रक्सौल।( vor desk )।जनता की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से विमान कंपनियां रक्सौल जैसे हवाई अड्डों से सेवा आरंभ करने में रुचि दिखाएंगी। अंतरराष्ट्रीय महत्व के रक्सौल हवाई अड्डे को क्रियाशील बनाने को लेकर शिक्षाविद डॉ. स्वयंभू शलभ के प्रयासों के प्रति अपनी शुभकामना व्यक्त करते हुए उक्त बातें नागर विमानन मंत्रालय (भारत सरकार) के माननीय राज्यमंत्री जनरल डॉ. वी. के. सिंह (से.नि.) ने बीते 17 अगस्त को भेजे अपने मेल संदेश में कही है।
डॉ. सिंह ने आगे कहा है कि सरकार ‘उड़ान’ परियोजना के अंतर्गत पुरजोर प्रयास कर रही है कि देश का आम नागरिक हवाई यात्रा अधिक से अधिक कर सके। इस पहल के अंतर्गत नागर विमानन मंत्रालय का प्रयास है कि अधिक से अधिक हवाई अड्डे विकसित हो सकें जिससे यह सुविधा देश के सभी कोनों में पहुंच सके। साथ ही ध्यान देने की बात यह है कि यह परियोजना विमानन क्षेत्र के समस्त प्रतिभागियों को अवसर देती है कि वे स्वयं निर्धारित करें कि किस क्षेत्र से हवाई सेवा आरंभ करना उनके लिए आर्थिक रूप से तर्कसंगत है। सरकार का इस परियोजना में हस्तक्षेप अभी इससे अधिक संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा है कि हमारा प्रयास है कि रक्सौल जैसे और हवाईअड्डे भी क्रियाशील हों परंतु इसके लिए धैर्य की आवश्यकता है। मुझे पूरा विश्वास है कि जनता की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से हवाई कंपनियां ऐसे हवाई अड्डों से सेवा आरंभ करने में रुचि दिखाएंगी।
विदित है कि डॉ. शलभ द्वारा पीएमओ को भेजी गई अपील के आलोक में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा अब तक तीन बार इस एयरपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी जा चुकी है।
साथ ही पीएम पैकेज बिहार- 2015 में आबंटित 250 करोड़ की राशि का उपयोग रक्सौल एयरपोर्ट के विकास में किये जाने और एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जिस 121 एकड़ की अतिरिक्त भूमि के आबंटन की मांग बिहार सरकार से की गई उसे भी यथाशीघ्र उपलब्ध कराये जाने हेतु डॉ. शलभ ने माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ पत्राचार किया है जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा कैबिनेट सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी (पार्लियामेंट अफेयर्स) तथा चीफ सेक्रेटरी को विचारार्थ भेजा जा चुका है।
डॉ. शलभ ने माननीय राज्यमंत्री जनरल डॉ. वी. के. सिंह जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सहमति से निश्चित ही इस एयरपोर्ट को स्वीकृति मिलेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी यह एयरपोर्ट महत्वपूर्ण सिद्ध होगा और यहीं से सही मायनों में इस सीमाई क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का रास्ता खुलेगा।