Tuesday, November 26

रक्सौल को बौद्ध सर्किट से जोड़ा जाए,गौतम बुद्ध के नाम पर हो अंतराष्ट्रीय द्वार:मुनेश राम

रक्सौल।( vor desk )।अंतरराष्ट्रीय शहर रक्सौल को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की जरूरत है।इससे अंतरराष्ट्रीय फलक पर शहर को प्रतिस्थापित करने में मदद मिलेगी, क्योंकि विश्व प्रसिद्ध केशरिया बौद्ध स्तूप को लौरिया नंदन गढ़ के साथ ही बोधगया से कुशीनगर तक को जोड़ने की कवायद जारी है।इसे अगर तथागत गौतम बुद्ध की जन्मस्थली कपिलवस्तु(लुम्बिनी) से जोड़ दिया जाय तो इसके मुख्य ओपन द्वार रक्सौल ही होगा।उक्त मामले को लेकर अम्बेडकर ज्ञान मंच के संस्थापक मुनेश राम ने पीएम नरेंद्र मोदी,रेलमंत्री सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को एक ट्विटर अभियान के तहत ट्वीट करते हुए कहा है कि रक्सौल को अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में पहचान मिले,इसके लिए रेल प्रशासन को पहल की जरूरत है।स्थानीय रेल प्रशासन को चाहिए कि पड़ोसी देश नेपाल के लिए आनेवाले देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए आवश्यक पहल करें तथा पर्यटकीय शहर के रूप में रक्सौल को नई पहचान मिले, इसके लिए रक्सौल स्टेशन को विकसित करने की जरूरत है तथा रक्सौल स्थित रेलवे स्टेशन व पार्क को इको पार्क के रूप में विस्तारित करते हुए उक्त पार्क में ही दुनिया को सत्य,अहिंसा,करुणा-मैत्री,समता के संदेश देनेवाले तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा के साथ उनके जीवनी व संदेशों को स्टेशन की दीवालों पर उत्कृण करते हुए उनकी प्रतिमा को पार्क में विशाल रूप देकर स्थापित करें।साथ ही उन्होंने बताया कि सुगौली-सोनपुर रेलखंड की निर्माण प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।जो रक्सौल के विकास की प्रमुख ईबारत गढ़ेगा,क्योंकि उक्त रेलखंड से विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप केसरिया का रक्सौल व नेपाल से सीधे जुड़ाव होगा और वैदेशिक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनकर उभरेगा।रेलमार्ग व सड़क मार्ग के साथ ही रक्सौल हवाई मार्ग का भी प्रमुख केंद्र होगा।जहां से नेपाल के लुम्बिनी के लिए सीधे हवाई उड़ान की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।फ़लतः रेल विभाग को चाहिए कि सीतामढ़ी स्टेशन परिसर में बने जनक नन्दिनी के उद्गम को बयां करते हल चलाते राजा जनक की प्रतिमा की तरह गौतम बुद्ध सिद्धार्थ के जीवन से जुड़े कलाकृतियों को मिथिलांचल शैली की तरह विकसित करते हुए इसे पर्यटकीय रूप से प्रचार-प्रसार को महत्वपूर्ण स्थान दें और रक्सौल के पार्क को बौद्ध संस्कृतियों से सुसज्जित कर पूर्व के रेलवे मैदान को जलीय जीवों व प्रवासी पक्षियों के अभ्यारण्य के रूप में विकसित कर उसके बीचोबीच भी गौतम बुद्ध की विशाल प्रतिमा को स्थापित करते हुए उसे आकर्षक रूप से सजाने पर बल दें।अगर रेल प्रशासन इस कार्य को मूर्तरूप देने में अक्षम हो तो स्थानीय स्तर पर अम्बेडकर ज्ञान मंच इसे गोद लेकर रेल प्रशासन के नियमों के अनुकूल पर्यटकीय रूप देने में महती भूमिका अदा कर सकता है और रेल परिसर में ही बौद्ध संग्रहालय के साथ तथागत की आकर्षक प्रतिमा का अनावरण करने में सक्षम है,हालांकि रक्सौल को सीमाई भारत माला रोड से जोड़ने की तैयारी प्रस्तावित है किंतु बौद्ध सर्किट से जोड़े जाने की जरूरत है।इसके साथ ही रक्सौल के कोईरी टोला अम्बेडकर चौक पर स्थित वर्ल्ड सिंबल ऑफ नॉलेज संविधान निर्माता भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने के लिए भी उक्त स्थल पर ही गोलंबर निर्माण करने के लिए भी मंच कृत संकल्पित है।इसके लिए भी प्रयास जारी है,गेंद सड़क निर्माण कम्पनी व स्थानीय प्रशासन के पाले में है,जिसे मूर्तरूप देने है।मंच के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार ने स्थानीय बुद्धिजीवियों,व्यवसायियों,शिक्षाविद व समाजसेवियों के साथ युवा वर्ग का आह्वान करते हुए कहा कि जिस तरह पड़ोसी देश नेपाल ने अपनी दिलेरी का परिचय देते हुए भारतीय संस्कृति को जीवंतता प्रदान किया है और हिन्दुओं के आदिगुरु शंकराचार्य के नाम से अपनी सीमा पर अंतरराष्ट्रीय शंकराचार्य गेट(मुख्यद्वार) की स्थापना की है।उसी तरह हमारे सरकारों को भी चाहिए कि नवनिर्मित आईसीपी गेट के मुख्यद्वार पर विश्व गुरु तथागत गौतम बुद्ध के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मुख्य द्वार की स्थापना कराने की आवाज बुलंद करें।इससे रक्सौल शहर को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी तथा वैश्विक स्तर पर हमें भी स्वच्छ,सुंदर व विकसित शहर नए सिरे से जीवन जीने का अवसर प्राप्त होगा।इस मुहिम को एक अभियान के रूप में शुरू करने की जरूरत है।

1 Comment

  • Munesh ram

    भारत-नेपाल के संस्कृति कर्मियों,उद्योगपतियों,व्यवसायियों के साथ ही मीडियाकर्मियों व नवजवानों से आग्रह है कि इस मुहिम को जोरदार तरीके से उठाए,जिससे सरकारी स्तर पर शहर को विकसित करने तथा विश्वगुरु तथागत गौतम बुद्ध की जन्मस्थली को उनकी कर्मस्थली से जोड़ने में सफलता मिले।इसे अपने पोर्टल में प्रमुखता से स्थान देने के लिए voice of raxaul को कोटिशः धन्यवाद💐

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