नेपाल सरकार के कठोर नीति से विपक्षी पार्टियां सकते में,दिख रहे टकराव के आसार
रक्सौल।(vor desk )।जनता समाजवादी पार्टी(जसपा) द्वारा बुधवार की शाम को रक्सौल से लगे पर्सा जिला के बीरगंज में ओली सरकार के तानाशाही रवैये व संसद विघटन के विरोध में मशाल जुलूस निकाला गया। जिसमें दर्जन भर कार्यकर्ता पुलिस की झड़प में घायल हो गए है जिनका उपचार विभिन्न हॉस्पिटल में किया जा रहा है।आधा दर्जन कार्यकर्ता नेता पुलिस हिरासत में लिए गए हैं।
यहां बता दे कि के पी शर्मा ओली की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (नेकपा) पार्टी में मतभेद के बाद पार्टी दो भाग में बट गई और ओली ने सरकार का विघटन कर मध्यावधि चुनाव की घोषणा कर दी ।जिसका विरोध नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड /माधव ग्रुप सहित विपक्षी पार्टियां सड़क से न्यायालय तक कर रही हैं। वही ओली सरकार द्वारा शांति सुरक्षा के नाम पर विरोध प्रदर्शन को दबाने का काम शुरू कर दिया है ।
नेपाल की पुलिस प्रशसान सरकार के आदेश के बाद अपने तेवर में आ गई है जो भी सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं,उन्हें हिरासत में ले रही है ।इस क्रम में प्रदर्शनकारी एव पुलिस की जमकर झड़प भी हो रही है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नेपाल सरकार के असंवेधानिक अलोकतांत्रिक तथा प्रतिगमन कारी नीति के विरोध में हम अपना विरोध दर्ज करा रहे है जिसमे पुलिस दमनकारी कार्य कर रही है ।
जसपा नेता ओम प्रकाश सर्राफ ने बीरगंज पुलिस के दमनकारी रवैये की निंदा की और कहा कि दर्जन भर कार्यकर्ता पुलिस लाठी चार्ज में घायल हुए हैं।कोई चार कार्यकर्ता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के मुताबिक, झड़प में जसपा कार्यकर्ता गौरव वर्मा, दिपु वर्मा, सरोज यादब, मनमोहन पाण्डे, विरेन्द्र यादब, एजाजबाबु आदि जख्मी हुए हैं।
जबकि,जसपा के केन्द्रिय सदस्यद्धय मोनिका सिंह, मुन्नि श्रीवास्ताव, जिला सचिव राजेश साह आदि समेत चार दर्जन नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।इस दौरान प्रधानमंत्री केपी ओली के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गई।
मसाल जुलुस में प्रदेश सभा सदस्य जन्नत अन्सारी, प्रहलाद गिरी, करिमा बेगम, मन्जुर अन्सारी, जसपा के केन्द्रिय सदस्य फिरोज मन्सुर, नेजामोदिन समानी,तबरेज अहमद आदि शामिल थे।(रिपोर्ट:गणेश शंकर )