- अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर नगर परिषद के वार्ड पार्षदों की आहूत विशेष बैठक निलंबित!
- 14 पार्षदों द्वारा लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव,चार समेत कुल सात पार्षद ही हुए बैठक में शामिल
- उप सभापति ने नगरपालिका अधिनियम की धारा 50 (2) के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए बैठक को किया निलंबित
- सभापति की गई निलंबित,बहुमत हासिल करने के बाद ही होंगी कुर्सी पर काबिज
- सभापति गुट ने उप सभापति पर लगाया भेदभाव बरतने व दबंगता का आरोप!
- अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों में पार्षद अब्बास ने ही कर दी कोरम के अभाव में प्रस्ताव को खारिज करने की मांग!
रक्सौल ( vor desk)।रक्सौल नगर परिषद के सभापति उषा देवी के ऊपर वार्ड 9 के पार्षद कुंदन सिंह समेत कुल 14 पार्षदो द्वारा हस्ताक्षरित अविश्वास प्रस्ताव को ले कर शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा में आयोजित विशेष बैठक हंगामेदार रहा।
कोरम के अभाव में नगर सभापति उषा देवी पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर शुक्रवार को आहूत नगर परिषद बोर्ड की विशेष बैठक निलंबित कर दी गई ।बताया गया है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर अगली बैठक की तिथि बाद में तय की जाएगी।बहुमत साबित करने के बाद ही सभापति कुर्सी पर काबिज होंगी।
इस बाबत बैठक की अध्यक्षता कर रहे नगर परिषद के उप सभापति पार्षद काशी नाथ प्रसाद ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि नगर परिषद अधिनियम के तहत प्रदत प्रावधान के तहत बैठक को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पिछले 19 जून को वार्ड नंबर 9 के नगर पार्षद कुंदन सिंह के नेतृत्व में 14 पार्षदों ने मुख्य पार्षद उषा देवी पर सदन में विश्वास खोने का आरोप लगाते हुए अपने समर्थक पार्षदों के वार्डो में ही विकास कार्य कराने, विभाग द्वारा विकास मद में प्राप्त राशि को सामान रूप से सभी वार्डो में नहीं बांटने तथा नगर परिषद के आंतरिक राजस्व को नहीं बढ़ाने सहित कई मुद्दों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
इस अविश्वास प्रस्ताव के आलोक में प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर नगर परिषद द्वारा 26 जून को 11 बजे दिन से विशेष बैठक आहूत की गई थी।
नव निर्मित रक्सौल नगर परिषद कार्यालय के सभागार में उक्त विशेष बैठक निर्धारित की गई थी। बैठक की कार्यवाही निर्धारित समय 11 बजे से आरंभ हुई। बैठक में मौजूद सदस्यों द्वारा मुझे बैठक की अध्यक्षता करने के लिए अधिकृत किया गया। बैठक शुरू होने के एक घंटे बाद तक भी कुल 14 में कुल सात पार्षद ही शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले राजकिशोर प्रसाद,जितेंद्र दत्ता, रवि गुप्ता ,महम्मद अब्बास, ही उपस्थित थे।जबकि,कुंदन सिंह,घनश्याम प्रसाद,उषा देवी,सुभाष चन्द्र सिंह,रीता देवी,जयमन्ती देवी,खुशबू दयाल,अर्चना देवी समेत 9 पार्षद बिना कारण बताए गायब रहे।
जिससे मैंने नगरपालिका अधिनियम की धारा 50 ( 2) के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए बैठक निलंबित करने की विधिवत घोषणा कर दी है।
कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर अगली बैठक की तिथि बाद में तय की जाएगी।
नियमो के तहत अब सभापति उषा देवी तब तक निलंबित रहेंगी ,जब तक कि वे बहुमत हासिल नही कर लेतीं।
इधर, पार्षद म0 अब्बास ने उप सभापति काशी नाथ प्रसाद पर दबंगता का आरोप लगाते हुए बैठक को निलंबित करने की घोषणा को गैरलोकतांत्रिक व असंवैधानिक बताया है।अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले महम्मद अब्बास ने ही प्रस्ताव को खारिज करने की मांग कर सबको चौका दिया।
मौके पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद, प्रधान सहायक चंद्रशेखर कुमार, उच्च वर्गीय लिपिक मृत्युंजय मृणाल आदि अन्य कर्मी मौजूद थे।जबकि,दंडाधिकारी के तौर पर सीओ विजय कुमार,हरैया ओपी प्रभारी धुरुव नारायण प्रसाद आदि मौजूद रहे।जबकि, इंस्पेक्टर अभय कुमार गेट पर ही रह गए।
गेट पर ही रह गए पार्षद:बताते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाले पार्षदो की बैठक के लिए तय समय मे कम संख्या में उपस्थिति चौकाने वाली रही।ऐसे में कोरम के अभाव में बैठक निलंबित कर दी गई।इस दौरान कुल 7 पार्षद ही मौजूद थे।जबकी,25 में कम से कम 9 पार्षदो की उपस्थिति अनिवार्य थी।इसमे अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले मात्र चार पार्षद ही बैठक के समय उपस्थित थे।जबकि, तीन पार्षद उससे बाहर थे।वहीँ,विशेष बैठक के लिए निर्धारित समय के बाद अधिकारियों के निर्देश पर गेट को बन्द कर दिया गया।जिससे दो पार्षद चीनी राम ( वार्ड 7) व ननहे श्रीवास्तव( वार्ड 19 ) बाहर गेट पर गेट खुलवाने की जोर आजमाइश करते रह गए।बैठक खत्म होने के बाद ही उन्हें इंट्री मिल सकी।जिससे वे मायूस दिखे।नन्हे श्रीवास्तव का आरोप था कि पौने बारह बजे हम पहुंच गए थे।ताला बंद था।लेकिन,समय 11 से 12 के बीच प्रवेश का था।
मीडिया पर भी रोक:मीटिंग के क्रम में गेट को बन्द कर मीडिया को भी रोक दिया गया।लिहाजा, कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों को बाहर ही रहना पड़ा।गेट पर अंदर से ताला बंद था,लेकिन,कोई यह बताने को तैयार नही था कि किसके आदेश पर किसने ताला बंद किया और चाभी किसके पास है।खुद गेट पर इंस्पेक्टर अभय कुमार ताला खोलने को कहते दिखे,अंदर पुलिस बल भी इस पर भौचक इधर उधर पूछते दिखे,लेकिन,कोई जवाबदेही लेने को तैयार नही था।आखिरकार मीटिंग के बाद ही ताला खुला और उप सभापति व कार्यपालक पदाधिकारी ने खेद जताया कि अच्छा नही हुआ।इस पर यह सवाल उठ गया कि आखिर नगर परिषद में किसका आदेश चलता है?
।जबकि,बैठक के बाद उप सभापति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बैठक निलंबित कर दी गई है।नियमो के तहत सभापति निलंबित हैं।उन्हें बहुमत सिद्ध करना होगा।
सभापति गुट ने उड़ाए रंग गुलाल:बैठक की अध्यक्षता कर रहे उप सभापति काशी नाथ प्रसाद के द्वारा बैठक निलंबित करने की घोषणा के बाद अजीबोगरीब स्थिति तब हो गई,जब सभापति उषा देवी समर्थकों ने उन्हें फूल माला से लाद दिया और रंग गुलाल उड़ाए।शुभकामनाएं दी ।कहा गया कि उप सभापति ने कोरम के अभाव में बैठक को खारिज कर दिया है।इसलिए कुर्सी बच गई है।लेकिन,इस दावे की हवा तब निकल गई जब मीडिया से कहा कि मैं अपने दिए बयान पर कायम हूँ।इधर,मौके पर सभापति उषा देवी के साथ महम्मद अब्बास, राजकिशोर प्रसाद, रवि कुमार गुप्ता, प्रेमचंद्र कुशवाहा एवं जितेन्द्र दत्ता आदि मौजूद दिखे।उधर, विपक्ष की नेत्री माने जाने वाली पार्षद रोहिणी देवी पूरे खेल से जहां अपने को अलग रखा,बहीं, कार्यपालक पदाधिकारी आनंद गौतम ने चुप्पी साधे रखी।