Tuesday, November 26

ऑक्सीजन की किल्लत से हो जाती अनहोनी, प्रशासन की सक्रियता से बच गई कोविड मरीज़ो की जान!

रक्सौल।(vor desk )।देश मे ऑक्सीजन की किल्लत व मारामारी का माहौल है।रक्सौल भी इसी संकट से जूझ रहा है।इसी बीच शनिवार को कोविड केयर सेंटर बनाये गए एसआरपी मेमोरियल हॉस्पिटल में अफरातफरी की स्थिति तब बन गई,जब पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि स्थित गायत्री ऑक्सिजन बोटलिंग प्लान्ट में तकनीकी खराबी आ गई और सिलेंडर में गैस भरने का काम अचानक रुक गया।इससे पूरे जिले में हड़कम्प मच गया।इसमे रक्सौल के लक्ष्मीपुर स्थित एसआरपी हॉस्पिटल का 80 सिलेंडर भी शामिल था,जिसे वहां नही भरा जा सका।इस कारण हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई।मरीज़ो की जान आफत में पड़ गई।अहले सुबह से ही वहां ऑक्सिजन गैस की किल्लत से मरीजो के परिजनों के माथे पर पसीने आ गए,तो,प्रबन्धन मुश्किल में पड़ गया।क्योंकि,थोड़ी भी देरी से कोविड मरीजो की सांस थम जाने का खतरा बन गया था।

एसआरपी हॉस्पिटल की टीम व प्रशासनिक अधिकारी

इधर,इसकी सूचना मिलते ही एक ओर जहां पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी कपिल शीर्षत अशोक खुद हरसिद्धि प्लांट पहुंच गए।वहीं,उन्होंने रक्सौल के डीसीएलआर राम दुलार राम को निर्देशित किया कि ऑक्सीजन की किल्लत न बने।
इस आपातकालीन स्थिति में श्री राम ने बिना समय गवाएँ प्रशासनिक टीम के साथ एक्टिव हो गए।

प्रशासनिक अधिकारियो के मुताबिक,हरसिद्धि गायत्री ऑक्सीजन बोटलिंग प्लांट के तकनीकी खराबी से जिला में हजारों कोविड पॉजिटिव मरीज़ो की जान खतरे में आ गई थी। जिलाधिकारी श्री अशोक और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के इंजिनियरों के 10 घंटे अथक प्रयास के बाद ऑक्सीजन सप्लाई प्रारम्भ हो सका।इस बीच जिलाधिकारी एवं उनकी टीम दूसरे जिले में स्थित प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई को सुचारु बनाने में लगे थे।कोई दस घण्टे में हरसिद्धि प्लांट के सुचारु होने पर ही जान में जान आई,हर्ष का माहौल बन गया।जिलाधिकारी ने कहा कि जीवन देना और लाईफ़ बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।कोविड जैसी आपदा से किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन हर वक्त तैयार है।

डीसीएलआर राम दुलार राम

इधर, एसआरपी हॉस्पिटल में सक्रिय डीसीएलआर राम दुलार राम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विभिन्न हॉस्पिटल से 20 बड़ा सिलेंडर एवं 24 छोटा सिलेंडर की त्वरित व्यवस्था कर ऑक्सीजन की समस्या से फौरी तौर पर निजात दिलाई तथा लोगों का बहुमूल्य जीवन को बचाने में मदद की।

बताते हैं कि प्रशासन की पहल पर रक्सौल पीएचसी के अलावे डंकन हॉस्पिटल के साथ अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन की रक्सौल शाखा व रक्सौल चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने भी बिना देर किए ऑक्सीजन भरे सिलेंडरों की मदद की।इसमे तो कुछ मरीजो के परिजनों के मांगने पर भी ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद दे दी गई।

बाद में एसआरपी हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर सुजीत कुमार ने इस मुश्किल घड़ी में हॉस्पिटल को मदद करने व मरीजो की जान बचाने के लिए प्रशासन समेत सभी मददगारों का शुक्रिया अदा किया है।
उधर,एसआरपी हॉस्पिटल के प्रबन्धक पवन कुशवाहा ने बताया कि अब किल्लत नही है,क्योंकि,गायत्री ऑक्सीजन प्लांट से हमारे 80 सिलेंडर रिफिल हो कर आ गए हैं।साथ ही अतिरिक्त व्यवस्था भी कर ली गई है।उन्होंने स्वीकार किया कि प्रशासन व पीएचसी के अलावे करीब 30 सिलेंडर डंकन व मारवाड़ी सम्मेलन से उपलब्ध हुए।

इस बीच,अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक सह पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ 0 एसके सिंह ने स्वीकार किया कि यदि समय पर ऑक्सिजन की व्यवस्था नही होती,तो,बड़ा हादसा हो सकता था।कई मरीजो की जान जा सकती थी।उन्होंने बताया कि इसमे 10 मरीज आईसीयू में और 3 सेमी आईसीयू में थे।
जबकि ,बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष महेश अग्रवाल व चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने डीसीएलआर राम दुलार राम को धन्यवाद देते हुए उनकी कर्मठता व जज्बे की प्रशंसा की है।
बता दे कि एसआरपी हॉस्पिटल में 40 बेड में 38 पर कोविड मरीज भर्ती हैं।जिसमे सभी बेड ऑक्सीजन सप्लाई युक्त है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!