रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल प्रशासन की पहल पर 24 घण्टे के अंदर एसआरपी हॉस्पिटल को 101 व डंकन हॉस्पिटल को 64 ऑक्सीजन सिलेंडर हरिसिद्धि स्थित ऑक्सिजन प्लांट से रिफिलिंग करा कर मुहैय्या कराया गया है।कोविड केयर सेंटर बनाये गए हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की कमी नही होने दी जाएगी,इसके लिए प्रशासन पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।उक्त बातें रक्सौल के प्रभारी अनुमंडल पदाधिकारी सह डीसीएलआर राम दुलार राम ने शुक्रवार को कही।उन्होंने कहा कि दोनों डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर का प्रति दिन ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल का लिमिट100-100 है।हमारा प्रयास है कि हम जरूरत के मुताबिक ऑक्सिजन उपलब्ध कराएं।
इस बीच प्रशासनिक रिपोर्ट में बताया गया कि 14 मई को ढाई बजे तक एसआरपी होस्पिटल में 43 बेड पर 43 मरीज भर्ती थे।जहां 28 बड़ा ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल में था।पालीवार चिकित्सको की संख्या 8 ,पालिवार उपस्थित चिकित्सक की संख्या 2 व एएनएम,जीएनएम की संख्या 2 थी।जबकि,डंकन हॉस्पिटल में 60 बेड पर में 46 मरीज भर्ती थे।जहां 90 बड़ा ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल में था।पलिवार चिकित्सको की संख्या 11 ,पालिवार उपस्थित चिकित्सक की संख्या 4 व एएनएम,जीएनएम की संख्या 7 थी।जबकि,6 मेडिकल स्टाफ छुट्टी में थे।
अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन की स्थिति की जांच में एसआरपी में 28 भरा हुआ,49 खाली ,ऑन गोइंग स्थिति में 13,भरने गए सिलेंडर की संख्या 64 यानी कुल 157 सिलेंडर की मौजूदा स्थिति सामने आई।
जबकि, डंकन हॉस्पिटल में भरा हुआ 90 बड़ा सिलेंडर,खाली 14 बड़ा व छोटा 24 भरा हुआ, ,ऑन गोइंग स्थिति में 11 बड़ा व 6 छोटा,भरने गए सिलेंडर की संख्या 45 यानी कुल 190 सिलेंडर की मौजूदा स्थिति सामने आई।
वहीं,रक्सौल पीएचसी के अस्थाई कोविड केयर सेंटर में 3 बड़ा व 4 छोटा भरा हुआ ,ऑन गोइंग स्थिति में 1 व भरने गए सिलेंडर की संख्या 37 यानी कुल 45 सिलेंडर की मौजूदा स्थिति सामने आई।
एसआरपी में स्थिति सहज :एसआरपी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन उपलब्धता की स्थिति सहज बनी हुई है।वहीं,हॉस्पिटल के निदेशक डॉ सुजीत कुमार के कोविड संक्रमण के बाद मुख्य चिकित्सक के रूप में प्रो0 डॉ0 पिसी माझी मरीज़ो की सेवा में हैं ।उन्होंने जन प्रतिनिधियों व प्रशासन की भूमिका की सराहना करते हुए कहा है कि उनकी सक्रियता से आपातकालीन स्थिति में ऑक्सीजन की व्यवस्था हुई और मरीजो की जान बच गई।उन्होंने कहा कि फिलहाल ऑक्सीजन की कोई दिक्कत नहीं है।वहीं,हॉस्पिटल के मुख्य प्रबंधक पवन कुशवाहा ने कहा कि प्रशासन का निरन्तर सहयोग मिल रहा है।डॉ पिसी माझी व अन्य चिकित्सक कोविड समेत अन्य मरीजो की सेवा में निरन्तर जुटे हुए हैं।
रक्सौल में ऑक्सीजन की किल्लत पर मची थी अफरातफरी:एसआरपी हॉस्पिटल में गुरुवार को अचानक यह नोटिस जारी कर दी गई कि एक घण्टे का ही ऑक्सीजन बचा है।अपने अपने मरीजो को रेफर करा लें।
इसके बाद सक्रिय विधायक प्रमोद सिन्हा ने डीएम कपिल शीर्षत अशोक से बात की और प्रभारी एसडीओ सह डीसीएलआर राम दुलार राम के नेतृत्व में त्वरित तौर पर 25 सिलेंडर उपलब्ध कराई गई।लेकिन,इस बीच मरीज भयाक्रांत हो गए।उनकी जान पर बन आई।परीजन रेफर कराने व रोने कल्पने लगे।मौके पर विधायक खुद पहुंचे और आश्वस्त किया कि ऑक्सीजन की कमी नही होने दी जाएगी।तब स्थिति सम्भली।अधिकारियों ने अपने कंधों पर सिलेंडर ढोया, ताकि मरीजो की जान न जाये।
बाद में डीएम कपिल शीर्षत अशोक के निर्देश पर जांच टीम गठित कर दी गई।वरीय उप समाहर्ता सुधीर कुमार व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रंजीत राय की टीम ने पहुंच कर जांच पड़ताल की।और डीएम को रिपोर्ट सौपने की बात कही।
वहीं,रक्सौल प्रशासन भी हॉस्पिटल के इस ‘शैली’ पर नाराज दिखी। एसआरपी हॉस्पिटल को धारा 133 के तहत पब्लिक न्यूसेंस क्रिएट करने के लिए वाद संख्या 273 एम /2021 के तहत नोटिस जारी कर 24 मई को अनुमंडल न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।जिसमे यह कहा गया है कि हॉस्पिटल द्वारा 13 मई 2021 को नोटिस बोर्ड पर ऑक्सीजन की कमी का झूठा अफवाह फैला कर कोविड मरीज़ो व उनके परिजनों को भयभीत किया जा रहा है,जो पब्लिक न्यूसेंस का कारण बनता है।