Monday, November 25

रक्सौल बना नरक:कुर्सी के खेल में 13 जुलाई को होगा उपसभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा


रक्सौल (vor desk)। एक ओर वर्षात शुरू होते ही रक्सौल नारकीय स्वरूप में आ गया है।शहर के दर्जनों वार्ड जल जमाव का शिकार है।यानी मुहल्लों में बाढ़ है।लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैैं।वहीं,इस बाबत मिली शिकायतों के बाद पूर्वी चंपारण के डीएम कपिल शीर्षत अशोक ने बड़ी करवाई करते हुए नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को स्पष्टीकरण देने का निर्देश देते हुए उनके वेतन पर रोक लगा दी है।साथ ही एक हफ्ते के अंदर जलजमाव से मुक्ति दिलाने का आदेश भी दिया है।

इधर,रक्सौल नगर परिषद के निर्वाचित जन प्रतिनिधि सियासी उठा पटक में व्यस्त हैं।पिछले दिनों नगर परिषद की सभापति की कुर्सी बच गई। सभापति उषा देवी को विश्वास मत हासिल करने तक निलंबन की कार्रवाई की मीडिया के समक्ष घोषणा के बाद बैठक की अध्यक्षता कर रहे उप सभापति काशी नाथ प्रसाद ने घण्टा भी नही बिता कि बन्द कमरे में” यू टर्न ले लिया।और अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

अब सभापति की कुर्सी तो बच गई,लेकिन,उप सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव की मुकम्मल तैयारी शुरू हो गई।

इसी कड़ी में उप सभापति काशी नाथ प्रसाद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।जिस पर चर्चा को लेकर विशेष बैठक 13 जुलाई को होगी।

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि विशेष बैठक नगर सरकार भवन के सभागार में 11 बजे दिन से होगी। जिस बैठक की अध्यक्षता सभापति उषा देवी करेगी। जिसकी सूचना सभी नगर पार्षदों को पत्र प्रेषित कर दे दी गई है।

बता दें कि पिछले तीन जुलाई को नगर परिषद के 14 पार्षदों ने कार्यपालक पदाधिकारी को संयुक्त हस्ताक्षरित आवेदन देकर उपसभापति काशीनाथ प्रसाद पर पार्षदों को दिग्भर्मित कर गुटबाजी को बढ़ावा देने, पार्षदों के बीच गलत सूचना देकर नगर परिषद का माहौल विषाक्त बनाने एवं नप के विकास में अपेक्षित सहयोग नहीं करने तथा नप के राजस्व वृद्धि के लिए सार्थक सहयोग करने आदि का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
इधर ,उप सभापति पद के लिए दबे जुबान से वार्ड पांच के पार्षद जितेंद्र दत्ता की चर्चा व पक्ष में खेमेबाजी भी तेज हो गई है।हालांकि,वो इस बाबत कोई भी टिप्पणी से बचते दिख रहे हैं।

वहीं, उप सभापति के विरुद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर तिथि निर्धारित होने के साथ ही पक्ष व विपक्ष में शह – मात का खेल जारी है।अब देखना होगा कि उप सभापति काशी नाथ अपनी कुर्सी बचा पाते हैं।या नहीं!
लेकिन,इस पूरे परिदृश्य में ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ के कारण पार्षदो की बल्ले बल्ले है।
इधर,रक्सौल नगर परिषद जल जमाव की त्रासदी झेल रहा है।लेकिन,सब की नजर ड्रेनेज सिस्टम के लिए नगर परिषद को मिले 55 करोड़ समेत अन्य योजनाओं की कमीशन पर टिकी है।जिसकी पुष्टि कभी नही हो पाती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!