Saturday, November 23

बिना आईडी कार्ड के भारतीय नागरिक नही जा सकते नेपाल,देउबा सरकार का फरमान जारी!

काठमांडू।/रक्सौल।( vor desk )।नेपाल सरकार ने सीमा व्यवस्थापन व सीमा सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय नागरिकों के अंतराष्ट्रीय सीमा से नेपाल प्रवेश के लिए पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया है।

रविवार को केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री व गृह मंत्री बाल कृष्ण खाड़ ने इस आशय का निर्णय लेते हुए पहचान पत्र अनिवार्य करने के प्रावधान पर हस्ताक्षर कर दिया है।जिसके बाद गृह मंत्रालय ने इसको त्वरित तौर पर लागू करने के लिए सर्कुलर जारी करने की पहल शुरू कर दी है।बताया गया है कि भारतीय नागरिको को आधार कार्ड,वोटर आईडी कार्ड,ड्राइविंग लाइसेंस,शैक्षणिक प्रमाण पत्र आदि जैसे प्रमाण पत्र को नेपाल आते वक्त साथ रखना होगा।

बताते चलें कि 1750 किलो मीटर लंबी भारत-नेपाल की खुली सीमा पर आवाजाही बेरोक टोक व निर्बाध रूप से जारी है।कोविड काल मे बॉर्डर बन्द रहने के बाद पिछले दिनों अफगानी नागरिकों के काठमांडू में पकड़े जाने पर हड़कम्प मचा।कहा गया कि वे भैरहवा-सुनौली बॉर्डर होते काठमांडू गए।
इसी के बाद गृह मंत्रालय ने तस्करी,अपराध व अवैध घुसपैठ- आवाजाही को नियंत्रित करने के मद्देनजर नेपाल -भारत सीमा पर आवाजाही करने वालों के लिए परिचय पत्र जांच करने की तैयारी शुरू कर दी ।

बता दे कि पिछले दिनों राजधानी काठमांडू में फर्जी भारतीय आधार कार्ड के साथ बच्चों,महिलाओं समेत11अफगानी नागरिकों के पकड़े जाने के बाद बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी किया गया था।सुरक्षा जांच व चौकसी शुरू कर दी गई है।नेपाल की सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गई है।होटलों व रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से शरण लिए अन्य अफगान नागरिको की तलाश जोर शोर से जारी है।खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि कितने अफगानी नागरिक अधिकृत व गैर अधिकृत रूप से नेपाल में रह रहे हैं।अफगानी नागरिकों को शरणार्थी प्रपत्र जारी करने पर भी रोक लगा दी गई है।

इस बीच रविवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री बाल कृष्ण ख़ाँड़ की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में दोनो देशों के नागरिको को सीमा पर आवाजाही के लिए परिचय पत्र अनिवार्य करने का निर्णय लेते हुए इसके लिए कुटिनीतिक पहल शुरू की गई है।

इससे पहले शनिवार को हुई बैठक में इस बाबत सहमति बन गई थी,जिसे रविवार को अंतिम निर्णय व प्रक्रिया पूर्ण कर इसे लागू करने की पहल हुई है।बैठक में तर्क दिया गया कि तिब्बती,अफगानिस्तान,म्यांमार,ईरान,इराक जैसे युध्दग्रस्त मुल्क के नागरिको का घुसपैठ राष्ट्रीय व आंतरिक सुरक्षा पर खतरा है।इस पर चिंता जताते हुए तीसरे देशों के नागरिको के अवैध प्रवेश पर रोक के लिए विचार विमर्श किया गया।सीमा पर सीसीटीवी कैमरा की संख्या बढ़ाने,इमिग्रेशन व सुरक्षा निकाय की सक्रियता व निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया गया।’शरणार्थी’ के रूप में अफगानी व म्यांमार के रोहिंग्या के गतिविधियों पर नजर रखने की रणनीति बनी।बैठक में
रक्षा सचिव बेगेन्द्रराज शर्मा पौडेल, गृह मन्त्रालय के निमित्त सचिव प्रदीप कोइराला, राष्ट्रिय अनुसन्धान विभाग के मुख्य अनुसन्धान निर्देशक गणेशप्रसाद अधिकारी, सशस्त्र पुलिस के महानिरीक्षक शैलेन्द्र खनाल, नेपाली सेना के उपरथी निर्मलकुमार थापा, नेपाल पुलिस के अतिरिक्त महानिरीक्षक प्रधुम्न कुमार कार्की सहभागी थे।

