*रक्सौल के टीकाकरण केंद्रों पर पांच -पांच सदस्यीय मेडिकल टीम तैनात,सुबह 10 बजे से होगा टीकाकरण
*एक बार मे 10 लोगों के रहने पर ही होगा टीकाकरण, बिना पहचान पत्र नही मिलेगी इंट्री,सूची में नाम रहने पर ही लगेगा टिका
रक्सौल।(vor desk)।पूर्वी चंपारण जिले में 11 स्थलों पर कोविड टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू होगा।जिसमें रक्सौल स्थित पीएचसी परिसर में बन रहे अनुमंडलीय अस्पताल तथा शहर के एसआरपी हॉस्पिटल में भी टिकाकरण होगा।दोनो केंद्रों पर सौ -सौ लाभुकों के टिकाकरण का लक्ष्य है।यह टिका सरकारी व निजी क्षेत्र के डॉक्टर व अन्य हेल्थ वर्कर को दिया जाएगा।जिनकी उम्र 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होगी।जिसकी सूची जिला से उपलब्ध हो गई है।सभी को मैसेज कर दिया गया है।
इस बीच,16 जनवरी को आयोजित होने वाले देश स्तरीय कोविड वैक्सिनेशन के लिए रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल केंद्र व शहर के लक्ष्मीपुर स्थित एसआरपी हॉस्पिटल में ड्राई रन का आयोजन किया गया।
शहर के एसआरपी अस्पताल में मौक ड्रिल डीआईओ डॉ. शरत चंद्र शर्मा के साथ डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. एस. एम. त्रिपाठी व अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक सह प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एस. के. सिंह के देख रेख में हुआ। उक्त बावत एसआरपी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार ने बताया कि टीकाकरण की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है।मॉक ड्रिल में डीआईओ डॉ. शर्मा द्वारा यह दिखाया गया कि कोई भी लाभार्थी यदि वैक्सीन लेने आता है तो उसे किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। उन सभी क्रियाकलापों को डॉ. शर्मा ने प्रैक्टिकल रूप से बताते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। मौके पर यूनिसेफ के बीएमसी अनिल कुमार, डब्ल्यूएचओ के राकेश जी व एसआरपी से डॉ. एस. के. मिश्रा, प्रबंधक पवन कुशवाहा, प्रवीण कुमार, देवाशीष कुमार, अली, रीमा, किरण, स्मिता, सुनील व मार्था आदि सहित अन्य कर्मी मौजूद थे।
इधर,अनुमंडलीय अस्पताल में बने टीकाकरण स्थल में हुए मॉक ड्रिल का नेतृत्व खुद अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक सह पीएचसी प्रभारी डॉ एसके सिंह ने किया।
इस मॉक ड्रिल में सबसे पहले व्यक्ति वैक्सीनेशन ऑफिसर-1 के पास जाता है। वहां पर उसका सूची में नाम और आइडी चेक की जाती हैं। उसके बाद उसे वैक्सीनेशन ऑफिसर-2 के पास भेजा जाता है। जहां पर उसका नाम विभाग को एप में चेक किया जाता है और उसके नाम का मिलान किया जाता है। यहां पर जांच होने के बाद उसे वैक्सीनेशन ऑफिसर-3 के पास भेजा जाता है। यहां पर उसको वैक्सीन दी जाती है। वैक्सीन के बाद यहां पर ऑब्जर्वेशन रूम में रखा गया। जहां पर वैक्सीन देने के बाद व्यक्ति को आधा घंटा बैठाया गया, ताकि वैक्सीन के किसी प्रकार के साइड इफेक्ट का पता चल सके। कोई साइड इफेक्ट आता है तो यहां पर विशेष रूम की व्यवस्था की गई है। यहां पर किसी प्रकार की दिक्कत होने पर उसका उपचार किया जाना है। उसके बाद भी किसी प्रकार की परेशानी महसूस होती है तो उसे एंबुलेंस के माध्यम से सामान्य अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था ड्राई रन के दौरान भी रखी गई।
इस मॉक ड्रिल में डॉ सिंह ने टिकाकरण प्रक्रिया के लिए खुद से सबसे पहले कतार बद्ध हुए और टिका लिया।उन्होंने बताया कि यह केवल डेमो था।ताकि,16 जनवरी के टीकाकरण को सफल बनाया जाए ,क्योंकि,इसका ऑल इंडिया स्तर पर लाइव वेबकास्ट किया जाएगा।उन्होंने बताया कि रक्सौल में कोविशिल्ड उपलब्ध हो गया है।जो हेल्थवर्कर के बाद क्रमिक तौर पर फ्रंटलाइन वर्कर समेत अन्य को लगेगा।
मौके पर डॉ मुराद आलम,डॉ महम्मद सुल्तान, डॉ सुजीत कुमार,स्वास्थ्य प्रबन्धक आशिष कुमार,डब्लू एच ओ के एफएम राकेश कुमार, यूनिसेफ के बीएमसी अनिल कुमार,एमएनई जय प्रकाश,डाटा इंट्री ऑपरेटर निकुंज कुमार,सन्तोष कुमार,भारत विकास परिषद के सचिव उमेश सिकरिया,केयर के प्रियरंजन, सन्दीप सिंह ,कम्प्यूटर अमरनाथ, टिकाकर्मी राजनन्दिनी सिंह समेत एएनएम ,जीएनएम व अन्य आदि शामिल थे।