Monday, November 25

ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ रहा कोरोना का जाल,सर्दी बुखार से मिले जुले लक्षण से गांवों में बड़ी संख्या में लोग आक्रांत


विधायक ने कहा-मोवाइल वैन व मेडिकल टीम करेगी गांव गावँ का दौरा,जांच व इलाज की होगी पहल, ग्रामीण मुझे दें सूचना

रक्सौल।(vor desk)।सीमावर्ती रक्सौल प्रखण्ड में कोरोना संक्रमण व इससे मौत के आंकडों में लगातार इजाफा हो रहा है।यहीं नही अब कोरोना संक्रमण गांव में भी तेजी से फैल रहा है।लोग सर्दी ,खांसी ,बुखार से मौत हो रही है। मौत भी हो रही है।लेकिन, गांवों में शिविर लगा कर कोविड की जांच व हो रही मौत की जांच नही होने से वास्तविक तस्वीर सामने नही आ पा रही।मिली जानकारी के मुताबिक,रक्सौल के भेलाही पंचायत में बीते दिनों होम आईसोलेशन में रहे सोनामती देवी(70 )की मौत हो गई।सूत्रों का कहना है कि भेलाही में दर्जन भर लोगों की मौत कोविड से मिलते जुलते लक्षण से हो गई है।वहीं,पलनवा थाना क्षेत्र के वेलासपुर गावँ के सीआरपीएफ जवान अनिल पांडे ( 52 ) और उनकी मां विमला देवी ( 70 )की मौत एक सप्ताह के अंदर ही क्रमशः डंकन व एसआरपी अस्पताल में हो गई,जिससे यह परिवार सदमे में हैं।मृतक जवान के भाई सुनील पांडे बताते हैं कि गांव में काफी लोग सर्दी बुखार से ग्रसित हैं।अनेको मौत हो चुकी है।काफी प्रयास के बाद मेडिकल टीम ने पहुंच कर मेरे 17 परिजनों की कोविड जांच की।इस दौरान हम काफी खौफ में रहे,यह अलग बात है कि इस परिवार का अन्य सदस्य कोविड पॉजिटिव नही मिला।रक्सौल पीएचसी के आंकड़ो के मुताबिक,19 मई को करीब 73 एक्टिव केश के मरीज होम आईसोलेशन में थे।इसमे नगर परिषद क्षेत्र के 33 मरीजो के अलावे ग्रामीण क्षेत्र के पनटोका पंचायत में 6,हरनाही पंचायत में 6,जोकियारी पंचायत में 3,पलनवा जगधर में 2 ,धन गढ़वा कौड़िहार पंचायत में 3,भेलाही पंचायत में 2 संक्रमित होम आईसोलेशन में हैं।होम आईसोलेशन में रह रहे संक्रमित्त मरीजो की पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर डॉ मुराद आलम के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा लगातार मोनिटरिंग की जा रही है।सूत्रों के मुताबिक,कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा संक्रमण का कारण प्रवासी मजदूर बने,जो दूसरे प्रदेश या नेपाल से लगातार गांव पहुंचे ।लेकिन,उनकी कोविड जांच नही हो सकी।होली के बाद से ही संक्रमण का प्रभाव दिखने लगा था।बॉर्डर के रास्ते आवाजाही होने व जांच नही होने से भी कोरोना का फैलाव बढा।एक स्वास्थ्य कर्मी ने अपना नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि फस्ट फेज में कोरोना संक्रमण व प्रवासी लोगों की जांच के लिए होम टू होम सर्वे कराया गया था,जिसका अब तक मानदेय भुगतान भी नही मिला,ना ही दुबारा सर्वे कराया गया है।स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह भी यह स्वीकारते हैं कि गावँ में जागरूकता का अभाव है,लोग कोरोना को हल्के में में रहे हैं। कम लोग अस्पताल पहुंच पा रहे हैं। इधर,रक्सौल के पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि रक्सौल के गांवों में मेडिकल टीम को सक्रिय कर दिया गया है।ग्रामीण क्षेत्रो में कोविड की रिकवरी रेट बहुत ही अच्छा है।उन्होंने बताया कि होम आईसोलेशन के मरीजो की संख्या लगातार मोनिटरिंग की वजह से घट कर 22 मई तक केवल 21 रह गई है।हिट एप्प से संक्रमितो व उनके आस पड़ोस के लोगों की ट्रेकिंग कराई जा रही है।

क्या कहते हैं विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा :मोबाइल मेडिकल वैन व मेडिकल टीम गांव गांव में जा कर सर्दी-खांसी,बुखार,टायफाइड या कोरोना के लक्षणों की जांच व इलाज करेगी।उन्होंने कहा कि मैंने अपना व्हाट्स नम्बर जारी किया है,जिस पर ग्रामीण सूचना दे सकते हैं।त्वरित इलाज की पहल होगी।

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