*बिना पहचान पत्र के न दें कमरे का किराया: गृह मंत्रालय अंतर्गत
नेपाल इमिग्रेशन विभाग के महानिदेशक नारायण प्रसाद भट्टराई ने देश भर के आव्रजन कार्यालयों को भी विदेशी नागरिकों को ले कर निगरानी कड़ी करने का निर्देश दिया है।

वहीं,गृह मंत्रालय ने एक सार्वजनिक सूचना जारी कर मकान मालिकों से आग्रह किया है कि बिना पहचान पत्र के किसी को भी मकान/कमरे/अपार्टमेंट किराए पर न दें।

नेपाली गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणीन्द्रमणी पोखरेल के मुताबिक,अनिवार्य रूप से परिचय पत्र जांच करने का नियम लागू करने के लिए सर्कुलर जारी किया जा रहा है।भारत से लगी नेपाल के सभी बीओपी को भी सख्ती से जांच व पूछ ताछ के निर्देश दिए गए हैं। प्रवक्ता पोखरेल के अनुसार सीमा इलाके सहित अन्य स्थान में अपरिचित चेहरा या शंकास्पद लगने पर पुलिस को हिरासत में लेने का निर्देशन दिया गया है।

*तालिबान के पावं पसारने का संकट:अफगानिस्तान शरणार्थी के नाम पर तालिबानी संगठनों के पावं पसारने का खतरा बना हुआ है।इस आशंका को ले कर नेपाल की खुफिया एजेंसी राष्ट्रीय अनुसन्धान केंद्र ने सरकार को सतर्क किया है।विभागीय सूत्रों का कहना है कि कभी हिन्दू राष्ट्र रहे नेपाल में तालीबानी शक्तियां नेपाल -भारत दोनो के लिए सरदर्द साबित हो सकती है।गौरतलब है कि कंधार विमान अपहरण कांड व आईएसआई के नेपाल में पैठ की वजह से भारत सरकार सुरक्षा के मद्देनजर चिंतित रही है।रक्सौल बॉर्डर पर भी 2001 में अफगानी नागरिक पकड़े गए थे।इस बीच,बदलते घटना क्रम से भारतीय सुरक्षा निकाय भी सतर्क है।एसएसबी 47 वीं बटालियन ने भी रक्सौल बॉर्डर पर सतर्कता बरत रही है।काठमांडू में पकड़े गए अफगानी नागरिको के मामले के बाद को बॉर्डर की सुरक्षा को ले कर कमाण्डेन्ट प्रियवर्त शर्मा के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई ।

*सीमाई लोगों और व्यापारियों को होगी परेशानी:
नेपाल सरकार के इस फैसले से स्थानीय लोगों और व्यापारियों को थोड़ी परेशानी संभव है।क्योंकि, रोजमर्रा के काम और व्यापार के सिलसिले में लोग प्रतिदिन नेपाल आते जाते रहते हैं।

*नेपाल ने भारत से भी किया अनुरोध:
नेपाल की तरफ से यह निर्णय लागू कर दिया गया है। साथ ही उसने कूटनीतिक माध्यम से भारत को भी इस प्रकार का नियम लागू करने के लिए अनुरोध किया है।ताकि,भारतीय पक्ष भी पहचान पत्र जांच करे।

*बेंगलुरु में हुई बैठक में उठा था यह मुद्दा:
हाल ही में बेंगलुरु में भारत नेपाल की सुरक्षा संबंधी दो दिवसीय बैठक में भी इस विषय को उठाया गया था और नेपाल भारत की खुली सीमा का फायदा उठाकर किसी तीसरे देश के नागरिक द्वारा सीमा पार की घटना पर रोक लगाने को लेकर संयुक्त रूप से कारगर कदम उठाने पर भी चर्चा हुई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!