बजट को किसी ने सराहा तो किसी ने नकारा
रक्सौल।( vor desk )।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया गया है। इसमें देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। आम बजट पर विभिन्न वर्ग के लोगों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। किसी ने बजट की जमकर सराहना की है तो किसी ने इसे एक सिरे से नकार दिया है। सरकार समर्थक और विरोधी बंटे नजर आए। बजट का समर्थन करने वाले लोगों को कहना है कि इस बजट से देश आत्मनिर्भर हो सकेगा तथा आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा। यह बजट पूरी तरह से संतुलित बजट है। जबकि बजट का विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि यह बजट देशहित में नहीं है बल्कि यह पूरी तरह से उद्योगपतियों एवं पूजींपतियों के हित में है। आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है।
देखिए प्रतिक्रिया:
विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के काल खंड में पेश किया गया केंद्रीय बजट ऐतिहासिक , क्रांतिकारी व जनहितकारी बजट है। इस बजट से गांव का विकास होगा।गरीबों की उन्नति होगी।उन्होंने कहा कि यह बजट गाँव, गरीब एवं किसानों को समर्पित है। देश की आम जनता को आत्म निर्भर बनाने तथा किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण बजट है। लघु उद्योगों के लिए बड़ा बजट दिया गया है। बिहार को सर्वाधिक लाभ मिलने वाला है।
भारतीय जनता पार्टी शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रो. डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, जिसकी झलक इस बजट में दिख रही है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीते वर्ष में महामारी का सफलतापूर्वक सामना करने के बाद स्वास्थ्य, पर्यावरण, शिक्षा एवं इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष बल दिया गया है। स्वच्छता मिशन, उज्ज्वला योजना जारी रखने अर्बन क्लीन इंडिया मिशन बनाने एवं उच्च शिक्षा कमीशन गठित होना इस बजट की विशेषता है। किसानों पर भी विशेष ध्यान देते हुए उनकी आय दुगुनी करने की प्रतिबद्धता बहुत बड़ी बात है।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाने की घोषणा स्वागत योग्य है। 75 वर्ष से अधिक पेंशनरों को इनकम टैक्स से राहत मिली है जो बहुत अच्छा निर्णय है। प्रो. सिन्हा ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कटिबद्धता दिखती है । नई शिक्षा नीति को लागू करने ,विद्यालयों के आधुनिकीकरण, SC-ST छात्रों पर ध्यान दिया गया है। यह बजट स्वास्थ्य, कल्याण, भौतिक, वित्तीय पूंजी, अवसंरचना, समावेशी विकास, भारत के लिए नवाचार, अनुसँधान एवं विकास स्तंभों पर आधारित है ।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गुड्डू सिंह ने बजट को आम जनता का बजट बताया और कहा कि देश तेजी से विकास की ओर अग्रसर होगा।उन्होंने कहा कि आम बजट में सभी वर्ग का ख्याल रखा गया है। आम बजट में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। यह पूरी तरह से सराहनीय बजट है।
भाजयुमो जिला अध्यक्ष प्रो. मनीष दूबे ने बजट को क्रांतिकारी बजट बताते हुए कहा कि बजट में सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है ।इसमें किसानों के हित का ख्याल रखा गया है। साथ ही कई प्रावधान ऐसे किए गए है जिसका लाभ आम नागरिकों को मिल सकेगा।
इधर,डॉ0 प्रो0 स्वयंभु शलभ ने कहा कि सरकार ने इस बजट में बाजार और आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया है। कोरोना काल में अर्थव्यवस्था की जो स्थिति हुई है उसे पटरी पर लाने और आर्थिक ग्रोथ को मजबूती देने पर सरकार का विशेष फोकस है जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्यसेवा और कृषि सेक्टर सबसे ऊपर हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। बजट में शिक्षा को प्रमुखता दी गई है जो स्वागतयोग्य है।
लॉकडाउन के समय से आर्थिक मार झेल रहे आम आदमी को इस बजट से कुछ राहत मिलेगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है।
