दिल्ली।( vor desk )।केंद्र सरकार भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के बीच चल रही यात्री बस सेवाओं के सुगम आवागमन के लिए नियमों का सरलीकरण करने की प्रक्रिया में है। इससे यात्री-पर्यटकों को सीमा पार करने के लिए बॉर्डर पर घंटों इंतजार नहीं करना होगा। इसका फायदा ट्रकों और दूसरे व्यावसायिक वाहनों को भी होगा।
वाहन संबंधी दस्तावेजों में एकरूपता, वाहन के आगे-पीछे पंजीकरण संख्या, देश का नाम आदि के नए मानक तैयार किए गए हैं। सरकार की इस कवायद से पड़ोसी देशों की सीमाओं के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर बसों की लंबी-लंबी कतारें नहीं लगेंगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 18 जून को भारतीय केंद्रीय मोटर वाहन (भारत व पड़ोसी देशों के बीच परिवहन सेवा विनियमन-माल ढुलाई व यात्री वाहन आवागमन) नियम 2020 संबंधी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हितधारकों से सुझाव-आपत्ति के बाद उक्त नए नियमों को लागू कर दिया जाएगा।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सूची-1 के तहत वाहन का परमिट होगा। नहीं किया जा सकेगा। संबंधित देश के वाहन संबंधी दस्तावेजों जैसे वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र, फिटनेस प्रमाणपत्र, वैध बीमा पॉलिसी, वैध परमिट, यात्रियों की राष्ट्रीयता के विवरण के साथ यात्रियों की सूची, वैध पीयूसी प्रमाणपत्र आदि रखना होगा।
इन दस्तावेजों को संबंधित राज्य सरकार के परिवहन विभाग के अधिकारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर दिखाएंगे। वहीं, वाहन चालक-सहायक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस और बैज होना चाहिए। इसके अलावा एक निश्चित आकार में वाहन के आगे-पीछे भारत के पड़ोसी देश का स्थान व भारत का स्थान लिखा होना चाहिए। वाहन के आगले हिस्से पर पंजीकरण संख्या का उल्लेख होना चाहिए।
बस सेवा के लिए राज्य का स्वास्थ्य विभाग चिकित्सा सुविधाओं व आपातकाल स्थितियां होने पर समन्वय का काम करेंगे। सुचारु परिचालन के लिए इंटेलीजेंस संबंधी मद्दों के समन्वय की जिम्मेदारी इंटेलीजेंस ब्यूरो नोडल एजेंसी पर होगी। वाहन के गंतव्य से चलने से पहले वाहन यात्रियों के टिकट, सड़क पर चलने की योग्यता, यात्रियों-चालक-सहायक की तलाशी, समान की तलाशी आदि औपचारिकताओं का ध्यान रखना होगा। बस सेवा की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की होगी।(रिपोर्ट:मनोज चौहान )