रक्सौल।( vor desk )।कोविन वैक्सिनेशन के लिए निकली ‘टिका एक्सप्रेस ‘लक्ष्य से कोसो दूर है।बिहार सरकार के निर्देश पर 45 से अधिक उम्र के लोगों के लिए पिछले 26 मई से रक्सौल में यह कार्यक्रम शुरू की गई है।लेकिन,प्रतिदिन 200 का लक्ष्य निर्धारित होने के बावजूद 50 से ऊपर का आंकड़ा नही पहुंच पा रहा।
मजे की बात यह है कि शनिवार को क्षेत्रीय भाजपा विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा के गृह क्षेत्र यानी पनटोका पंचायत में भी टिका एक्सप्रेस लक्ष्य पूर्ण नही कर सका।यहाँ टिका एक्सप्रेस की स्पीड स्लो रही।महज 50 लोगों को ही टिका लग सका।
Vor teamने लगातार दूसरे दिन यानी शनिवार को भी ‘ऑन स्पॉट ‘ जायजा लिया, जिसमे जन प्रतिनिधियो की उदासीनता साफ़ साफ झलकी।
बता दे कि ‘टिका एक्सप्रेस’ के तहत वैक्सिनेशन के लिए राष्ट्रीय बाल सुरक्षा समिति ( आरबिकेस )की टीम गठित है।जिसमे डॉ महम्मद सुल्तान,डॉ मुराद आलम,फार्मासिस्ट अली इरफान ,एएनएम मोनी कुमारी आदि शामिल हैं।
यह टीम शनिवार को सुबह के 9 .30 बजे पनटोका पंचायत के हरैया गांव पहुंचा।यह गांव क्षेत्रीय विधायक प्रमोद सिन्हा का है।जहां टीम के पहुंचने पर किसी स्थानीय जन प्रतिनिधियों के दर्शन नही हुए।हां, आशा कार्यकर्ता टीम के इंतजार में थी।लेकिन,टिका लेने वाले नदारद थे।
इसके बाद करीब एक घन्टा इंतजार के बाद टीम पंचायत के अगले निर्धारित सत्र स्थल भलुवाहिया पहुंची।जहां मात्र एक लाभुक को ही टिका दिया जा सका।इसके बाद काफी इंतजार के बाद भी लोगों के नही पहुंचने पर टीम लौट गई।
दुबारा टीम पुनः हरैया गांव पहुंची।हेल्थ सब सेंटर पर आशा कार्यकर्ता व केयर इंडिया की टीम सक्रिय दिखी।स्थानीय मुखिया,पंचायत समिति सदस्य या वार्ड सदस्य आदि की उपस्थिति नही दिखी।हालांकि,स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ की सक्रियता से महज 15 लोगों को टिका लग सका।इसके लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी।इसमे लोगों की आना कानी भी खूब दिखी।जागरूकता के अभाव में लोग कन्नी काटते दिखे।जबकि, टीम यह समझाने में जुटी रही कि टिका पूर्ण रूपेण सुरक्षित है।कोई साइड इफेक्ट नही है।यह निःशुल्क है।इसे अवश्य लें।
हरैया में नमी दास,मीणा देवी,काशी नाथ तिवारी,सुखरानी देवी,राम देव राय,महादेव ठाकुर आदि ने काफी प्रयास के बाद टिका लिया।हालांकि,वे संतुष्ट दिखे,उनका मानना था कि सरकार टिका दे रही है,तो ले लेने में क्या बुराई है।कुछ जागरूक भी दिखे।जिन्होंने इस पहल व टीम के पहुंचने की सराहना भी की।
इसके बाद यह टीम करीब ढाई बजे भरत महि स्थित यू एम एस स्कूल सत्र स्थल पहुंची।जहां वार्ड सदस्य व आशा कर्तकर्ताओ की सक्रियता से 34 लाभुकों को टिका दिया गया।
इस दौरान पंचायत की एएनएम सुनीता कुमारी, आशा कार्यकर्ता रुखसाना खातून,अबी खातून,पुष्पा देवी की सक्रियता रही।शायद इनकी सक्रियता न होती ,तो,इस पंचायत में टिकाकरण की संख्या नगण्य रहती।लेकिन,टीम ने 200 लक्ष्य की जगह कुल 50 लोगों का टिकाकरण किया और करीब साढ़े पांच बजे लौट गई।
यहां देखने को मिला कि सभी वर्गों के लिए जागरूकता अभियान आवश्यक है।स्थानीय प्रो0 वीरेंद्र पटेल ने भी टिका लिया।उन्होंने स्वीकार किया कि लोगों में भ्रम व संशय की स्थिति ज्यादा है।जबकि, जन प्रतिनिधियों की सक्रियता होती, तो,टिकाकरण की गति बेहतर हो सकती थी।
गौरतलब है कि रक्सौल प्रखण्ड का पनटोका पंचायत कोविड के पहली और दुसरीं लहर में प्रभावित रहा।यहां कोविड से मौतें भी हो चुकी है।सूत्रों के मुताबिक,इस सीमावर्ती इलाके में टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए प्रयास की जरूरत है।
खटक रही अल्पसंख्यक व अन्य प्रकोष्ठ की सक्रियता की कमी:पनटोका ही नही रक्सौल के अनेको पंचायत हैं,जहां अल्पसंख्यक व पिछले वर्ग के लोग टिकाकरण में खुल कर हिस्सा नही ले पा रहे।हालांकि,भ्रांति की स्थिति सभी वर्गों में हैं।इसके लिए खुद विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा भी लगातार अपील के साथ जागरूकता अभियान में जुटे दिखते हैं।तो, एसडीओ आरती लगातार जागरूकता अभियान चला रही हैं।लेकिन, जन प्रतिनिधियो के अलावें राजनीतिक दलों के प्रकोष्ठों की सक्रियता के अभाव में लक्ष्य पूर्ण नही हो पा रहा।बता दे कि सत्तारूढ़ बीजेपी ,जनता दल यू जैसी पार्टियों का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ,पिछड़ा, अति पिछड़ा,आदिवासी,जनजाति जैसे प्रकोष्ठ बने हुए हैं।जो धरातल की बजाय सोसल मिडिया में ज्यादा सक्रिय दिखते हैं और यही कारण है कि प्रकोष्ठ के लोग पीएम व सीएम के साथ पार्टी आलाकमान के निर्देश व अपील के बावजूद धरातल पर टिकाकरण अभियान को सफल नही बना पा रहे।बता दे कि रक्सौल में खुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह क्षेत्रीय सांसद डॉ संजय जायसवाल कई बार टिकाकरण का निरीक्षण व क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं।जिसमे पार्टी सहित एनडीए कार्यकर्ताओं से टिकाकरण को सफल बनाने व हेल्प डेस्क लगा कर मदद करने का आह्वान भी कर चुके हैं।