स्वच्छ रक्सौल के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया आम बजट पूरी तरह से संतुलित है तथा इसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है। इसमें हर वर्ग के लोगों का ख्याल रखा गया है। इससे हमारा देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा।उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए और बेहतर करने की जरूरत थी।
कांग्रेस नेता राम बाबू यादव ने कहा कि वर्ष 2021-2022 का यह बजट गरीब किसान बिरोधी है।आज पेश हुआ बजट बहुत ही निराशा जनक हैं।आम आदमी का ख्याल नहीं रखा गया है।मध्यम वर्गीय परिवार को बजट में सुविधा का जिक्र भी नहीं है,।बड़े -बड़े उधोगपतियों के लाभ के लिए यह बजट लाया गया हैं।बिहार को निराशा हाथ लगी हैं। बिहार के साथ भेद भाव किया गया है।
समाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने कहा कि भाजपा के पास ठोस दिशा नहीं है। बजट महंगाई बढ़ाने वाला है और इसमें किसानों, बेरोजगारों, लघु उद्योगों की स्थिति में सुधार के लिए कोई ब्लूप्रिट नहीं है तथा बिहार की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने महामारी की मार झेलने वाले आम आदमी को राहत देने की चुनौती थी, तो दूसरी ओर आर्थिक विकास और उद्योग जगत पर फोकस करना था। मगर आम आदमी के लिए यह बजट कुछ नहीं दे पाया है। आम आदमी अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।
।उन्होंने कहा की वित्त मंत्री सीता मैया का बजट का लब्बो लुआब ये है की 2014 मे NPA 2.5 लाख करोड़ था। जो मोदी जी के राज मे बढ़ कर 25लाख करोड़ हो गया। जिसे कॉर्पोरेट दोस्तों को राहत देने हेतू मोदी जी ने बैड बैंक बनाने का निर्णय इस बजट मे लिया गया है।यानि टैक्स पेयर का 25 लाख करोड़ साफ़… ।आजादी के बाद की अबतक की सबसे घटिया बजट है।जिसमें आगामी बंगाल सहित अन्य राज्यों मे होने वाले चुनाव हेतू जुमला वाला चारा फेंका गया है।
राजद के जिला प्रवक्ता रवि मस्करा ने कहा कि केंद्र सरकार का यह बजट पूरी तरह से पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला है। इससे आम लोगों को कुछ भी लाभ नहीं होने वाला है।यह बजट जनविरोधी, किसान विरोधी एवं मध्यम विरोधी है। इसमें आम लोगों का तनिक भी ख्याल नहीं रखा गया है। डीजल का दाम बढ़ने से सभी प्रकार की जरूरत की वस्तुओं का दाम बढ़ेगा।
कांग्रेस नेत्री लवली गुप्ता ने बजट को लेकर कहा कि यह बजट सिर्फ यह एक धोखा है। बजट ने पहली बार काफी निराशा किया है। उन्होंने कहा कि गरीबों, कामकाजी तबकों, मजूदरों, किसानों, स्थायी रूप से बंद हुईं औद्योगिक इकाइयों और बेरोजगार हुए लोगों को सिर्फ धोखा दिया गया है। पिछले साल की तरह इस बजट की सच्चाई सामने आ जाएगी।उन्होंने आरोप किया कि पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु में चुनावों को देखते हुए उन पर विशेष ध्यान दिया गया है, लेकिन लोग मूर्ख नहीं हैं।
समाजिक कार्यकर्ता शिखा रंजन ने कहा कि बजट को संतुलित रखने का ख्याल रखा गया है। बजट सराहनीय है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। इससे लोगों को महामारी से लाभ मिल सकेगा।कोरोना काल से राहत देने के लिये आत्मनिर्भर हेल्थ स्कीम एवं शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा आवंटन दिया गया है। साथ ही व्यवसाय में बाडिट की सीमा एक करोड़ से बढ़ा कर पाच करोड़ एवं 95 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन करने वाले व्यवसाय की आडिट सीमा पांच करोड़ से बढ़ा कर दस करोड़ करना देश हित में क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
रक्सौल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव राजकुमार गुप्ता ने कहा कि
केंद्र सरकार का बजट सराहनीय है। व्यवसायियों एवं आम लोगों के हित में है। स्टार्टअप के लिये एक साल का टैक्स हालीडे बढाने से आत्म निर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा। सस्ते घर का सपना पूरा हो इसके लिए डेढ़ लाख की छूट को और एक साल के लिए लागू किया गया है।