Friday, October 18

नेपाल पुलिस द्वारा भारतीय बाइक को लगातार जब्त कर नीलाम करने से आक्रोश,जुर्माना ले कर छोड़ने की मांग!


रक्सौल।(vor desk  )।नेपाल पुलिस द्वारा भारतीय बाइक की लगातार जब्ती से सीमा क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है।आरोप है कि भारतीय वाहनों की जब्ती होने के बाद वीरगंज कस्टम द्वारा नीलाम कर दिया जाता है।जो औने पौने दामो पर अपने रिश्तेदारों व स्वजनों को नीलामी दे दी जाती है।पुलिस नए व कीमती बाइक या अन्य भारतीय वाहनों को ज्यादा निशाना बनाते हैं।इसमे कीमती बाइक जैसे प्लसर,अपाची,डिस्कवर,ग्लैमर,सिबिजेड,हीरो स्प्लेंडर जैसी बाइक को जब्त किया जाता है। जब वाहन जब्त किया जाता है,तब ,पुलिस यह दर्शाती है कि बाइक का कागज उपलब्ध नही है या फिर उसका कोई स्वामी सामने नही आया।जबकि, वाहनों का प्रपत्र और स्वामी दोनो ही मौजूद होते हैं,लेकिन, उनकी बात अनसुनी कर दी जाती है।इस बीच हाल के करीब डेढ़ माह के अंदर वीरगंज में 44 भारतीय बाइक जब्त किया गया है,जिसकी कीमत पर्सा पुलिस द्वारा 38 लाख 20 हजार रुपये नेपाली मुद्रा में आंकी गई है।पर्सा जिला के पुलिस प्रवक्ता सह डीएसपी ओम प्रकाश खनाल के मुताबिक,उक्त बाइक अवैध रूप से वीरगंज समेत पर्सा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे थे। गौरतलब है कि लगातार हो रही ऐसी कार्रवाई से  रक्सौल समेत सीमाई इलाके में गुस्सा भड़क रहा है।कहा जा रहा है कि वीरगंज पुलिस दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर रही है।क्योंकि, जब्ती की बजाय जुर्माना वसूल कर वाहनों को छोड़ा जा सकता था।बताते चलें कि कोरोना संक्रमण को ले कर 24मार्च 2020 से नेपाल ने बॉर्डर बन्द कर दिया था।अक्टूबर से नेपाल द्वारा ढील दी गई,लेकिन,इंट्री या कस्टम ड्यूटी के जरिये अधिकृत रूप से नेपाल में प्रवेश नही शुरू की गई।लेकिन,लोकल लोगों को भारतीय बाइक ले जाने व ले आने की छूट दी गई।दूसरी लहर में बॉर्डर बन्द करने पर लॉक डाउन में सख्ती बढ़ाते हुए बाइक व अन्य वाहनों की जब्ती कर तुरन्त नीलाम करने की प्रक्रिया जारी कर दी गई।जबकि, नेपाल  के वीरगंज से रक्सौल आने वाले नेपाली बाइक व वाहनों पर कोई रोक नही हैं। जबकि,रक्सौल पुलिस व एसएसबी नेपाली वाहनों के प्रति सख्ती नही बरतती।

चंपारण के पिपरा जमुनिया निवासी पीड़ित रामाधार सिंह का कहना है कि वे  वीरगंज स्थित अपने एक रिश्तेदार से मिलने जा रहे थे कि हीरो बाइक को पुलिस द्वारा सीज कर दिया गया।जबकि, मेरे पास सभी डाक्यूमेंट था,लेकिन, एक नही सुनी गई।उन्होंने इसको ले कर भारतीय दुतावास को लिखित शिकायत भी की है।बताते हैं कि कई बार किसी रिश्तेदार की बाइक ले जाने अथवा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की बाइक जब्त होने से मुसीबत काफी बढ़ जाती है,जो मानवीय रूप से भी गलत है।

नेपाली बाइक की लगातार जारी है आवाजाही

नेपाल में भारतीय बाइक को मुक्त करने की मांग:सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने वीरगंज स्थित भारतीय दुतावास को एक पत्र प्रेषित कर मांग की है कि पर्सा जिला में पकड़े गए भारतीय बाइक को ट्रैफिक रूल के तहत जुर्माना ले कर मुक्त की जाए।उन्होंने उल्लेखित किया है कि भारत-नेपाल ट्रीटी के तहत दोनो ओर के नागरिको को अपने वाहन से नजदीकी रेलवे स्टेशन,बस स्टेशन,एयरपोर्ट और बाजार तक आने जाने की छूट मिली हुई है।इसी नियम के तहत नेपाली वाहनों पर भारतीय इलाके में कोई कार्रवाई नही होती।जबकि,नेपाल में भारतीय वाहनों व नागरिको को निशाना बनाया जाता है।

नेपाली वाहनों की इन्ट्री की मांग:स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने जिला प्रशासन से फिर मांग की है कि नेपाली वाहनों की बॉर्डर पर इंट्री कर प्रवेश दिया जाए।साथ ही नियम उल्लंघन पर  कार्रवाई की जाए।क्योंकि,भारतीय वाहन व उसके चालकों के साथ बेवजह दुर्व्यवहार व परेशान किया जाता है।जबकि, नेपाली वाहन बेरोक टोक भारतीय इलाके में परिचालित होती है।वहीं, क्राइम में लिए इसका दुरुपयोग भी होता रहा है।

भारतीयों वाहनों के प्रति सरल नियम बने:विजिट मधेश के संयोजक ओम प्रकाश सर्राफ का कहना है कि भारतीय वाहनों के प्रति सरल नीति होनी चाहिए,क्योंकि, भारत हमारा पड़ोसी व मित्र राष्ट्र है।सीमा क्षेत्र के लोगों को जरूरी काम से एक दूसरे देश मे जाना आना पड़ता है।ऐसे में बाइक नीलामी की प्रक्रिया गलत है।क्योंकि,कई लोग इलाज व अन्य इमरजेसी में नेपाली क्षेत्र पहुंचते हैं।बाइक को वाजिब जुर्माना ले कर छोड़ दिया जाना चाहिए।

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