रक्सौल/छौड़ादानो।( vor desk )।सीतामढी से रक्सौल तक रेल विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है।जिस पर शिघ्र ही इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ेगी।ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी।इसकी तैयारी रेलवे ने शुरू कर दी है।इसी को ले कर इस रेल खण्ड का निरीक्षण शनिवार को पूर्वी सर्किल (कोलकाता )के मुख्य संरक्षा आयुक्त( सीआरएस ) अनंत मोहन चौधरी एवं समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने किया।अधिकारीद्वय के हवाले से विद्युत अभियंता प्रमोद कुमार ने बताया कि सीतामढ़ी से रक्सौल तक 86 किलोमीटर रेल विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। जिसका मुख्य संरक्षा आयुक्त ने बहुत ही बारीक निरीक्षण किया है। निरीक्षण के बाद विद्युत इंजन से एक सौ दस किलोमीटर की रफ्तार से रक्सौल से सीतामढी तक ट्रेन की वापसी होगी। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही रक्सौल से समस्तीपुर एवं चारों तरफ के लिये इलेक्ट्रिक ट्रेन का परिचालन शुरू हो जायेगा।समस्तीपुर से दरभंगा एवं जयनगर और सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर तक विद्युतीकरण का सीआरएस पहले हीं हो चुका है। अब पूर्वी चंपारण ग्रीन सिटी के श्रेणी में आ जायेगा।
रक्सौल स्टेशन पर स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने रेल अधिकारियों से 6 वार्ड और अनेकों मुहल्लों – पंचायत के लोगों के सुविधा के लिए फुट ओभर ब्रिज का मांग किया।बताया कि रेलवे ढाला संख्या 33 और 34 के बीच लगभग एक किलोमीटर की दुरी है ।जिससे छात्र- छात्राए अन्य नागरिक रेलवे ट्रैक पार करने के क्रम दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। साथ ही रोड ओभर ब्रिज के निर्माण से रक्सौल का शक्लो सूरत बदल सकता है।
वहीं ,भारत विकास परिषद के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय शिष्ट मंडल ने भी ज्ञापन सौंपा जो रेलवे स्टेशन पर सौ फीट का तिरंगा फहराने व रेल पार्क के बेहतरी की मांग के साथ इसके नामकरण पर केंद्रित था।
इस क्रम में छौड़ादानो में स्थानीय संजीत कुमार कुशवाहा ने डीआरएम को बताया कि प्लेटफार्म की उंचाई काफी कम है। सीतामढी़ से रक्सौल के लिये सुबह शाम में एक भी ट्रेन नहीं है।
प्रमोद कुमार के नेतृत्व में लोगों ने डीआरएम को बताया कि ट्रेन नंबर 75225 एवं 75226 क्षेत्र की लाईफलाईन है। इससे रेलवे को काफी राजस्व संग्रह भी होता था। यह ट्रेन पूर्व में चलती थी जिसे कोरोना काल में बंद कर दिया गया जो आजतक बंद है। जनहित में इसका शीघ्र हीं परिचालन शुरू कराया जाये। पेयजल की सप्लाई पूरे स्टेशन में कहीं नहीं है। ग्यारह बजे रात के बाद कल होकर रक्सौल जाने के लिए एक भी ट्रेन नहीं है। सोलह घंटे अंतराल के बाद पहली ट्रेन दोपहर तीन बजे के बाद हीं है। रक्सौल से आने के लिए शाम को एक भी ट्रेन नहीं है।यदि इस ट्रेन को चालू कर दिया जाये तो सारी समस्याओं का समाधान स्वतः हो जायेगा।
डीआरएम ने लोगों को आश्वस्त किया कि शीघ्र हीं उक्त ट्रेन सहित अन्य कई ट्रेनें निर्धारित समय से चलने लगेगी। जिससे क्षेत्र की समस्याओं का समाधान हो जायेगा।
इस मौके पर सुरक्षा कड़ी रही।वहीं,इस नीरिक्षण के दौरान
आर एन झा, (सीनियर डी.ई.एन) रूपेश कुमार, (सीनियर डीओएम), आशुतोष झा, (सीनियर डीईई, ऑपरेशन), रविश रंजन, (सीनियर डीएमई,) श्री जनार्दन, (डी.ई.ई, टीआरडी) सहित उप मुख्य विद्युत अभियंता जीतेश सिंह,प्रेम कुमार,वरिष्ठ अनुभाग अभियंता प्रभारी आमोद कुमार सिंह एवं अन्य मौजूद थे।
छौड़ादानो के लाल ने किया कमाल:
रक्सौल से समस्तीपुर रेलवे विद्युतीकरण कार्य के इंचार्ज वरिष्ठ विद्युत अभियंता अमोद कुमार के अथक मेहनत और प्रयास से समय से पूर्व ही इस कार्य को पूर्ण कर लिया गया है। क्योंकि कोरोना काल खंड में भी दिन रात के अथक प्रयास से ये संभव हो पाया है। बताते चलें कि प्रमोद कुमार एवं अमोद कुमार मूलतः छौड़ादानो फार्म के निवासी अजय कुमार सिंह के पुत्र हैं। श्री अमोद कुमार के नेतृत्व में इससे पूर्व मुजफ्फरपुर से मोतिहारी – रक्सौल-वाल्मिकीनगर तक का विद्युतीकरण का कार्य का सीआरएस समय से पूर्ण करा लिया गया है। श्री कुमार को जीएम अवार्ड से नवाजा जा चुका है। छौड़ादानो के लाल के नेतृत्व में रेल विद्युतीकरण का कार्य होने से लोगों में खुशी का माहौल है। विद्युतीकरण होने से डीजल का बचत होगी।