रक्सौल।( vor desk )।पिछले वर्ष कोरोना के कारण प्रकाश पर्व दीपावली की खुशियां भी क्वारंटाइन हो गई थीं। न वो उल्लास ही था और न ही जोश। संक्रमण फैलने के डर के बीच लोगों ने दीपावली पर सिर्फ खानापूर्ति की थी। इस साल लोगों ने कोविड टिकाकरण की वजह से चैन की सांस ली, तो ,दीपावली पर उसका उत्साह भी दिखाई दिया है। बाजारों से लेकर घर तक जगमगा उठे । गांव से लेकर शहर तक लोगों में दीप उत्सव का उत्साह देखने को मिल रहा है।

सीमावर्ती शहर रक्सौल में शाम ढलते ही जगमग दीपों की रोशनी नजर आई। रंग बिरंगी लड़ियां लोगों के घरों पर रोशन हो गईं।घरों में रंग बिरंगी रँगोलिया सजाई गई।
देर रात तक आतिशबाजी हुई।घरों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देर रात्री तक पूजन हुए।रक्सौल बाजार में अनेको प्रतिष्ठान रात भर खुले रहे।
इस दौरान श्रद्धालुओ ने मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। बच्चे फुलझड़ी और मिठाइयों के साथ खूब मस्ती करते दिखे।
पर्व को ले कर दुकानों को रंग बिरंगे बल्बों व झालरों से सजा दिया गया था। पूजा को लेकर लोंगो में कोरोना का कोई डर नहीं दिखा। जबकि कई तो मास्क लगाकर ही अपने कार्य में जुटे रहे।
वैदिक मंत्रोचार्य से हुआ पूजा
दीवाली के दिन पंडित जी की काफी डिमांड रही। शाम में पूजा अर्चना वैदिक मंत्रोचार्य के साथ के शरू हुआ। इसके उपरांत देर रात्रि तक पूजा अर्चना हुआ।लक्ष्मी पूजा में पंडित जी का विशेष महत्व है।
कई दुकानों व घरों में पंडित द्वारा ही पूजा कराने की परंपरा कायम है। एक ही पंडित जी को कई दुकानों में पूजा अर्चन की जिम्मवारी संभल रखी थी। दिन से ही कई जगहों पर पूजन कार्य पंडित निपटाने में जुट गए। जबकि व्यपारिक प्रतिष्ठानों में सिंह लग्न की पूजा का महत्व है। जिसके कारण मध्यरात्रि तक सिंह लग्न के प्रतीक्षा में लोग जागरण में रहे।
दीपों से सज गयी रंगोली
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में घरों के आंगन व द्वार को रंगोली से सजा दिया गया। विभिन्न रंगों से सजी रंगोली को चारों ओर दीपों से सजा दिया गया। जलते दीपों से रंगोली की आकर्षक छटा दिख रही थी।
शहर के मंदिरों में भी आसपास की युवतियों ने रंगोली बनाकर दीवाली मनायी। घरों में भी लोंगो ने आंगन सहित पूजा घरों में आकर्षक रंगोली बनायी और उसके चारों ओर दीप जलाकर खुशी जाहिर की।