रक्सौल।( vor desk )।वन्दे भारत मिशन के तहत शनिवार को करीब दो हजार लोगों को इंट्री दी गई।
अहले सुबह से ही आइसीपी गेट पर इंट्री के लिए कतार लग गई थी।जो शाम तक लगी रही।लेकिन,यह कतार खत्म नही हुई।करीब पांच सौ से ज्यादा लोग इंट्री से वंचित रह गए।
उधर,शुक्रवार को इंट्री से वंचित लोगों को शनिवार को इंट्री मिली।लेकिन,उन्होंने जो त्रासदी झेली ,उसे वे जीवन भर शायद ही भूल पाएं।
शुक्रवार को जब रक्सौल आइसीपी में इंट्री बन्द कर दी गई तो उनका दर दर भटकना नियति बन गई।नेपाल पुलिस प्रशासन ने उन्हें वापस लौटने नही दिया।
वहीं,उन पर डंडे भी बरसाए गए।उन्हें रात नो मेंस लैंण्ड पर काटनी पड़ी।कुछ समाजिक संस्थाओं व स्थानीय लोगो ने उन्हें भोजन कराया।
सुबह आंधी व बारिश के कहर से उनका सामना हुआ।भूख और बारिश में भींग जाने से एक युवक आइसीपी गेट पर ही अचेत हो गया।उसके साथियों ने उसे पानी छिड़क कर होश में लाया और उपचार कराया।वहां फंसे लोग बुरी तरह भींग गए थे।
शनिवार को भी स्थिति अनियंत्रित हो गई।उम्मीद से ज्यादा लोगों के पहुंचने से शाम चार बजे इंट्री बन्द कर दी गई।लेकिन,नजारा थोड़ा बदला हुआ था।रक्सौल एसडीओ अमित कुमार व डीएसपी संजय झा आइसीपी पहुचे।इंट्री की मॉनिटरिंग में जुटे रहे।जो लोग इंट्री से वंचित हुए।उन्हें समझाया बुझाया।और दुतावास के सहयोग से उनके रहने खाने की व्यवस्था की गई।
( शेष )