रक्सौल।( vor desk )।रक्सौल नगर परिषद में लंबे समय से चल रहे सियासी उठा पटक व कुर्सी के लिए चल रहे घमासान का अंत सत्ता परिवर्तन के साथ हो गया।आखिरकार ,बुधवार को हुए नगर परिषद के मुख्य पार्षद के चुनाव में चंदा देवी निर्विरोध चुन ली गईं।वे वार्ड 13 की नगर पार्षद और रक्सौल के क्षेत्र संख्या 1 के पूर्व जिला पार्षद सुरेश प्रसाद साह की पत्नी हैं।साथ ही नगर परिषद के पूर्व उप मुख्य पार्षद काशी नाथ प्रसाद की भावज भी हैं।
बुधवार को शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव के बीच उन्हें निर्वाचित घोषित किया गया,तो,बधाइयों का तांता लग गया।
चुनाव के दौरान नगर के 25 में चौबीस वार्ड पार्षद मौजूद रहे।अगर अनुपस्थित थीं तो हाल ही में पदच्युत हुईं पूर्व मुख्य पार्षद उषा देवी,जिन्होंने हार जीत के समीकरण का अंदाज करते हुए खुद को इस चुनाव से अलग कर लिया।
चुनाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से 18 अगस्त यानी आज बुधवार की तिथि निर्धारित की गई थी।जिसको ले कर शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने हेतु सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए थे।डीएम शीर्षत कपिल अशोक के निर्देश पर प्रेक्षक के रूप में शशि शेखर और निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में एसडीएम आरती कुमारी ने चुनाव सम्पन्न कराया।
प्रस्तावक के तौर पर वार्ड 15 के नगर पार्षद राज किशोर प्रसाद व समर्थक के तौर पर वार्ड 10 के नगर पार्षद रवि गुप्ता ने मुख्य पार्षद उम्मदीवार चंदा देवी को समर्थन दिया।विपक्ष किसी ने उम्मदरवारी नही दी।जिसके बाद कुल 24 पार्षदों में उम्मीदवार, प्रस्तावक, समर्थक के अतिरिक्त किसी भी पार्षद के द्वारा विरोध नही करने पर निर्वाची पदाधिकारी सुश्री आरती ने चंदा देवी को निर्वाचित घोषित कर दिया।
निर्वाचित घोषित होने के बाद उन्हें शपथ दिलाया गया।चुनाव कक्ष से बाहर निकलते ही पार्षदों व समर्थकों ने उनका जबरदस्त स्वागत किया।उन्हें फूल माला व गुलाल से लाद दिया।
नव निर्वाचित मुख्य पार्षद चंदा देवी ने पत्रकारों से कहा कि रक्सौल का सर्वांगीण विकास ही मेरा अंतिम लक्ष्य होगा।सबो का साथ,सबका विश्वास और रक्सौल का विकास के साथ ही शहर को अंतराष्ट्रीय पहचान व मान सम्मान दिलाना मेरा ध्येय होगा।उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि पार्षदों ने मुझ पर विश्वास किया और मुख्य पार्षद की कुर्सी पर बिठाया है,इसके लिए उन्हें तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हुए वायदा करती हूं कि उनके व शहरवासियो के उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरने की कोशिश करूंगी।
बता दे कि चंदा देवी शहर के मौजे वार्ड 13 की रहने वाली हैं।शहर के बीच से मुख्य पार्षद चुने जाने से शहरवासियो की उम्मीदें एक फिर से बढ़ गई हैं।
गौरतलब है कि उप मुख्य पार्षद काशी नाथ प्रसाद को तत्कालीन मुख्य पार्षद उषा देवी खेमा द्वारा कुर्सी से हटाने के बाद से सियासी उठा पटक तेज हो गई थी।श्री प्रसाद की अगुवाई में बुच्चड़ खाना की भूमि खरीद में घोटाला और शेड आवंटन के लिये टेंडर करने के अनियमितता के मामले को जोर शोर से उठाया गया,जिससे मुख्य पार्षद उषा देवी की कुर्सी हिल गई।एक ओर सरकारी स्तर पर इस मामले में जांच में आरोप के आधार पर अनियमितता पाए जाने पर करवाई शुरू हो गई,तो,दूसरी ओर सदन का विश्वास खो देने के कारण पिछले माह उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया गया।मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा।अंततः चुनाव की तिथि निर्धारित हुई और अब मुख्य पार्षद चंदा देवी निर्विरोध मुख्य पार्षद चुन ली गईं।
हालांकि,मुख्य पार्षद का कार्यकाल सीमित अवधि का ही है,क्योंकि,अगले वर्ष चूनाव होने हैं।ऐसे में उन्हें कार्यालय से ले कर क्षेत्र तक चुनौतियों से जूझना होगा।जबकि,नगर के लोग बेहतरी की बहुत सारी उम्मीदे पालें बैठें हैं।
ये लोग रहे उपस्थित:
इस मौके पर कार्यपालक दंडाधिकारी संतोष कुमार सिंह ,बीडीओ संदीप सौरभ ,रक्सौल थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर शशिभूषण ठाकुर,उपमुख्य पार्षद रोहणी शाह,वार्ड पार्षद जितेंद्र दत्ता, सुभाष सिंह, जयमन्ती देवी,खुशबू दयाल, रवि गुप्ता,विश्वनाथ प्रसाद,अर्चना देवी,रीता देवी,घनश्याम गुप्ता,चीनी राम,कुंदन सिंह,राज किशोर प्रसाद,अमूल नेशा, सत्यम कुमार श्रीवास्तव,हसीना खातुन, सहित अन्य वार्ड पार्षद उपस्थित थे ।