काठमांडू।( vor desk )।कोविड 19 के तीसरी लहर के दस्तक की आशंका को ले कर सरकार के निर्देश पर बाबा पशुपतिनाथ का कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद है।लेकिन,श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नही है।सावन की दूसरी सोमवारी को श्रद्धालुओ की खूब भीड़ उमड़ी।मन्दिर के द्वार पर ही उन्हें पूजन कर लौटना पड़ा।
बता दे कि चाइनीज वायरस ने पूरे विश्व समेत अपने मित्र राष्ट्र नेपाल को भी नही बख्सा है।कोविड 19 के बाद अन्य कई तरह के वेरियंट की नेपाल में इंट्री के बाद नेपाल सरकार सख्त हो गई है।बाबा पशुपतिनाथ जो बागमती नदी के तट पर नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में अवस्थित है ,वहां का कपाट सावन माह में बन्द है।काठमांडू में देवाधिदेव महादेव के अन्य मंदिरों की भी यही स्थिति है।
यह मंदिर हिंदुओ के श्रद्धा का केंद्र है ।नेपाल के अलावे भारत सहित अन्य देश के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में बाबा पशुपति नाथ के दर्शन पूजन को यहां पहुचते है ।पर इस बार भी नेपाल सरकार के दिशा निर्देश पर पशुपति क्षेत्र विकास कोष ने आम श्रद्धलुओं के लिए बाबा का कपाट बंद कर दिया है। केवल भट(पुजारी)द्वारा ही प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाती है।
श्रवण माह बाबा भोले नाथ के भक्तों के लिए उत्तम माना जाता है ।विशेष पूजा अर्चना हेतु भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए श्रवण मास में विशेष पूजा भी करते है। पर इस बार ऐसा संभव नही है ।बावजूद बाबा पशुपतिनाथ के भक्त मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में पहुच रहे है ।खास कर आज दूसरा सोमवारी होने से काठमाण्डू के बाबा पशुपति नाथ मंदिर एव हनुमान ढोका के छोटा पशुपति में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के शरण मे दिखे।
नेपाल सरकार एव मंदिर कमिटी के आदेश के बाद भी श्रद्धालुओं के भक्ति में कोई कमी नही दिखी।
सुरक्षा के बंदोबस्त के बीच श्रद्धालु मन्दिर के चौखट पर माथा टेक कर देश दुनिया की सलामती व कोविड से मुक्ति की प्रार्थना कर रहे हैं।दीप जला रहे हैं।
तो,साधु -संत भी सिद्धि के लिए ओम नमः शिवाय की जप में जुटे दिख रहे हैं।ऐसे भारतीय नागरिक जिन्हें मन्दिर के बन्द होने की जानकारी नही हो सकी है,वे किसी तरह मन्दिर तक पहुंचने के बाद मन्दिर द्वार से ही माथा टेक कर लौटने को विवश हो रहे हैं।
( रिपोर्ट:काठमांडू से गणेश शंकर )