय शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना तथा नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया है। जिसमे प्रदेश महा सचिव चन्द्र किशोर पाल व पूर्वी चंपारण जिला के अध्यक्ष मथुरा राम,रक्सौल विधानसभा अध्यक्ष सुरेंद्र राम,समेत बिट्टू गुप्ता, भिखारी प्रसाद,श्लोक दास समेत बीएसपी पदाधिकारियों व कार्यकर्ता उपस्थिति दिखे।
बहुजन समाज पार्टी के बिहार प्रदेश महासचिव व रक्सौल के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी चंद्रकिशोर पाल ने बताया कि इसमे रक्सौल के मुख्य पथ, स्टेशन रोड, ब्लॉक रोड की सड़क समस्या व शहर में बारिश के दौरान जल जमाव की समस्या पर आवाज बुलंद करने के लिए यह धरना आयोजित की गई है।इसके साथ ही रक्सौल को जिला बनाने,रक्सौल शहर को अंतराष्ट्रीय छवि के मुताबिक स्मार्ट सिटी बनाने, रक्सौल अनुमण्डलिय अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक व सुविधाओं को बहाल करने,भारत -नेपाल सीमा के रक्सौल प्रवेश द्वार पर बुद्ध द्वार बनाने,रक्सौल के एक मात्र डिग्री कॉलेज में पीजी,विधि व व्यवसायिक शिक्षा के साथ अध्ययन-अध्यापन की निरन्तरता ,शहर के कोइरिया टोला चौक पर संविधान निर्माता अम्बेडकर की आदम कद प्रतिमा युक्त ट्रैफिक पोस्ट बनाने,अनुमण्डल के सभी भूमिहीनों को 5 डिसमिल सरकारी जमीन देने,वेंडर जोन बना कर मुख्य पथ समेत शहर के फुटपाथी दुकानदारों को वहां व्यवस्थित करना, ताकि,जाम व अतिक्रमण की समस्या से मुक्ति मिले जैसी मांग शामिल है।उन्होंने आरोप किया कि इस क्षेत्र के सांसद व विधायक दोनो बीजेपी से हैं।बावजूद,समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।यहां के पक्ष व विपक्ष दोनो के नेता रहस्यमय स्थिति-परिस्थिति बनाये हुए हैं।जनता त्राहि त्राहि कर रही है।
उन्होंने कहा कि रक्सौल की मुख्य सड़क भारत-नेपाल को जोड़ती है।अधिकृत ट्रेड रूट है।दो तीन दशक बाद इस सड़क का निर्माण शुरू हुआ,लेकिन,बाटा चौक से कोईरिया टोला तक 1 किलो मीटर सड़क डेढ़ साल में पूरी नही हो सकी है।गुणवत्ताहीनता व अनियमितता व जारी लूट खसोट के बावजूद सरकार व प्रशासन रोड कन्स्ट्रक्शन कम्पनी व ठेकेदार को संरक्षण दे रही है।जबकि,स्थानीय जन प्रतिनिधियों व अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन,पूर्वी चंपारण ) की उपस्थिति में रक्सौल प्रशासन ने लीखित प्रस्ताव पारित किया था कि यदि 30 अप्रैल 2022 तक सड़क व नाले का कार्य पूर्ण नही हुआ,तो,संवेदक व विभाग कार्यपालक अभियंता पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।बावजूद,अब तक सड़क निर्माण नही हो सका है।उन्होंने मांग किया कि अविलंब संवेदक को हटाया जाए और दुसरीं एजेंसी को अधिकृत करने के साथ ही स्वतंत्र एजेंसी से गुणवत्ता व अनियमितता की जांच कराई जाए।
श्री पाल ने स्थानीय जन प्रतिनिधि को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बारिश में बेतरतीब सड़क निर्माण की वजह से शहर डूबने की स्थिति में है।और वे उप मुख्यमंत्री को नाले की सफाई के लिए ज्ञापन सौंप रहे हैं।जबकि,उनकी सरकार राज्य से ले कर केंद्र तक है।सांसद सत्तारूढ़ दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं।उन्होंने साफ कहा कि अंतराष्ट्रीय शहर रक्सौल की बदहाली के लिए सत्तारूढ़ दल और सीधे तौर पर उसके जन प्रतिनिधि दोषी हैं।इनकी निकम्मेपनी से रक्सौल वासी परेशान हैं।
जिलाध्यक्ष मथुरा राम ने कहा कि यह केवल सांकेतिक धरना है।यदि मांग पूरी नहीं हुई तो निश्चित अवधि के बाद व्यापक आंदोलन होगा। जिला मुख्यालय पर भी धरना प्रदर्शन होगा।जिसकी जिम्मेवारी शासन -प्रशासन की होगी।