रक्सौल।( vor desk )।प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ऑफ टीचर्स वेलफेयर पूर्वी चंपारण के तत्वाधान में सरकार के द्वारा कोविड-19 का हवाला देते हुए निजी विद्यालयों को बंद करने के खिलाफ सोमवार की संध्या रक्सौल में कैंडल मार्च निकाला गया।
कैंडल मार्च को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के जिला प्रवक्ता डी एन कुशवाहा, सोलन मंडल अध्यक्ष रविंद्र कुमार मिश्रा, विजय कुमार शर्मा, संजय कुमार दास, कामेश्वर पांडे, धीरज बाजपेई, ईश्वर चौरसिया, राधेश्याम राय, दीपक जयसवाल तथा दिनेश पांडे आदि लोगों ने बिहार सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों को एकाएक तुगलकी फरमान जारी कर बंद किये जाने पर गहरा असंतोष व्यक्त किया।
और कहां की एसोसिएशन ने विगत एक वर्ष से बच्चों का भविष्य अंधकरमय हो गया था, जिसे काफी मशक्कत से बच्चों के पठन पाठन को सुचारू किया गया था, कि अचानक संस्थानों को पुनः बंद किए जाने की सरकार की फरमान से अब बच्चों का शैक्षणिक भविष्य पुरी तरह अंधकारमय दिख रही है।
कैंडल मार्च की अध्यक्षता जिला प्रवक्ता डी एन कुशवाहा और रक्सौल अनुमंडल अध्यक्ष रविंद्र कुमार मिश्रा ने किया। मार्च को संबोधित करते हुए राधेश्याम राय ने कहा कि हम लोग कोविड 19 के सभी प्रोटोकोल को पूरा करते हुए शैक्षणिक कार्य कर रहे थे। वहीं सरकार चुनावों में अप्रत्याशित भीड़ इक्कठा कर रही है। जहां कोरोना का फैलाव का अधिक खतरा है,जहां सरकार की नजर नहीं है । एसोसिएशन ने कहा कि सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है,जो शुभ संकेत नहीं है।
एसोसिएशन ने एक स्वर से कहा कि सरकार अपनी तुगलकी फरमान को यथाशीघ्र वापस ले,अन्यथा सभी शैक्षणिक संस्थान सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे। साथ ही ही कैंडल मार्च में शामिल सभी विद्यालय के निदेशकों, कोचिंग संचालकों व शिक्षकों ने ऐलान किया कि यदि 11 तारीख तक सरकार अपना तुलगकी फरमान वापस नहीं लेती है तो 12 तारीख से हम लोग विद्यालय चलाएंगे, चाहे इसके लिए जेल क्यों न जाना पड़े। कैंडल मार्च में सुमित कुमार, एनजीएम स्कूल के निदेशक, हरि नारायण पटेल, सत्येंद्र सिंह, कवि ब्रजेश चंपारणी, रविरंजन पटेल, राजा सेन तथा साइमन सर शहीद रक्षा और अनुमंडल के सभी विद्यालय के निदेशक व शिक्षक शामिल थे।