मोतिहारी।( vor desk )। दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रचार का आज आखिरी दिन है. आखिरी दिन सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक के बाद एक चार-चार रैलियां कर चुनावी बयार को एनडीए के पक्ष में करने के लिए बिहार दौरे पर है. पहले छपरा, फिर समस्तीपुर और इसके बाद मोतिहारी में पीएम मोदी ने विशाल जनसभा को संबोधित किया.
मोतिहारी में दूसरे व तीसरे चरण के लिए होने वाले चुनाव को ले कर एनडीए प्रत्यशियों के पक्ष में आयोजित जनसभा की शुरुवात उन्होंने भोजपुरी भाषा मे सम्बोधन से किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि आज बिहार में एक तरफ डबल इंजन की सरकार है , तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज हैं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश चुनाव में जो हाल डबल-डबल युवराज का हुआ, वहीं हाल बिहार में भी खासतौर पर जंगलराज के युवराज का होगा। मोदी ने डबल-डबल युवराज कह कर उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान साथ रहे राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर इशारा किया। वहीं, बिहार में डबल-डबल युवराज के माध्यम से उन्होंने तेजस्वी और राहुल पर निशाना साधा।

अपने संबोधन में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जंगलराज की हालत तो ये थी कि जो उद्योग, जो चीनी मिले, दशकों से चंपारण और बिहार का अहम हिस्सा रही हैं, वो भी बंद हो गईं. अब तो इस चुनाव में जंगलराज वालों के साथ नक्सलवाद के समर्थक, देश के टुकड़े-टुकड़े करने की चाहत रखने वालो के समर्थक भी शामिल हो गए हैं.
एनडीए का प्रयास है कि हम बिहार के अपने गरीब भाइयों बहनों को ज्यादा से ज्यादा पक्के घर कैसे दे सकें. जंगलराज वालों को चिंता है कि अपनी तिजोरी कैसे भरें. हमारी प्राथमिकता है कि बिहार के किसानों को, श्रमिकों को, बुजुर्गों को पैसे सीधे उनके बैंक खाते में डाल सकें.
उन्होंने कहा कि बिहार की महिलाएं, माताएं-बहनें खुले में शौच में जाने के लिए मजबूर थीं, उनकी सुरक्षा पर खतरा रहता था, लेकिन जंगलराज वाले, जंगल जैसे हालात बनाए रखना चाहते थे. एनडीए की सरकार ने बिहार की माताओं-बहनों के लिए लाखों शौचालय बनाकर उनकी परेशानी कम करने का प्रयास किया है.
पीएम मोदी ने कहा, जंगलराज वालों ने अगर कभी आपकी चिंता की होती तो बिहार विकास की दौड़ में इतना पिछड़ता नहीं. सच्चाई ये है कि इन्हें न पहले आपकी चिंता थी और न ही आज है. इनकी चिंता कुछ और है. जंगलराज वालों को चिंता है कि अपनी बेनामी संपत्ति कैसे छिपाएं.
उन्होंने कहा कि जंगलराज का अंधेरा बिहार पीछे छोड़ चुका है, अब नई रोशनी में डबल इंजन की ताकत के साथ विकास का लाभ हमें बिहार के हर व्यक्ति तक पहुंचाना है.
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार, यहां के हर युवा की आकांक्षाओं को पूरा करने का रोडमैप है. आत्मनिर्भर बिहार, यहां के गांव-गांव के सामर्थ्य को पहचान दिलाने का मार्ग है.आत्मनिर्भर बिहार, बिहार के गौरव, बिहार के वैभव को फिर से लौटाने का मिशन है.
पीएम मोदी ने कहा, यह जो दिल्ली में पोलिटिकल पंडित बैठे है वह एक बार इस नज़ारे को देख ले समझ जाएंगे की 10 तरीक को क्या होने वाला है. पहले उछल उच्छल कर बोल रहे थे की वोट बहुत कम होगा. कोरोना के कारण कोई बाहर नहीं आएगा. बिहार का व्यक्ति चुनाव का महत्व जानता है.पहले चरण के चुनाव से इसकी झलक मिल चुुकी है.

नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि नीतीश जी की अगुवाई में फिर सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि देश में स्वामित्व योजना शुरू की गई है. यह योजना जल्द ही बिहार में लागू होगी. आत्मनिर्भर बिहार के लिए भी तेजी से काम हो रहा है. पूरे देश के लिए एक ही राशन कार्ड बनाया जा रहा है.
नरेनद्र मोदी ने सवाल दागा कि कोरोना काल में ये लोग कहां थे? इन लोगों को सिर्फ अपने परिवार के विकास से मतलब है. यही इनकी सच्चाई है और ट्रेनिंग भी. कहा कि जंगलराज वालों को यह चिंता है कि लालटेन कैसे जले, लेकिन मेरी चिंता है कि घर-घर में एलइडी की रोशनी कैसे पहुंचाई जाए. उन्होंने कहा कि हमने घर-घर शौचालय बनवाया. चुनाव में बिहार को सतर्क रहने की जरूरत है.

*बिहार बनेगा आत्मनर्भर, गांधी जी के स्वाबलंबन के विजन को बताया प्रेरक
आज चंपारण को एक बार फिर वही संकल्प लेना है जो उसने आजादी के समय लिया था.आज फिर चंपारण के लोगों को संकल्प लेना है कि जो भी आत्मनिर्भर बिहार, आत्मनिर्भर भारत के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं, उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से सबक सिखाया जाए.
आज जब आत्मनिर्भर भारत अभियान के लक्ष्य को लेकर देश आगे बढ़ रहा है तो इसमें भी चंपारण अहम भूमिका निभाने वाला है.असल में बापू ने यहीं से स्वाबलंबन को सत्याग्रह का व्यापक हिस्सा बनाया था.यहीं से गांधी जी ने गांव के स्वाबलंबन के अपने विजन को आगे बढ़ाया.
उन्होंने कहा कि चंपारण एक प्रकार से भारत की आस्था-आध्यात्म और हमारे सामर्थ्य को परिभाषित करने वाली धरती है.यहां बुद्ध के निशान भी हैं.
यहां से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को भी नई दिशा मिली.ये पूज्य बापू के सत्याग्रह की धरती है.
ये अपार प्यार, ये आपका आशीर्वाद, हम सबको एक नई शक्ति दे रहा है, नई ऊर्जा दे रहा है.मैं आपके प्यार को बार-बार नमन करता हूं.
बिहार को बीमार बनाने वालों को आप दोबारा नहीं लाएंगे, वादा कीजिए.
उन्होंने पूछा-‘जिस चीज को इस्तेमाल करने से आप को तकलीफ हुई है, क्या आप उस चीज को दोबारा इस्तेमाल करेंगे. चाहे उसका रंग-रूप कितना भी नया क्यों न हो? क्या आप फिर से उसको पसंद करेंगे। नई चीज, नया पैकेज में कितना भी अच्छा क्यों न हो, आप इसे 5 साल…10 साल…20 साल बाद इसे इस्तेमाल करेंगे.बिहार को बीमार बनाने वालों को आप दोबारा नहीं लाएंगे. इसका वादा कीजिए.उन्होंने अपील किया कि बिहार को बीमार होने से बचाने के लिए एनडीए को वोट दीजिए.
उन्होंने कहा कि बिहार के इस क्षेत्र में गन्ना भी देश की आत्मनिर्भरता और बिहार के युवाओं के रोजगार का एक बड़ा माध्यम बन सकता है.आज पेट्रोल और हवाई ईंधन में गन्ने से बने इथेनॉल की ब्लेंडिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. पहली बार इसके लिए व्यापक नीति बनाई गई है.
बिहार को बीमार होने से बचाने के लिए, बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, हर एक परिवार का, हर एक मतदाता का एक-एक वोट एनडीए यानी भाजपा, जदयू, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी के उम्मीदवारों को ही पड़ना चाहिए.
आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका हमारी बेटियों की है, हमारी बहनों की है.इसलिए जीविका दीदियों की भूमिका का निरंतर विस्तार किया जा रहा है. आने वाले समय में बिहार की लाखों बहनों को इससे जोड़ने का लक्ष्य है.
आत्मनिर्भर बिहार यहां के हर युवा की आकांक्षाओं को पूरा करने का रोडमैप है.
हाल में देश में मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत बड़ी योजना बिहार से ही लॉन्च की गई है.मत्स्य संपदा योजना के तहत हजारों करोड़ रुपये का निवेश मछली व्यवसाय से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है.
खेती हो, पशुपालन हो, मछलीपालन हो, इससे जुड़े उद्योग और उद्यम आत्मनिर्भर चंपारण, आत्मनिर्भर बिहार का अहम हिस्सा हैं.
पूर्वी चंपारण में ही कृषि अनुसंधान केंद्र बन चुका है.यहां डेयरी प्लांट भी लग चुका है, जिससे पशुपालकों को लाभ होता है.
आत्मनिर्भर बिहार, यहां के हर युवा की आकांक्षाओं को पूरा करने का रोडमैप है.आत्मनिर्भर बिहार, यहां के गांव-गांव के सामर्थ्य को पहचान दिलाने का मार्ग है.आत्मनिर्भर बिहार, गांवों में उद्यम के, रोज़गार के अवसर तैयार करने का अभियान है.
मैं पिछले साल चंपारण में सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम के समापन पर आया था. चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूर्ण होने पर स्वच्छता का ये प्रयास करके इस क्षेत्र के लोगों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है.

उन्होंने दुहराया कि आज बिहार प्रगति के जिस पथ पर है, वो बिहार का भविष्य और मजबूत करेगा, उसे और गौरवशाली बनाएगा. एनडीए के हम सभी साथी मिलकर इसी सोच को साकार करने में लगे हैं.