रक्सौल।( vor desk)।एक ओर नेपाल के पीएम केपी ओली भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं,वहीं,एक सच्चे मित्र व पड़ोसी का धर्म निर्वाह करते हुए कोरोना से लड़ रहे नेपाल की जनता व आपसी रिश्ते को देखते हुए लगतार वैक्सीन,उपकरण की मदद दे रहा है।वहीं,अब जब भारत में खुद ऑक्सीजन की कमी से अफरातफरी मची है,तब भी वहां के संक्रमितो के सांस की डोर को गति देने के लिए भारत सरकार लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई दे रही है।नेपाल सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने आश्वासन दिया है कि ऑक्सीजन की कमी नही होने दी जाएगी।मिली जानकारी के मुताबिक, झारखंड के जमशेदपुर से रक्सौल हो कर नेपाल को निरन्तर लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।त्वरित व सहज ढंग से इसकी आपूर्ति के लिए भारतीय अधिकारी भी सहयोग दे रहे हैं।पिछले एक सप्ताह में पांच ऑक्सीजन बुलेट नेपाल जा चुका है।बताया गया है कि अब तक 40 हजार 2सौ 83 किविट मीटर लिक्विड ऑक्सीजन रक्सौल के रास्ते नेपाल गया है।
सूत्रों ने बताया कि नेपाल के शंकर गैस उद्योग द्वारा उक्त लिक्विड ऑक्सीजन का आयात किया जा रहा है।उक्त उधोग द्वारा नेपाल के अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई दी जाती है।बताते हैं कि उक्त उधोग के पास मात्रा दो लिक्विड ऑक्सीजन ढोने वाला बुलेट है।जबकि, लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक मात्र काठमांडू के टेकु व ट्रामा सेंटर में है।जहां उसे ट्रांसफर किया जाता है। जिसको ले कर पिछले एक सप्ताह से रक्सौल से रास्ते लगातार ऑक्सीजन की ढुलाई हो रही है।
इसकी पुष्टि करते हुए वीरगंज कस्टम के चीफ कस्टम ऑफिसर हरिहर पौडेल ने बताया कि रक्सौल -वीरगंज बॉर्डर से अब तक एक छोटा व चार बड़ा ऑक्सीजन बुलेट नेपाल आया है।इसके अलावे यूपी बॉर्डर से लगे नेपाल गंज व भैरहवा बॉर्डर से भी ऑक्सीजन की ढुलाई हो रही है।
उन्होंने बताया कि छोटे बुलेट में 6 हजार घन मीटर व बड़े बुलेट में 10 से साढ़े ग्यारह हजार घन मीटर ऑक्सीजन रहता है।छोटा बुलेट से 40 लीटर क्षमता का 500 से ज्यादा सिलेंडर भर सकता है।जबकि, बड़ा बुलेट 40 लीटर क्षमता का 1500 से ज्यादा सिलिंडर भर सकता है।एक घन मीटर का लागत मूल्य भारतीय मुद्रा में 16 रुपया आता है।उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की गम्भीर अवस्था को देखते हुए नेपाल सरकार ने बुलेटसे लिक्विड ऑक्सीजन आयात में कस्टम शुल्क शून्य कर दिया है।इस कारण एक बुलेट पर मात्र 565 रुपया शुल्क लिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि वीरगंज व रक्सौल के कस्टम अधिकारियों की सहमति से मैत्रिपुल व आईसीपी के रास्ते इसकी निर्बाध सप्लाई चेन को बनाया गया है,ताकि,इस आपातकालीन सेवा भी कोई दिक्कत नही हो।उन्होंने बताया कि जमशेदपुर से काठमांडू ऑक्सीजन डिलेवरी कर वापस लौटने में करीब पांच दिन लगता है।इधर,रक्सौल के कस्टम उपायुक्त आसुतोष कुमार सिंह ने भी स्वीकार किया कि मैत्री पुल के रास्ते लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध रूप से नेपाल को हो रही है।बताया कि बिना देरी किये क्लियरेंस दिया जा रहा है।
( रिपोर्ट:गणेश शंकर/राधे श्याम पटेल)