-नेपाल -भारत सहयोग मंच के द्वारा बीरगंज -रक्सौल जन सम्बंध विषयक गोष्ठी आयोजित
रक्सौल।(vor desk )।नेपाल भारत सहयोग मंच द्वारा वीरगंज में भारत के अमृत महोत्सव व मंच के रजत जयंती समारोह के अवसर पर ‘ वीरगंज-रक्सौल जन सम्बंध’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।गोष्ठी में भारत -नेपाल सीमा को मॉडल बॉर्डर व रक्सौल को मॉडल टाउन बनाने के साथ ही ‘रक्सौल -वीरगंज ट्विन सिटी’ के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया गया।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए नेपाल के भारतीय महावाणिज्य दूतावास के उप महावाणिज्य दूत तरुण कुमार ने कहा कि सरकारों के बदलने से भारत नेपाल रिश्ते पर कोई असर नही पड़ेगा,क्योंकि, यह सम्बंध प्राचीन व ऐतिहासिक होने के साथ जनस्तर का है।उन्होंने कहा कि इंडो नेपाल ओपन बॉर्डर दुनियां में आदर्श और उदाहरणीय है।उन्होंने कहा कि बॉर्डर का विकास व जरूरी बुनियादी सुविधाओं की बहाली जरूरी है।इसके लिए आपस मे चर्चा व ताल मेल की जरूरत है।दोनो ओर के प्रशासनिक तंत्र को चाहिए कि जन व जरूरी समस्याओं का समाधान करे। रक्सौल -वीरगंज बॉर्डर को ट्विन सिटी के रूप में विकसित करने के लिए ठोस व उच्च स्तरीय पहल की जरूरत है।
गोष्ठी में बतौर विशिष्ट अतिथि सीतामढ़ी के एसएलके कॉलेज के प्राचार्य व भाजपा के शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रो डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि वीरगंज उत्तरोत्तर प्रगति करता रहा,रक्सौल पिछड़ता गया।अब तो इसकी आपस मे तुलना करना बेमानी है,लेकिन,रक्सौल के विकास के बिना वीरगंज का वैभव कायम नही रह सकता।उन्होंने रक्सौल के हरेक समस्याओं के समाधान के लिए सँघर्ष की व्यथा सुनाते हुए कहा कि-कापर करूँ श्रृंगार,पिया मोर आन्हर!’
।उन्होंने कहा कि रक्सौल को मॉडल टाउन की घोषणा अटल सरकार में ही हुई थी।इस पर कार्यान्वयन जरूरी है।उन्होंने कहा कि सरिसवा नदी प्रदूषण को ले कर लम्बे अरसे से आवाज उठाई जा रही है,दुःखद यह है कि अब तक नेपाल सरकार या उधमियों ने इसके समाधान पर गम्भीरता नही दिखाई।
इससे पहले अध्यक्षीय भाषण में मंच के केंद्रीय अध्यक्ष अशोक वैध ने कहा कि भारत नेपाल सम्बन्धो पर चर्चा तो बहुत बार हुई,बीरगंज-रक्सौल पर चर्चा पहली बार हो रही है।उन्होंने सीमा क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए रक्सौल से वंदे भारत सुपरफास्ट ट्रेन,फ्लाइट सेवा,सिक्स लेन सड़क,आइसीपी से पैसेंजर मूवमेंट चालू करने की मांग की।
वहीं,धन्यवाद ज्ञापन करते हुए राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार चन्द्र किशोर झा ने कहा कि कोरोना काल मे बॉर्डर बन्द रहने से रक्सौल और वीरगंज ने जो दर्द व समस्या झेली,उससे सिख लेते हुए काठमांडू-दिल्ली के इतर बॉर्डर के दोनो ओर के नागरिको को अपनी जिम्मेवारी व भूमिका समझनी होगी।रक्सौल -बीरगंज का रिश्ता दो शहर,दो स्थान का है।इस मर्म को समझना होगा,क्योंकि,हमारी जरूरतें साझा हैं।उन्होंने कहा कि रकसौल को काफी पहले जिला बन जाना चाहिए था।ऐसे मसलों व बुनियादी सुविधाओं की बहाली व पूर्वाधार विकास के लिए वीरगंज को प्रेसर बनाने की जरूरत है।इसमे व्यापारियों के साथ नागरिक समाज का रोल व आपसी सम्बन्ध अहम साबित होगा।
वक्ताओं ने बॉर्डर पर तार बाड़ लगाने की कोशिशों पर विरोध जताते हुए कहा कि यह पाक बॉर्डर नही है।यहां दोनो ओर नागरिको को आवाजाही के क्रम में बेवजह तंग करने के बजाय ‘मैत्री पुलिसिंग ‘की जरूरत है।सीमा क्षेत्र के विकास के लिए काठमांडू-दिल्ली पर दवाब बनाने की जरूरत है।जन प्रतिनिधियों को आवाज उठाने की जरूरत है।क्योंकि, रक्सौल-बीरगंज की दूरियां बढ़ी या बदहाली बनी रही,तो,दोनो देशों के लिए भी यह शुभ व सकरात्मक नही हो सकता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता व स्वागत मंच के केंद्रीय अध्यक्ष अशोक वैध ने की।गोष्ठी को महा वाणिज्यिक दूतावास के कौंसुल शैलेन्द्र कुमार,शशि भूषण कुमार, भारत नेपाल मैत्री संघ के युवा अध्यक्ष मनीष दुबे,वीरगंज युद्योग वाणिज्य संघ के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केडिया,प्रो0 मोनिका सिंह,प्रो0इंदु शेखर मिश्र, लक्ष्मी कर्ण,प्रो वासुदेव लाल दास, लायन्स क्लब काठमांडू के अध्यक्ष अमित चौधरी,मंच के उपाध्यक्ष अमर गौतम समेत गण मान्य लोगों ने सम्बोधित किया।मौके पर नेकपा नेता बाबू राम कौशिक,अधिवक्ता पन्नालाल साह,रामेश्वर सेढाई,रम्भा मिश्रा,डॉ सुषमा तिवारी,भाजपा कार्यकर्ता राम शर्मा,युवा सहयोग दल के महासचिव सन्तोष कुमार आदि मौजूद रहे।