रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल के ‘डब्बल मर्डर कांड’ व ‘फर्जी एसपी प्रकरण’ के मामले को ले कर पूर्वी चंपारण के एसपी नवीन चन्द्र झा गुरुवार को जांच के लिए पहुंचे और सम्बंधित कांडों का पर्यवेक्षण किया।उन्होंने हत्या स्थल का निरीक्षण किया। घटना स्थल के मुआयने के बाद उन्होंने पलनवा व रक्सौल थाना पहुंच कर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमे आवश्यक ब्यौरा जुटाया और टास्क के साथ आवश्यक निर्देश दिए।
घटना की जांच के लिए गठित एसआईटी की मोनिटरिंग कर रहे एसपी नवीन चन्द्र झा ने आरोपों में घिरे रक्सौल के एएसआई संजय कुमार सिंह के बारे के भी कई बिंदुओं पर पूछ ताछ कर आवश्यक जानकारी जुटाई।इसके बाद रक्सौल थाना में ही विभागीय जांच के दौरान उन्होंने ड्यूटी से हटाते हुए उन्हें लाइन हाजिर कर मोतिहारी पुलिस लाइन भेज दिया।हालांकि,एएसआई संजय सिंह रक्सौल थाना में एसपी के समक्ष उपस्थित नही दिखे।बताया गया कि संजय सिंह को नोटिस कर जवाब मांगा गया है की क्यों न उनके ऊपर कठोर कार्रवाई की जाए?यह मामला दूसरे थाना क्षेत्र में विधायक के आवास पर हुए कथित पंचायती में तीस लाख का कागजात बनाने में शामिल होने व इस प्रकरण में विवादित भूमिका का है।
उन्होंने स्वर्ण व्यवसायी कपिलदेव सर्राफ व उनके पौत्र चंदन के 12 सितंबर (सोमवार) की देर शाम हुए हत्या कांड के मामले में मृतक के परिजन के आवेदन पर पलनवा थाना में दर्ज प्राथमिकी में अग्रतर कार्रवाई को ले कर भी निर्देशित किया।इस मामले में पूछने पर उन्होंने कहा कि इस मामले में दो नामजद समेत एक अज्ञात के खिलाफ केश दर्ज कर लिया गया है। अब तक मर्डर कांड में कोई गिरफ्तारी नही हुई।इस मामले में पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने आरोपी दिनेश महासेठ व मधु राय को हिरासत में लिए जाने के बारे में कोई प्रतिक्रिया नही दी।
वहीं,नकली एसपी बन कर दिनेश महासेठ को कॉल करने के मामले में एसआईटी टीम से जुड़े रक्सौल इंस्पेक्टर शशिभूषण ठाकुर के द्वारा दर्ज पुलिस केश में रकसौल के गंगा राय व यूपी के राम प्रवेश को गिरफ्तार किया जा चुका है।इसमे एक ने बात की थी,दूसरे की मोबाइल थी।इसकी पुष्टि में उन्होंने कहा कि दोनो को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।उन्होंने बताया कि इस मामले में प्रयुक्त मोबाइल बरामद कर लिया गया है।कॉल डिटेल्स खंगाला जा रहा है।पूछ ताछ के आधार पर निरंतर जांच चल रही है।इस मामले में विधायक का नाम उछलने और एएसआई संजय सिंह की संदिग्ध भूमिका पर कहा कि सन्देह के दायरे में रख कर जांच की जा रही है।एसपी श्री झा का कहना है कि विधायक व एएसआई संजय झा अभियुक्त नही बनाये गए हैं।उनका नाम एफआईआर में अभियुक्त कॉलम में नही है।इस घटना में जो विडियो वायरल हुआ है और इसका जो मुल आवेदन है उसमें विधायक का नाम आया है लेकिन प्राथमिकी मे उनका नाम दर्ज नही है। जो लोग भी इस घटना मे शामिल है या उनकी भूमिका उजागर हुई है वो सभी जांच के दायरे में है।जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसपी श्री झा ने कहा कि मामले की एसआईटी टीम जांच कर कर रही है।टेक्निकल सेल भी जांच कर रही है।पूछ ताछ,वायरल ऑडियो -वीडियो और अन्य एविडेन्स के आधार पर अनुसंधान जारी है।मर्डर केश का आईओ पलनवा थानाध्यक्ष को बनाया गया है।जो भी जांच में दोषी पाया जाएगा,उस पर कारवाई की जाएगी।
