- अब तक वन्दे भारत मिशन के तहत नेपाल से करीब 1800 भारतीय नागरिक आये स्वदेश
- नेपाली नागरिकों की भी हुई वतन वापसी,रक्सौल बॉर्डर से गये 600 लोग
बीरगंज/रक्सौल।( vor desk )।वन्दे भारत मिशन के तहत नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी शुरू हो गई है।गुरुवार को करीब 602 लोगों को रक्सौल आईसीपी में इंट्री मिली।अब तक करीब 1800 से ज्यादा लोग रक्सौल के रास्ते भारत लौटे। वहीं, नेपाली नागरिकों की भी वापसी शुरू हो गई।गुरुवार को करीब 50 नेपाली नागरिकों को बीरगंज बॉर्डर पर इंट्री मिली।अब तक करीब 600 से ज़्यादा लोग रक्सौल बॉर्डर होते नेपाल पहुँचे।
उधर,भारत मे फंसे नेपाली नागरिकों के वापसी के लिए एनओसी में विलम्ब करने से नेपाल सरकार व नेपाली प्रशासन को आलोचना व अव्यवस्था का सामना करना पड़ा है।इसको देखते हुए नेपाल सरकार ने प्रदेश दो के सात बॉर्डर से नेपाली नागरिकों की इंट्री देने का निर्णय किया है।इसमे सप्तरी स्थित कुनौली नाका, सिराहा स्थित ठाडी और माडर, महोत्तरी का भिट्टामोड, सर्लाही का मलंगवा, रौतहट का गौर और पर्सा का बीरगंज बॉर्डर से नेपाली नागरिको को भारत से आने पर इंट्री दी जायेगीं।
इस बाबत धनुषा के प्रमुख जिला अधिकारी कोषहरि निरौला ने नेपाल सरकार के मन्त्री परिषद् के बैठक में यह निर्णय लिए जाने की जानकारी दी है।
बता दे कि भारत से आने के क्रम में बुधबार को धनुषा के शहीद नगरपालिका वार्ड 9 के वीरेन्द्र यादव का जटही बॉर्डर में मृत्यु हो गई थी । यादव के साथ भारत से आए लगभग 2 सौ के समूह कर अनियन्त्रित होने के बाद नेपाल पुलिस भी परेशान हो गई थी ।
बताया गया है कि धनुषा के दो प्रमुख नाका जटही और खजुरी बन्द कर दिया गया है ।
सरकार के इस निर्णय अनुसार प्रदेश 1 के पशुपतिनगर, काँकडभिट्टा और मोरङ के रानी नाका से भी नेपाली स्वदेश लौट सकते हैं ।
वहीं,प्रदेश 5 के नवलपरासी पश्चिम स्थित महेशपुर, रुपन्देही के बेलहिया, कपिलवस्तु के कपिलवस्तु और कृष्णनगर, बाँके के जमुनाहा, बर्दिया के सुरतपुर, सुदुर पश्चिम प्रदेश के कैलालीस्थित गौरीफन्टा, कंचनपुर के गठा चौकी, बैतडी के तुलाघाट और दार्चुला के दार्चुला नाका से नेपाली नागरिक लौट सकते हैं।
इस बाबत नेपाल के एक हिंदी पत्रिका से जुड़े पत्रकार शिपु तिवारी ने बताया कि भारत सरकार के वन्दे भारत मिशन के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली में भी विदेश में फंसे नेपाली नागरिकों को वापस लाने की घोषणा की है।इसी के तहत विभिन्न बॉर्डर से नेपाली नागरिकों को इंट्री देने की व्यवस्था की गई है।