Tuesday, November 26

रक्सौल बॉर्डर पर यूएसए व कोर्रोसिव अंकित मर्करी सिलेंडर बरामदगी से हड़कम्प, एक नेपाली समेत दो को हिरासत में ले कर जांच पड़ताल जारी!

रक्सौल।( vor desk )।अफगानिस्तान पर तालिबानी हुकूमत कायम होने और इस कारण देश मे होने वाले किसी भी आतंकी घुसपैठ -घटना के मद्देनजर भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।इसी बीच रक्सौल बॉर्डर के रेलवे स्टेशन रोड स्थित राम जी चौक के पास यूएसए अंकित एक संदिग्ध सिलेंडर बरामद होने से हड़कम्प मच गया।ऊक्त काले रंग के छोटे सिलेंडर पर स्पष्ट रूप से बड़े अक्षरों में ‘कोर्रोसिव’ ( ज्वलनशील,विस्फोटक, संक्षारक ) और ‘मर्करी -आरक्यू 2809 ईयू एन’ लिखा हुआ था ।इस बात पर की आशंका व्यक्त की गई कि वह बम हो सकता है।इसकी सूचना मिलते ही एसएसबी के कमाण्डेन्ट प्रियवर्त शर्मा के निर्देश पर एसएसबी इंस्पेक्ट उदय कुमार सिंह,रक्सौल के पुलिस इंस्पेक्टर शशिभूषण सिंह,रेल सुरक्षा बल( आरपीएफ ) के इंस्पेक्टर राजकुमार, राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी ) के थानाध्यक्ष पंकज कुमार दास,आदि सदल बल पहुंच गये।एसएसबी के बम निरोधक दस्ते ने जांच की।संदिग्ध सिलेंडर को नियंत्रण में ले ले लिया गया।जिसके बाद गहन जांच पड़ताल शुरू कर दी गई।
हालांकि,जांच के बाद यह साफ हो गया कि यह बम या कोई विस्फोटक नही है।तब जान में जान आई।

बताया गया कि उस सिलेंडर में पारा( मर्करी ) व केमिकल मौजूद था।हालांकि,यह जांच के बाद हीं साफ होगा कि मामला क्या है।

इसी जांच के क्रम में एसएसबी ने शहर के मुख्य पथ स्थित फिक्सिंग पॉइंट से ऐसे ही सिलेंडर के साथ दो लोगों को नियंत्रण में लिया और जांच पड़ताल शुरू की ।दोनो राजकीय रेल पुलिस के हिरासत में हैं।जिनसे गहन पूछ ताछ की गई,जिंसमे उन्होंने बयांन दिया कि वे कैरियर हैं।उक्त माल वे पहले भी ढोते रहे हैं।बरामद समान को वे वीरगंज में शम्भू प्रसाद के पेंट दुकान में डिलीवरी करने ले जा रहे थे।

हालांकि,इस बीच शहर के मौजे निवासी एक दावेदार गौतम कुमार भी सामने आया जिसने दावा किया कि इसमे पेंट है।उसने रेलवे की बिल्टी दिखाते हुए बताया कि यह पेंट आईना के पीछे लगाया जाता है।मूर्ति निर्माण में भी इस्तेमाल होता है।इसे सत्याग्रह एक्सप्रेस से दिल्ली से मंगाया गया है।उसके मुताबिक,रामजी चौक से नियंत्रण में लिया गया सिलेंडर भी उसी का है।

इस बीच रक्सौल कस्टम के इंस्पेक्टर किशोर कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने पहुंच कर जांच की।उन्होंने कहा कि यह लीगल आइटम है ।इसका विपत्र भी है।यह प्रतिबंधित नही है।बरामद सिलेंडर की कीमत 25 हजार रुपये आंकी गई ।

इस बीच,जहां एक ओर एसएसबी ने उक्त दोनो बरामद सिलेंडर युक्त वस्तु को मोतिहारी कस्टम को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की,वहीं,रेल प्रक्षेत्र से नियंत्रण में लिए गए सिलेंडर और दोनो व्यक्तियों को राजकीय रेल पुलिस ने अपने हिरासत में ले कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।जांच में यह सामने आया है कि सुपर पार्सल सर्विस से इसे मंगाया गया है।जिसकी रसीद भी मिली है।जिस पर शम्भू प्रसाद का मोबाइल नम्बर भी अंकित है।विशेषज्ञों से सिलेंडर की जांच कराये जाने की सूचना है,हालांकि,अधिकारी सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से इनकार हैं।

अधिकारियों के मुताबिक,हिरासत में लिए गए दोनो व्यक्तियों की पहचान शहर के मौजे निवासी राज कुमार एवं नेपाल के पर्सा जिला बिंदवासिनी (पोखरिया )के निवासी प्रमोद यादव के रूप में की गई है।खुफिया विभाग के अधिकारियों की पूरे प्रकरण पर नजर बनी हुई है,क्योंकि, अब तक दावेदार और हिरासत में लिए गए दोनो के बयानों में विरोधाभास होने की खबर है।

इधर,सूत्रों का कहना है कि मर्करी ( पारा )का उपयोग मेडिकल इस्तेमाल के लिए भी होता है।थर्मामीटर बनाने से ले कर दवा तक मे उपयोग होता है।लेकिन,यह विष होता है,जिसके सेवन से जान जा सकती है।जबकि, इस सिलेंडर पर कोर्रोसिव ( संक्षारक ) अंकित होने से सन्देह गहरा जाता है।दूसरी सबसे अहम बात यह है कि ‘रेड मर्करी ‘से बम बनाता जाता है,जिसकी काफी डिमांड है।ऐसे में जांच से ही स्पष्ट होगा कि यह सिलेंडर यूएसए से रक्सौल कैसे पहुंचा और नेपाल कैसे जा रहा था।इसके लिए इजाजत ली गई थी या चोरी छिपे यानी तस्करी कर नेपाल ले जाया जा रहा था।क्या इसमे रेड मर्करी है?फिलहाल, इस सिलेंडर बरामदगी से खुफिया विभाग हरेक एंगल से जांच में जुटी हुई है।

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