रक्सौल।( vor desk )।नेपाल से सीमा पार कर रक्सौल शहर में भटक रही एक नेपाली महिला को प्रशासनिक पहल के बाद सुरक्षित नेपाली प्रशासन के हवाले कर दिया गया।अर्द्धविक्षिप्त सी लग रही महिला कुछ भी बताने की स्थिति में नही थी।बावजूद,सामाजिक संगठन के लोगों ने उसे खाना खिला स्थानीय पुलिस को सुपुर्द कर दिया।सूत्रों ने बताया कि उक्त महिला केवल नेपाली भाषा मे बोल रही थी।जो स्पष्ट समझ मे नही आ रहा था।वहीं,ठीक से वह नाम पता भी नही बता पा रही थी।बताया गया कि उसके पीछे असमाजिक तत्वों के लगने के बाद एक सामाजिक संस्था की सूचना पर उसे रक्सौल पुलिस द्वारा नियंत्रण में लिया गया।जिसे शुक्रवार को सुरक्षित नेपाल भेज दिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक,स्थानीय लोगों की सूचना के बाद स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह की पहल पर उक्त महिला को रक्सौल थाना लाया गया।जहां उस भूखी महिला को खाना आदि खिलाया गया। रक्सौल पुलिस के महिला हेल्प डेस्क के पूछ ताछ में उक्त नेपाली भेष- भूषा व चेहरा मोहरा वाली 30 वर्षीया महिला अपना नाम बूढ़ा व घर बेनी बता रही थी।टूटी फूटी भाषा मे घर का पता स्पष्ट नही बताने व परिजनों के बारे में कोई जानकारी नही देने पर मुशिकल हो गई।
बाद में मानवता का परिचय देते हुए उक्त महिला को स्वच्छ संस्था के सहयोग से नेपाल भेजने की पहल की गई। इस क्रम में वीरगंज के मीडिया कर्मी राधेश्याम पटेल व सामाजिक कार्यकर्ता ओम प्रकाश सर्राफ के सहयोग से बेसहारा को सहारा देने वाली वीरगंज स्थित संस्था ‘मानव सेवा आश्रम’ से सम्पर्क साधा गया।जिसने मदद का आश्वासन दिया।तदोपरांत, स्वच्छ रक्सौल संस्था के कार्यकर्ताओ के सहयोग से उसे कुछ पैसे व खाने पीने के समान मुहैया कराने के साथ ही सुरक्षित वीरगंज भेज दिया गया।
इस बाबत रक्सौल थाना के थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर शशिभूषण ठाकुर ने बताया कि उक्त नेपाली महिला मंद बुद्धि लग रही थी।सूचना मिली थी कि कुछ असामाजिक तत्व उनके पीछे पड़े हैं।जिसके बाद उसे नियंत्रण में लिया गया और महिला पुलिस बल के निगरानी में रखा गया।तदोपरान्त, उसे सुरक्षित नेपाल भेज कर दिया गया।