रक्सौल।(vor desk )।भारत-नेपाल के बीच रेलवे सर्विस एग्रीमेंट होने के बाद पहली बार निजी रेल कम्पनी की कन्टेनर रक्सौल पहुंची।इस कन्टेनर में रेल आयातित वस्तुएं नेपाल के सिरिसिया ड्राइपोर्ट भेजी गई।जानकारी के मुताबिक,रक्सौल रेलवे स्टेशन से नेपाल के पर्सा के सिरिसिया ड्राइपोर्ट के बीच रेल परिवहन विभागीय स्तर पर चल रहा था।इसी बीच इस वैदेशिक रेल परिवहन को भारत सरकार ने नीजी हाथों में सौंप दिया,जिसकी पहली खेप बुधवार को बीरगंज(नेपाल) स्थित अलौ ड्राइपोर्ट पहुंचा।नीजी कम्पनी की रेल के पहुंचने के बाद वहां वीरगंज उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता समेत ड्राइपोर्ट व टर्मिनल प्रबन्धन से जुड़े अधिकारियों द्वारा भव्य स्वागत हुआ।ट्रेन के चालक व गार्ड को फूल माला से लाद दिया गया ।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निजी क्षेत्र की भारतीय कम्पनी हिन्द टर्मिनल प्रा.लि.(एचटीपीएल) की पहली रेल हल्दिया बन्दरगाह से वीरगंज ड्राइपोर्ट पहुंची है।इसे नेपाल- भारत समेत तीसरे देशों के बीच आयात -निर्यातमुलक व्यापार व रेल ट्रांसपोर्टेशन के लिए नए युग की शुरुवात मानी जा रही है।
वर्ष 2004 में उद्घाटन के बाद से वीरगंज के सिरिसिया ड्राईपोर्ट के लिए भारत के कोलकत्ता, हल्दिया समेत विभिन्न बंदरगाहों से भारत समेत तीसरे देशों के वस्तुओं की ढुलाई रेलवे के जरिये होती रही है।
अब तक भारतीय रेलवे के सिस्टर कन्सर्न कही जाने वाली ‘कोन्कर’ का इस पर एकाधिकार था।किंतु, नेपाल व भारत के सरकार के बीच हुए रेलवे सर्भिस एग्रिमेन्ट(आरएसए) अनुसार, नेपाली, भारतीय या विदेशी रेल संचालन करने वाली कम्पनी भी मालसमान ढोने वाले रेल का संचालन-परिचलन कर सकती है।इस के बाद ही निजी क्षेत्र के हिन्द टर्मिनल की रेल का संचालन -परिचालन शुरू हुआ।
पश्चिम बंगाल की हल्दिया बन्दरगाह से ड्राइपोर्ट पहुंची यह कन्टेंनर युक्त रेल बिहार के सीतामढ़ी रूट से रक्सौल होते नेपाल प्रवेश की।
नेपाल इन्टरमोडल यातायात विकास समिति के निर्देशक हेमेन्द्र शाही के अनुसार 20 फुट के 90 कन्टेनर लोड निजी रेल हिन्द टर्मिनल की यह पहली रेल कस्टम क्लिरेन्स की सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बुधवार की सुबह ड्राइपोर्ट पहुंची है।नेपाल भारत के द्विपक्षीय व्यापार के सहजिकरण के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक कदम है।
इधर,निजी रेल के स्वागत कार्यक्रम में वीरगंज उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता,द्वितीय उपाध्यक्ष माधव राजपाल आदि ने स्वागत करते हुए कहा कि इससे ने केवल व्यापारियों को सुविधा व सुगमता होगी।बल्कि,प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।रेल भाड़ा में कमी आने से आयात-निर्यात सस्ता हो सकेगा।सही समय पर किफायती ढुलाई से व्यापार बढ़ेगा। नेपाल -भारत सहयोग मंच के केंद्रीय अध्यक्ष अशोक वैध ने कहा कि निजी रेल संचालन से तकरीबन 10 से 20 प्रतिशत तक माल ढुलाई का दर कम होगा।समय भी कम लगेगा।
बता दे कि ड्राइपोर्ट संचालक कम्पनी प्रीस्टिन भ्याली प्राइवेट लिमिटेड भी निजी रेल सेवा संचालन शुरू करने वाली है।इस योजना पर काम चल रहा है,जिसे शीघ्र जमीनी रूप मिल सकता है।
गौरतलब है कि हिन्द टर्मिनल प्रा.लि. 2005 से मुम्बई की जवाहरलाल नेहरु बन्दरगाह पर संचालन में है।शुरु में वेयरहाउस संचालन से जुड़ने के बाद लजिस्टिक व्यवसाय में हाथ डाला।अब भारत सरकार की अनुमति से निजी रेल का संचालन कर रही है।इसका भारत के जवाहरलाल नेहरु पोर्ट, मुन्द्रा, हजिरा, चेन्नई में निजी कन्टेनर फ्रेट स्टेशन व दिल्ली के पलवार में मल्टी मोडल रेल लिंक्ड लजिस्टिक पार्क संचालित है।
साढ़े 9 बजे रक्सौल से रवाना:नेपाल जाने वाले पहले निजी रेल को रक्सौल जंक्शन से सुबह के साढ़े नौ बजे कस्टम व रेलवे की सभी औपचारिक प्रक्रिया के बाद रवाना किया गया।इसकी पुष्टि करते हुए रक्सौल के स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने कहा कि इससे रेल के आय- व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी।