आदापुर।(vor desk )।आदापुर रेलवे स्टेशन से पश्चिम कचुरबारी गांव में स्थित प्रसिद्ध ज्ञानी शाह बाबा के मजार तक कथित रूप से जिला परिषद की ओर से रेलवे के अनुमति के बिना पीसीसी सड़क बनाने का मामला तूल पकड़ गया है।इस निर्माणाधीन सड़क को रेल विभाग के अधिकारियों ने जेसीबी से तोड़वा दिया है।इसे लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है।ग्रामीणों के मुताबिक,प्रखण्ड के कचुरबारी गांव स्थित ज्ञानी शाह बाबा के मजार तक एप्रोच पथ के अभाव में स्थानीय जिला पार्षद पति मो.सलाउद्दीन के द्वारा मुख्य पथ के पुल के से मजार तक संपर्क पथ का पीसीसी कराया जा रहा था।करीब साढ़े तीन सौ फीट पीसीसी ढलाई भी करा लिया गया था।इससे ग्रामीणों में काफी उत्साह का माहौल था कि इसी बीच किसी ने रेल विभाग के अधिकारियों को सूचित कर दिया।सूचना मिलते ही रक्सौल के सीनियर सेक्शन इंजीनियर(कार्य) तपस राय,एसएसई(वे) देवेन्द्र मोहन,आइपीएफ राजकुमार गुप्ता सदल-बल पहुंचे और इस निर्माण को अवैध करार देते हुए अबिलम्ब इसे हटा लेने का निर्देश दिया।अन्यथा की स्थिति में संबद्ध निर्माण एजेंसी के खिलाफ एफआईआर कराने की चेतावनी दी।फलतः सहमे जिला पार्षद पति मो.सलाउद्दीन ने बुधवार को जेसीबी से नवनिर्मित पीसीसीकरण को तोड़वा दिया।इस नवनिर्मित पीसीसीकरण के तोड़े जाने से लाखों रुपये की राशि का नुकसान हुआ है,हालांकि जनहित के कार्यो को रेल अहाते में भी कराने का प्रावधान है।वैसे तो यह निर्माण कार्य ग्रामीणों के सहयोग से कराया जा रहा था।बावजूद,इस जनकल्याणकारी सड़क के पीसीसी को तोड़वाने की कार्रवाई को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है।बता दे कि उक्त मजार काफी मशहूर है।जहां साल में दो बार उर्स का मेला लगता है,जिसमें दिल्ली,यूपी,बंगाल सहित नेपाल के हजारों जायरीन प्रतिवर्ष आते है और अपनी मन्नतों को पूरा होने की स्थिति में ज्ञानी शाह बाबा के मजार पर चादरपोशी करते है।इस मजार तक मुख्य सड़क से रेल अहाते से होकर ही पहुंचा जा सकता है।इधर,ग्रामीणों का कहना है टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये रेल विभाग भी संकल्पित है।
लिहाजा,इस अप्रोच पथ को रेल अधिकारियों द्वारा तोड़वाया जाना काफी अनुचित व गंभीर जांच का विषय है।इधर,इस बाबत पूछे जाने पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर(कार्य) तपस राय ने बताया कि उक्त निर्माण कार्य बिना विभागीय एनओसी के रेल ट्रैक से काफी करीब कराया जा रहा था।जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित नही था।फलतः सेक्शन इंजीनियर(रेलपथ) देवेन्द्र मोहन के निर्देश पर तोड़वा दिया गया,हालांकि पूछे जाने पर एसएसई (रेलपथ) देवेन्द्र मोहन ने बताया कि अवैध निर्माण को हटा लिया गया है। इस मामले में किसी के खिलाफ एफआईआर की सूचना नही है।इस मामले को ले कर चर्चा का बाजार गर्म है।सूत्रों ने बताया कि रेलवे ने भी इस मामले को गम्भीरता से लिया है।इसके लिए मेमो जारी किया गया था।( रिपोर्ट:राकेश कुमार )