रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल स्टेशन रोड में लगातार हादसा हो रहा है।लेकिन,इस पर रोकथाम के लिए कोई पहल नही हो रही।प्रशासन से ले कर जन प्रतिनिधि तक संवेदनहीन बने हुए हैं।ऐसा लगता है कि किसी की जान जाने के बाद होने वाले बवेला के बाद ही चेतना आएगी।
ताजा मामला एक बाइक सवार के साथ घटित हुई।रक्सौल प्रखण्ड के कनन्ना गांव के राजकिशोर प्रसाद अपने रिश्तदार को यहाँ छोड़ने आये थे।इसी बीच उनकी बाइक सड़क जाम की वजह से नाले में जा गिरी।घटना सरकारी बस स्टैंड के पास घटी।बाइक समेत वे नाले में गिर कर जख्मी हो गए।मुश्किल से निकाला गया।अब बाइक निकालने की बारी थी।जो नाले के पानी मे इस कदर डूबा था कि उसमें नही दिख रहा था।इसके लिए कुछ सफाई कर्मी तैयार हुए।घटना के बाद बाइक निकालने की कीमत एक हजार रुपये देनी पड़ी।
मजे की बात यह रही कि जख्मी युवक को कोई इलाज कराने की पहल भी नही की।युवक बाइक निकालने के चक्कर मे हाथ समेत शरीर के कई हिस्से में रक्तस्राव के बीच वहीं रहा।
सफाईकर्मी नाले के गंदे पानी में सर घुसा कर ऊक्त बाइक को काफी मशक्कत से निकाला।तब तक वहां बाटा चौक पर तैनात रक्सौल थाना के पुलिसकर्मियों की नींद टूटी।जाम हटाने के लिए लाठी भांजी और फिर अपनी ‘ड्यूटी’ में लग गए।जिसका मकसद जाम हटाने से ज्यादा ‘स्वयं सेवा’ है।
बताते हैं कि एक ओर रेल ऑथिरिटी ऑफ इण्डिया ने लीज देने के नाम पर आधी सडक की घेराबंदी कर रखी है।आधे पर आम जनता के लिये चलने के लिए फुट पाथ नही बनाया है।निश्चित एरिया के बाद डिवाइड भी गायब है।उतर बगल नाले का निर्माण भी अधूरा है,उस पर स्लैब भी नही है।ऐसे में यह जानलेवा बन गई है और नित दुर्घटना घटित हो रही है।सभी तमाशबीन बने हुए हैं।