बता दे कि एसपी नवीनचंद्र झा के द्वारा रक्सौल एएसपी चन्द्र प्रकाश के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई है। जिंसमे रक्सौल इंस्पेक्टर शशिभूषण ठाकुर,सुगौली इंस्पेक्टर अभय कुमार भी शामिल बताए गए हैं।
बताया गया है कि मृतको के परिजनो समेत सम्बंधित लोगों का बयान भी पुलिस ने कलमबंद किया गया है।साथ ही उन्होंने नव पदस्थापित एसडीपीओ चन्द्र प्रकाश की उपस्थिति में अनुमण्डल के पुलिस निरीक्षक व थानाध्यक्षों के साथ बैठक कर विधि व्यवस्था की समीक्षा की।
उन्होंने पूछने पर बताया कि वे थाना का निरीक्षण करने के लिए आए है। नए एसडीपीओ आए है उन्हें भी रक्सौल अनुमंडल की भौगोलिक स्थिति और अपराधिक इतिहांस के बारे मे बताना था। इसी उद्देश्य से हम रक्सौल आए है।
मीडिया से बात में साफ कहा कि एएसआई संजय कुमार सिंह को विरमित कर सो कॉज किया गया है।लाइन हाजिर कर दिया गया है।
उन्होंने रक्सौल में बढ़ते भूमि विवादों पर एक सवाल के जवाब में कहा कि पुलिस इस पर अंकुश के लिए प्रतिबद्ध है।पुलिस अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित भी किया गया है कि ऐसे मामले न बढ़ें।थाना में थानाध्यक्ष व सीओ के द्वारा हर शनिवार को जनता दरबार लगा कर मामलों का निष्पादन किया जाता है।वहा से निपटारे नही होने पर एसडीएम के यहा भी मामले के निष्पादन की ब्यवस्था है।जरूरत पर विधि सम्मत कार्रवाई भी की जाती है।
इस मौके पर एसडीपीओ चन्द्र प्रकाश,इन्सपेक्टर शशीभुषण ठाकुर,सुगौली इन्सपेक्टर अभय कुमार,हरैया थाना के प्रभारी गौतम कुमार,एस आई रणधीर सिंह सहित अनेक पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
ग़ौरतलब है कि रक्सौल के सुदामा प्रसाद की शहर के बाईपास एरिया में सवा छह कट्ठा जमीन के बिक्री को ले कर स्वर्ण व्यवसायी कपिलदेव प्रसाद सर्राफ के नाम पर अगस्त माह में एक महादा बना था।जो स्थानीय दिनेश महासेठ ने बनवाया था,जिसने 30 लाख रुपये कपिलदेव प्रसाद से लिया और बदले में सुदामा प्रसाद से दस धुर जमीन रजिस्ट्री करा दी।साथ ही 25 लाख रुपये दो किश्त में दे दिये।इस मामले में लेन देन विवाद को ले कर एक विधायक के आवास पर पंचायती हुई,पंचनामा बना।इसी क्रम में एक नकली एसपी का कॉल दिनेश महासेठ को आया और कपिलदेव प्रसाद के पक्ष में जमीन रजिस्ट्री करने अथवा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी।जिसके बाद दिनेश डीआईजी के पास चले गए।एसपी ने जांच के लिए एसआईटी टीम गठित कर दी।इसी बीच,जब दिनेश एसपी के पास गए।वहीं,इस जांच टीम गठित होने से हड़कम्प मचा और इसी क्रम में देर शाम करीब सात बजे कपिल देव प्रसाद व उनके रिश्ते के पौत्र चन्दन की हत्या डिबनी घाट पुल के पास तब कर दी गई,जब वे रक्सौल से बाइक से अपने गांव परसौना तपसी जा रहे थे।उन्हें अस्पताल लाया गया,जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।इससे पहले घायल कपिलदेव सर्राफ ने एक वीडियो बयान में तड़पते हुए बताया कि एक बाईक पर सवार तीन लोगों के द्वारा गोली चलाया गया।इसमे उन्होंने ब्लॉक रोड निवासी दिनेश महासेठ व सिसवा निवासी मधु राय का नाम लिया।लेकिन,तीसरे के बारे में वे कुछ नही बोले।यह डब्बल मर्डर के बाद सियासत तो तेज हो गई,लेकिन,कातिल अब तक पकड़ से बाहर है।