बीरगंज।(vor desk )। नेपाल में 23 वें तीर्थकर भगवान पारसनाथ की जयंती शनिवार को मनाई गई है ।जैन तीर्थ की दृष्टि से नेपाल का तराई क्षेत्र का नाम आदर से लिया जाता है ।यहां के प्रदेश 2 को 23वें तीर्थकर मल्लीनाथ और 21 वें तीर्थकर नेमिनाथ को जन्म देने का गौरव प्राप्त है ।यह प्रदेश तीर्थंकरों के तपोविहार के रूप में भी प्रसिद्ध है ।नेपाल में जहां जैनों की पुण्यभूमि है, वहीं वह जैन धर्म की सृष्टि और स्थिति भूमि भी है ।
कार्यक्रम में प्रदेश 2 के मुख्यमंत्री लालबाबु राउत ने कहा – ‘प्रदेश सरकार इस जैन तीर्थ महुवन को विकास के लिए एक मास्टर प्लान पर काम कर रही है । ‘उन्होंने इस जगह को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ” अहिंसा भूमि’ के रूप में पहचान स्थापित करने के लिए योजनाबद्ध विकास पर जोर दिया । समारोह में भारत सरकार के नेपाल स्थित महावाणिज्य दूत नितेश कुमार ने नेपाल- भारत सांस्कृतिक सम्बन्ध पर प्रकाश डालते हुए जैन सर्किट में “महुवन” को जोड़ने की बात कही ।नेपाल- बिहार- झारखंड जैन समाज के उपाध्यक्ष अशोक बैध ने महुवन में विकास की अपार संभावनाएं हैं । यह विश्व भर के जैनीयो के लिए श्रध्दा का केन्द्र के रूप में उभर रहा हैं ।महुवन गांव नेपाल के आर्थिक राजधानी वीरगंज से अठारह किलोमीटर दूर स्थित हैं ।
जैन तिर्थकर के जयंती समारोह में गैर जैनियों का ब्यापक सहभागिता इस समारोह मे दिखा ।इस समारोह में स्थानीय सांसद हरिनारायण रौनियार, बिधायक प्रह्लाद गिरी , बरिष्ठ पत्रकार चन्द्र किशोर झा, मेयर प्रदीप जायसवाल ने कहा कि महुवन के चतुर्मुखी विकास से नेपाल के सांस्कृतिक वैभव हासिल होगा।( )