रक्सौल।(vor desk) । रक्सौल नगर परिषद इन दिनों उथल पुथल से गुजर रहा है।इसी बीच एक बार फिर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के पद से सन्तोष कुमार सिंह को प्रभार मुक्त कर दिया गया है।इससे जनाक्रोश दिख रहा है।
हाल के दिनों में वे पदारूढ़ रहते शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के साथ ही स्वच्छ और सुंदर रक्सौल बनाने के लिये संकल्पित दिख रहे थे।
लेकिन,अचानक नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह को डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने प्रभार मुक्त कर दिया है। अब उनके जगह पर आदापुर के अंचलाधिकारी संजय कुमार झा को रक्सौल नगर परिषद का नया कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया है। डीएम शीर्षत कपिल अशोक के द्वारा जारी पत्र के अनुसार निर्वाचन कार्य की अपरिहार्यता एवं महत्ता के दृष्टिकोण से उन्हें नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है।
सनद रहे कि नगर परिषद में बूचड़खाना भूमि खरीद घोटाला मामला के बाद अब तक स्थायी तौर पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है।यह पद प्रभार में चल रहा है।
चार कार्यपालक पदाधिकारी बदले:बूचड़खाना घोटाले में आरोपी कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनन्द नप गए।फिर प्रभार में रहे डीसीएलआर राम दुलार राम व पीजिआरओ सतीश रंजन के बाद कार्यपालक दंडाधिकारी सह अवर निर्वाची पदाधिकारी सन्तोष कुमार सिंह को प्रभार मिला। सूत्रों के मुताबिक,यह प्रभार नगर विकास विभाग के निर्देशन पर था।बताते हैं कि प्रशासनिक महकमे में आपसी खींच तान व सियासी दवाब की वजह से नगर परिषद में उठापटक का दौर थम नही रहा।हालांकि,विश्लेषक मानते हैं कि यदि स्थायित्व कायम रहा तो दवाब में काम करना पड़ेगा ,जिसका असर बूचड़ खाना घोटाले से ले कर मार्च लूट तक दिख सकता है।क्योंकि,नगर पार्षदों के लिए अंतिम कार्यकाल है और आगामी चुनाव तय है।