- नेपाली नागरिकों ने किया वतन वापसी के लिए फिर से हंगामा
- नेपाल सरकार के विरोध में नारेबाजी,नेपाली नागरिकों में रोष
- 27 मई को हो सकती है वतन वापसी ,दुतावास ने दिए संकेत
रक्सौल।( vor desk )।नेपाली नागरिक वतन वापसी की मांग को ले कर मंगलवार की शाम उग्र हो गये और जम कर विरोध प्रदर्शन किया।एक सप्ताह के अंदर उन्होंने दूसरी बार हंगामा किया।क्योंकि,लंबे समय से फंसे हुए नेपाली नागरिक वतन वापसी के लिए बेचैन हैं ।
इस दौरान उन्होंने नेपाल के केपी ओली सरकार के विरोध में जम कर नारेबाजी की।साथ ही बिहार सरकार के प्रति भी नाराजगी प्रकट कर रहे थे।यह वाकया रक्सौल के हजारीमल उच्च विद्यालय स्थित कोरोना आपदा राहत केंद्र का है।सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर अभय कुमार व सब इंस्पेक्टर एम आलम आदि पहुंच गए और समझा बुझा कर मामला शांत कराया।आश्वासन दिया कि नेपाल से एनओसी मिलते ही उन्हें नेपाल भेज दिया जाएगा।इस केंद्र पर करीब 135 नेपाली नागरिक रह रहे हैं।।जिसमे दर्जनों लोगों की कोरेण्टाईन अवधि पूर्ण होने के बाद यहां 55 दिनों से ज्यादा हो चुका है।बता दे कि कोरोना रोक थाम को ले कर बॉर्डर सील है।नेपाल सरकार से एनओसी नही मिलने से पेंच फंसा हुआ है।बताया गया कि रकसौल में पर्सा,बारा, रौतहट ,नारायणघाट समेत 25 जिलों के करीब 400 से ज्यादा नेपाली नागरिक यहां फंसे हुए हैं हैं।जो मजदूर-काम व्यापारी हैं।उसमे महिला व बच्चे भी हैं।जिन्हें नेपाल वापसी का इंतजार है।इसके लिए कवायद चल रही है।लेकिन,मंगलवार को नेपाल सरकार की अनुमति नही मिलने से केवल भारत के लोग ही रक्सौल आ सके।बता दे कि भारत के साथ ही नेपाल में लॉक डाउन हो गया था।वहीं,24 मार्च से इंडो नेपाल बॉर्डर सील है।किसी नागरिक के आवाजाही पर रोक है।दोनों ओर बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मी मुस्तैद हैं।
इस बीच नेपाल की ओर से एनओसी नही मिलने से नेपाली नागरिकों के वतन वापसी नही हो रही।भारतीय महावाणिज्य दुतावास के सूचना अधिकारी बी सुरेश कुमार का कहना है कि जब तक नेपाली प्रशासन नही चाहेगी, नेपाली नागरिकों की वापसी नही हो सकती।इसके लिए पहल चल रही है।
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह क्षेत्रीय सांसद डॉ0 संजय जायसवाल ने कहा कि नेपाली नागरिक हमारे अतिथि हैं।भारत मे उन्हें कोई दिक्कत नही होने दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि नेपाली नागरिकों को नेपाल बुलाने का काम नेपाल सरकार का है।इसमे हम कुछ नही कर सकते।
उन्होंने कहा कि वन्दे भारत मिशन के तहत भारतीय नागरिकों की नेपाल से वापसी शुरू हो गई है।यह क्रम चलता रहेगा।
इधर,एक सप्ताह में दूसरी बार नेपाल से भारतीय नागरिकों की वतन वापसी हुई।तो,नेपाली नागरिकों में इस बात को ले कर असंतोष फैल गया कि उन्हें नेपाल नही भेजा जा रहा।
पिछले सप्ताह भी उनका गुस्सा तब भड़क गया था ,जब, उन्होंने पर्सा जिला के सीडीओ से बात की।उन्होंने कथित तौर पर कह दिया कि आप पैदल चले आओ।इसके बाद सभी नेपाल को चल दिये।
नेपाली नागरिकों ने अपने बयान में इसकी पुष्टि भी की।रक्सौल के अधिकारी भी इससे सकते में रहे।
नेपाली प्रशासन के उकसाऊ रवैये के कारण रक्सौल प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी।एसडीओ अमित कुमार ने काफी समझा बुझा कर उन्हें रोका।
वस्तूत:नेपाल सरकार के आल टाल से नेपाली नागरिक बेवजह परेशान हो रहे हैं।इधर,दुतावास सूत्रों ने संकेत दिए है कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 27 मई की सुबह उनकी वतन वापसी हो सकती है।
उधर, महाराष्ट्र से आये 19 नेपाली नागरिक बॉर्डर पार करने की कोशिश में नियंत्रण में लिए गए।एसएसबी ने इन्हें नियंत्रण में लिया।सभी नेपाल के पर्सा जिला के नागरिक बताए गए हैं।