महिला पार्षदों के पतियों व निकट संबंधियों से हो सकती है पूछ ताछ, गिर सकती है कार्रवाई की गाज
रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल नगर परिषद के बहुचर्चित बूचड़ खाना जमीन खरीद में करोड़ो के घोटाला व अनियमितता के मामले मे रक्सौल थाना में दर्ज मुकदमे की आंच अब महिला नगर पार्षद के पतियों व निकट सम्बन्धियों व कतिपय नगर परिषद कर्मियों को लपेटे में लेती दिख रही है।बताते हैं कि पुलिसिया जांच का दायरा निरन्तर विस्तृत होता जा रहा है ।जिसमे नित्य नए खुलासे हो रहे हैं।
पुलिस को आशंका है कि महिला पार्षदों के पतियों व निकट सम्बन्धियों के साथ कतिपय नगर परिषद कर्मियों को पता है कि नगर परिषद के तत्कालीन प्रधान सहायक, बड़ा बाबू सह लेखपाल चंद्रशेखर कुमार सिंह व सहायक मृत्युंजय मृणाल कहां छिपे हैं!
जानबुझ कर उन्हें छुपाया गया है कि ताकि वे बच सकें।संचिका सामने नही आये।क्योंकि,घोटाले व अनियमितता में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर उनका हाथ है।संचिका को नष्ट करने की योजना से भी इनकार नही किया जा। सकता।इसलिए इनके खिलाफ सख्ती जरूरी है।ऐसे में आने वाले दिनों में ‘पुलिस एक्शन’ मोड़ में दिख सकती है।
बताते हैं कि नगरपरिषद की कार्यवाही पुस्तिका और लैंड फील्ड बुक की फाइल गायब होने पर दर्ज कांड संख्या 470/21के विवेचना पदाधिकारी सह सब इंस्पेक्टर रणधीर कुमार ने न्यायालय में समर्पित कांड दैनिकी (केस डायरी) के पारा 45 मे 24 पार्षदों को आरोपित किया है।
वहीं केस डायरी के 46 वे पारा मे भी संचिका गायब करने मे महिला पार्षदों के पति व उनके कार्य संचालन मे सहयोग करने वाले निकट संबंधियों की भूमिका की जांच को आगे बढ़ाते हुए उनकी भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
इससे मामले में जहां रोचक मोड़ आ गया है, वही संचिका गायब होने के रहस्मय पहलू की जांच बढ़ने के बाद निकट सम्बन्धियों के गले की फांस बढ़ती दिख रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक,अनुसंधान में यह भी सामने आया है कि नामजद अभियुक्तों को पार्षद और महिला पार्षद के निकट संबंधी आर्थिक मदद के साथ संरक्षण भी दे रहे हैं। पारा 46के चौथे कॉलम में श्री कुमार ने पार्षदों और महिला पार्षदों के निकट संबंधियों से कड़ाई से पूछ ताछ की आवश्यकता जताई है।
सूत्रों पर भरोसा करे तो 4 दिसंबर से 10 फरवरी तक का नप के बड़ा बाबू चंद्रशेखर कुमार और उच्च वर्गीय सहायक मिर्तुञ्जय मिरनाल के फोन का सीडीआर निकाल कर अग्रिम अनुसंधान जारी है।संकेत मिल रहे हैं कि इस सीडीआर जांच में कई कलई खुल कर सामने आई है।जिंसमे लेन -देन,संचिका गायब करने,जांच को दबाने जैसे पहलुओं की चर्चा शामिल है।इससे यह भी साफ हुआ है कि सभापति से ले कर महिला पार्षद गण ‘कठपुतली’ की भूमिका में थे।पुलिस अनुसंधान में संकेत मिले हैं कि बूचड़खाना घोटाला में असली खिलाड़ी उनके निकट सम्बन्धी रहे हैं।
इधर, उक्त कांड के अभियुक्तों व जन प्रतिनिधियो की अग्रिम जमानत अर्जी ख़ारिज होने पर पुलिस दबाव बढ़ गई है।जिससे रक्सौल पुलिस निकट सम्बन्धियों व कर्मियों पर भी नजर बनाए हुए है।
विश्लेषकों का मानना है कि जांच का दायरा विस्तृत हुवा तो आगामी निकाय चुनाव में वर्तमान पार्षद व पार्षद पतियों के चुनाव लड़ने पर भी मुुश्किल भी आ सकती है।हालांकि,नगर पार्षदों की एक टीम ने इस बाबत वरीय पुलिस अधिकारियों से मुलाकात किया है और नगर आवास विभाग के नियम एवं कानून के तहत पुलिस अनुसंधान पर सवाल उठाया है।साथ ही वरीय पुलिस अधिकारी से केस डायरी से नाम विलोपित कर निष्पक्ष जांच की मांग किया है।
इधर ,पूर्व नगर पार्षद शबनम आरा ने अग्रिम जमानत रद्द आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर शीघ्र ही अनुमंडल मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर पुलिस पर दबाव बना दिया है।एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उन्होंने कहा है कि यदि गिरफ्तारी नही हुई तो वे इस मामले को ले कर डीजीपी को ज्ञापन सौपेंगी।