रक्सौल।(vor desk )।नेपाल के सुप्रीम कोर्ट द्वारा विघटित संसद को पुनर्बहाल किये जाने के बाद पीएम ओली के खिलाफ़ सँघर्ष पर उतरे राजनीतिक दल खुशियां मना रहे हैं।
हर्ष के बीच नेकपा (प्रचंड -माधव गुट ) व जनता समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने बुधवार को विजय जूलुस निकाला और मिठाई खिला कर एक दूसरे का मुहं मीठा कराया। नेकपा के जुलुस में पीएम केपी ओली के खिलाफ जम कर नारेबाजी करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की गई।नेकपा नेता व पूर्व सांसद राम विचारी यादव ने कहा कि पीएम ओली पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।महाभियोग भी चलाया जाएगा ।
वहीं,विजय जुलूस उपरांत बीरगंज के घण्टाघर में आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुये पर्सा जिला के क्षेत्र 4 के सांसद व सम्विधान सभा के लेखा समिति के पूर्व सदस्य लक्ष्मण लाल कर्ण ,क्षेत्र 2 के सासंद प्रदीप यादव,पूर्व मंत्री करीमा बेगम आदि ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश गणों को धन्यवाद दिया। कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले से न्यायालय की शाख व न्याय के प्रति आस्था बढ़ी है।उन्होंने कहा कि जनता ने पांच वर्ष के लिए जनादेश दिया था।लेकिन, 3 वर्ष में ही संसद को विघटित कर दिया गया था।न्यायालय ने सम्विधान की रक्षा के साथ ही प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा की है।
इधर,जसपा के नगर अध्यक्ष ओम प्रकाश सर्राफ समेत रम्भा मिश्रा,शिव पटेल,जगदीश पटेल,सलमा खातून आदि ने एक दूसरे का मुहं मीठा कराते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोक तन्त्र को मजबूती मिली है।हमारा सँघर्ष कामयाब रहा।उन्होंने कहा कि लोक तंत्र की रक्षा के लिए सभी लोक तांत्रिक शक्तियों को एकजुट रहना होगा।
अटकलें जारी:संसद पुनर्स्थापित किये जाने के बाद भी पीएम केपी ने इस्तीफा देने की बजाय कोर्ट के निर्देश के अनुसार,13 दिनों के अंदर प्रतिनिधि सभा की बैठक बुलाने की घोषणा की है।इससे अटकल कायम है कि आगे क्या होगा।इस बात की संभावना जाहिर की जा रही है कि पीएम ओली जोड़ तोड़ की राजनीति के जरिये सरकार बनाये रखने की कोशिश करेंगे।इसके लिए वे अध्यादेश ला सकते हैं।इसको ले कर आंकड़ो की गणित में मजबूत नेपाली कांग्रेस की भूमिका पर सबों की नजर केंद्रित है।वहीं,नेकपा अध्यक्ष प्रचंड द्वारा अविश्वास प्रस्ताव से भी उनकी मुश्किलें खड़ी होनी तय है।पार्टी ने ओली को प्राथमिक सदस्यता से भी निष्काषित कर रखा है।हालाकि, नेकपा अधिकृत रूप से विभाजित नही है,इसलिए इस्तीफे देने के साथ ही एकजुटता की स्थिति में माहौल बदल सकता है।जिसकी सम्भावना कम दिख रही है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि पीएम देश में आपात काल भी लागू कर सकते है।वहीं,किसी को बहुमत नही मिलने पर फिर से देश पुनः चुनाव की ओर बढ़ सकता है।
हाई अलर्ट:सुप्रीम कोर्ट के फैसले व राजनीतिक हालात को देखते हुए गृह मंत्रालय ने हाई अलर्ट जारी कर रखा है।बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा व निगरानी जारी है।वहीं,जुलुस-प्रदर्शन को ले कर अतिरिक्त पुलिस व आर्म्ड पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है।
( रिपोर्ट:गणेश शंकर )