*स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की मामले की जांच,लीपापोती का खेल शुरू
*लैब संचालक पैथोलॉजी लैब बन्द कर फरार,नर्स व आशा हुई भूमिगत
*पुलिस खुद भी केश दर्ज कर जांच को है सक्षम,बावजूद ,24 घण्टे बीतने पर भी नही हुई प्राथमिकी
*पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही खुलेगा मौत का राज,लापरवाही पर चुप्पी से सवाल
रक्सौल।( vor desk )।थाना क्षेत्र के नोनियाडिह गांव निवासी गर्भवती महिला नीलम देवी ( 27 )की कथित रूप से नर्सिंग होम में डॉक्टर की लापरवाही से हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है।इस मामले को लेकर आरोपियों ने डैमेज कंट्रोल के लिए स्थानीय स्तर पर मान-मनौव्वल का प्रयास शुरू कर दिया है।वही,पुलिस द्वारा घटना के 24 घण्टे बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नही किये जाने से क्षेत्र में अटकलों का बाजार गर्म है।
सूत्रों के मुताबिक,बुधवार को पेट दर्द का ईलाज कराने आई गर्भवती महिला का अवैध रूप से एबॉर्शन की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया।इस दौरान ईलाजरत महिला की संदिग्ध रूप से मौत हो गई।शव का पोस्टमॉर्टम होने के बाद रक्सौल पुलिस अब तक पीड़ित पक्ष के आवेदन का इंतजार कर रही है।इस बाबत थानाध्यक्ष इ. शशिभूषण ठाकुर ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के आधार पर महिला की मौत इलाज के दौरान हुई है।पुलिस अपने स्तर से मामले की तहकीकात कर रही है।
इस मामले में रक्सौल के इस्लामपुर की एक महिला नर्स, एक आशा कार्यकर्ता व नर्सिंग होम से जुड़े लैब संचालक की संलिप्तता सामने आ रही है।गंभीर स्थिति में महिला को डंकन अस्पताल भेजा गया,परन्तु तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।इसे देख मृत महिला को डंकन हॉस्पिटल के गेट पर ही छोड़ कर ये भाग गए।परिजन जब डंकन में ले गए,तो,महिला को मृत घोषित कर दिया गया।पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।कहा जा रहा है कि पोस्टमॉर्टम रिर्पोट के आधार पर ही स्थिति साफ होगा।वहीं अनुमंडल अस्पताल रक्सौल के उपाधीक्षक सह पीएचसी प्रभारी डॉ एस के सिंह ने बताया कि जिस क्लिनिक का यह मामला है, उसकी जांच कुछ दिन पहले की गयी थी।घटना के बाद वहां कोई जांच नहीं हुयी है।पूर्व के जांच के दौरान वहां से कागजात की मांग हुयी थी, लेकिन अब तक वह कागज अप्राप्त है।
इधर,कौड़िहार चौक डुमरिया रोड स्थित पैरेंट्स हेल्थ केयर क्लिनिक में बैठने वाले चिकित्सक डॉ.नूरहसन ने बताया कि मेरे ही क्लिनिक कैम्पस में महताब नामक व्यक्ति का एक लैब चलाता है।घटना उसके यहां हुई है और यह वाक्या मेरे यहां नहीं हुआ है।मैं तीन दिनों से रक्सौल में नही था। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है।बहरहाल,फर्जी डॉक्टरों व नर्सिंग होम की भेंट सैकड़ों मरीजो की प्रतिवर्ष मौत होती रही है,किन्तु वैसी घटनाओं की परिणति प्रशासनिक निष्क्रियतक कारण मेडिकल माफिया मालामाल हो रहे है।