सिरिसिया नदी कॉरिडोर व पथलैया कॉरीडोर के विकास के लिए एडीबी प्रतिनिधियों के साथ बैठक !
बीरगंज।( vor desk )।नेपाल के पहाड़ीयों से निकलने वाली सिरिसिया नदी के संरक्षण व सौंदर्यीकरण को ले कर बीरगंज महानगर पालिका ने पहल शुरू कर दी है।एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी ) के सहयोग से इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू होगा।बीरगंज महा नगरपालिका ने इसकी योजना तैयार कर ली है।आगे की रणनीति के लिए गुरुवार को एडीबी प्रतिनिधियों के साथ बीरगंज के मेयर विजय सरावगी के द्वारा एक बैठक की गई।जिसमें इस पर व्यापक विचार विमर्श हुआ।मेयर श्री सरावगी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट को सिरिसिया नदी कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से जहां सिरिसिया नदी के प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी।।वहीं इस नदी के तट पर सड़क का निर्माण के साथ इसका सौंदर्यीकरण किया जाएगा।जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।बता दे कि यह सिरिसिया नदी पर्सा जिला होकर पूर्वी चंपारण के रक्सौल में प्रवेश करती है।जिसे सरिसवा नदी के नाम से जाना जाता है।
बताया गया है कि गुरुवार को बीरगंज महानगर पालिका कार्यालय में सिरिसिया नदी प्रोजेक्ट व बीरगन्ज पथलैया औधोगीक कॉरिडोर के विकास एवम व्यवस्थापन को ले कर एशियाई बिकास बैक के प्रतिनिधि व वीरगन्ज महानगरपालिका के पदाधिकारियों के बीच एक बैठक हुई। जिसमे लम्बी चर्चा परिचर्चा हुई।इसमे गंगा नदी के तर्ज पर सिरिसिया नदी कॉरिडोर में सडक व हरियाली प्रवर्द्धन के साथ नदी के व्यवस्थापन के मुद्दे पर गम्भीर चर्चा हुई।बीरगंज के विजय कुमार सरावगी ने इस प्रोजेक्ट पर खुल कर चर्चा की व सहयोग मांगा।जिसे प्रतिनिधि मंडल द्वारा सकरात्मक लिया गया।इसमे एशियाई विकास बैंक के प्रतिनिधिमण्डल के क्षति व्यवस्थापन विशेषज्ञ जोन सुटन, अर्थशास्त्री जोन स्वाडोन,नेपाल के प्रतिनिधि मोतिलाल घीमिरे व रमेश दुलाल सहभागी थे।
बैठक में बीरगंज महानगर पालिका की ओर से मेयर विजय कुमार सरावगी,एडिबि सहयोग योजना के प्रमुख शैलेन्द्र श्रेष्ठ द्वारा वीरगन्ज पथलैया औधोगीक कोरीडोर विकास की संभावना तथा सिरिसिया नदी में बाढ से होने वाले क्षति न्यूनिकरण पर भी चर्चा हुई।महानगर पालिका कार्यालय सूत्रों ने दावा किया कि सिरिसिया नदी के व्यवस्थापन ,तट पर सडक निर्माण के साथ हरियाली प्रवर्द्धन योजना में सहयोग हेतु एशियाई विकास बैक प्रतिनिधि सकरात्मक थे।इस प्रोजेक्ट पर शीघ्र ही कार्य प्रगति होने की उम्मीद है।
बताते चले कि नेपाली फैक्ट्रियों के द्वारा उत्सर्जित रसायन व कचरे के कारण सरिसवा नदी बुरी तरह प्रदूषित हो गई है।इससे बीरगंज व रक्सौल के लाखों की आबादी प्रभावित है।नदी तट पर रहने वाले हजारों लोग कैंसर व लिवर सिरोसिस जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।जिसमे अनगिनत मौत हो चुकी है।सरिसवा नदी को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए रक्सौल व बीरगंज वासी लम्बे समय से आंदोलन करते आ रहे हैं।इसी दवाब में बीरगंज महानगर पालिका द्वारा करोड़ो रूपये की लागत से वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है।जिसका उद्घाटन विगत दिनों सम्पन्न हुआ।इस प्रदूषण की समस्या को संसद व पीएमओ तक उठाया जा चुका है।साथ ही एसटीपी व ईटीपी लगाने की मांग होती आ रही है।बावजूद,केंद्र व राज्य सरकार की उपेक्षा जारी है।जबकि, नमामि गंगा योजना के तहत इस समस्या को सूचीबद्ध किया जा चुका है।ऐसे में बीरगंज महानगर पालिका की यह पहल न केवल एक मॉडल है।बल्कि,उम्मीद की किरण भी जगा रही है।इस तरह के पहल की मांग रक्सौल में भी उठने लगी है।मीडिया फ़ॉर बॉर्डर हार्मोनी के केंद्रीय सदस्य मुनेश राम,राजेश केशरीवाल व लव कुमार ने मांग किया है कि रक्सौल -सुगौली(सिकरहना नदी तक ) तक सरिसवा नदी कॉरिडोर बनाया जाए।