रक्सौल।( vor desk )। मंगलवार को स्टेशन रोड के दुकानदारों की बैठक की गई। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब एक बड़े व्यापारी को लीज पर हजारों फिट जमीन आवंटित किया जा सकता हैं। तो गरीब मजबूर दुकानदारों को क्यों नहीं?जो सालों से1996 तक रेलवे को राजस्व देते आए है। 10-08-1996 तक यहाँ के दुकानदार अपना अपना रसीद कटा कर रेलवे को राजस्व देते आ रहे थे और 12-08-1996 को उन्हें उजाड़ दिया जाता हैं। ऐसे में कैसे आत्मनिर्भर होगा भारत? जब गरीब को रोजगार ही नहीं मिलेगा।
स्टेशन रोड में चाय नास्ता की दुकान कर ये लोग अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। बच्चों को शिक्षित करते हैं। 121 लीजधारी के साथ ही हज़ारों लोगों का रोजगार अब छीन जाएगा। भूखे मरने की नौबत आने से पहले सरकार इनके रोजगार का व्यवस्था करें। अन्यथा हमलोग रक्सौल रेलवे स्टेशन के बाहर आमरण अनशन पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएंगे।इस बाबत स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि रेलवे ने यदि न्याय नही किया ,तो,हम चुप नही बैठेंगे।कोर्ट जाएंगे।आंदोलन करेंगे।अन्याय बर्दाश्त नही करेंगे।
बैठक में नंदकिशोर राय, धर्मेंद्र यादव, देवचंद्र चंद्र झा, गणेश कुशवाहा, उमेश झा, राम गोपाल साह, संजीव प्रसाद, उपेंद्र शाह, श्याम बाबू साह, राम निवाश, गुड्डू कुमार, बिहारी महतो, धर्मजित यादव, नरेश यादव, चितरंजन यादव, श्रवण मालाकार, संजय पंडित, धर्मेंद्र साह, शंम्भू दास, राजेश दास,रामेश्वर शाह, बीरेंद्र दास,कमलेश ठाकुर, हरिओम ठाकुर, विजय शर्राफ, सुनेशर शाह, मंगल दास, वचन झा, ब्रजेश झा, बद्री मालाकार, वासदेव मालाकार, भोला साह, आकाश दास, सूरज कुमार, दीपेन्द्र शाह, अनूप साह, राजेश गुप्ता, मनोहर साह, मीना कुमारी इत्यादि उपस्थित रहे।