रक्सौल।( vor desk )।नेपाल के परवानीपुर के राम बाण से निकलने वाली सरिसवा नदी रक्सौल से गुजररते हुए सिकरहना नदी में मिल जाती है।यह नदी प्रदूषित है।प्रदुषण मुक्ति के लिए लगातार आवाज उठती रही है,लेकिन,निदान कोसो दूर दिखता है।सबसे ज्यादा परेशानी छठ व्रतियों को होता है।क्योंकि,सरिसवा नदी किनारे रक्सौल शहर के 80 प्रतिशत से भी ज्यादा छठ व्रती पूजा करते है। यहां की प्रमुख घाट आश्रम रोड छठिया घाट, भखुवा ब्रम्ह स्थान, कस्टम पुल स्थित घाट, बाबा मठिया नागा रोड, त्रिलोकी मंदिर घाट है। सबसे ज्यादा भीड़ आश्रम रोड छठिया घाट, बाबा मठिया छठ घाट पर होती है। यह सभी घाट सरिसवा नदी के किनारे है। नेपाल के कल कारखानों से निकलने वाले जहरीले पानी से सरिसवा नदी दूषित हो जाती है। रक्सौल की जनता के द्वारा सरिसवा नदी के पानी को स्वच्छ करने की मांग छठ पर्व पर तेज हो जाती है। हर बार इसके लिए प्रशासन पत्र लिखती है,दो चार दिनों के लिए नेपाल से साफ जल प्रवाहित होता है,फिर,वही हाल हो जाता है।
इस बार भी छठ पूजा को देखते हुए एसडीओ आरती ने पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक को पत्र लिखा । जिसमे सरिसवा नदी में नेपाल के द्वारा कूड़ा कचरा व कल कारखाने का पानी नही छोड़ने के लिए पत्र प्रेषित करने का जिक्र था। एसडीओ आरती कुमारी के अनुशंसा पर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने नेपाल के भारतीय महावाणिज्य दूतावास के माध्यम से पर्सा जिला के मुख्य जिलाधिकारी को लिखित पत्र के माध्यम से सुसंचित किया है कि सरिसवा नदी नेपाल के पर्सा जिला होते हुए नगर परिषद रक्सौल से होकर गुजरती है। रक्सौल नगर परिषद के 80 प्रतिशत जनता सरिसवा नदी घाट पर ही छठ पर्व मनाते हैं। जिसमे सरिसवा नदी का जल पर्सा जिला नेपाल में स्थित फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित जल के कारण छठ व्रतियों को काफी कठिनाई होती हैं। इसको ले कर छठ पर्व के पावन अवसर पर सरिसवा नदी में नेपाल द्वारा दूषित जल के बहाव को रोकने हेतु ध्यानाकर्षण करते हुए इस बाबत अविलंब आवश्यक करवाई करने का आग्रह किया गया है।
इधर,हर बार पत्र लिख कर खानापूर्ति की बजाय ठोस कदम उठाने की मांग हो रही है,ताकि,सरिसवा प्रदूषण मुक्त हो निर्मल बन सके।(रिपोर्ट:राकेश कुमार )