रक्सौल।( vor desk )।वन्दे भारत मिशन के तहत नेपाल से भारतीय नागरिक का दूसरा जत्था 26 मई को आएगा।इसको ले कर सोमवार की शाम हुई एक बैठक में सहमति बनी।बताया गया कि गृह मंत्रालय व विदेश मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद उक्त बैठक रक्सौल में हुई,जिसमे सीमा क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी,आईसीपी, एसएसबी व स्वास्थ्य विभाग ,इमिग्रेशन,कस्टम समेत भारतीय महावाणिज्य दुतावास के अधिकारी मौजूद थे।
सूत्रों ने दावा किया कि बैठक में एजेंसियों के आपसी ताल मेल का अभाव साफ दिखा।वहीं,तकनिकी कारणों का हवाला दे कर आना कानी का दौर भी चला।लेकिन,अंततः यह तय हुआ कि 26 मई से इंट्री शुरू कर दी जाएगी।बताया गया है कि इस मामले में मन्त्रालय का आदेश भी आ चुका है कि भारतीय नागरिकों की इंट्री शुरू की जाए।बताया गया कि बिहार सरकार के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग इसके लिए पहले से मुस्तैद है।मंगलवार को 211 लोगो की इंट्री के वक्त डीएम कपिल शीर्षत अशोक व एसपी नवीन चंद्र झा खुद स्वागत किया।लेकिन,बुधवार से अचानक इमिग्रेशन ने इंट्री बन्द कर दी और एसएसबी ने आईसीपी गेट बंद कर दिया।तकनीकी कारण से इंट्री बन्द करने की बात कही गई थी।।बताया गया था कि गृहमंत्रालय के निर्देश के बाद ही इंट्री शुरू होगी।
इस बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित एडीएम अनिल कुमार,एसडीओ अमित कुमार,इमिग्रेशन के एएफ़आरआरओ कुमार पंकज,कस्टम सुपरिटेंडेंट सुभाष शर्मा, ,भारतीय महावाणिज्य दुतावास के प्रभारी महावाणिज्य दूत एम कोटरास्वामी,सूचना अधिकारी बी सुरेश कुमार समेत प्रशासन के साथ आईसीपी व एसएसबी के अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन के एएफआरआरओ कुमाए पंकज ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि 26 मई से भारतीय नागरिक नेपाल से वापस आएंगे।बताया कि मंगलवार से 10 बजे से आईसीपी के रास्ते करीब 500 भारतीय नागरिक के वापसी की तैयारी है।
इधर,26 मई से इंट्री शुरू होने के बाद भारतीय नागरिकों के वतन वापसी के संकेत के बाद आश बंधी है।लेकिन,आईसीपी गेट पर पर करीब 200 से ज्यादा भारतीय बुधवार से ही फंसे हुए हैं।उनमें इतना रोष है कि इंट्री न मिलने पर गुस्सा भड़क सकता है।क्योंकि,वहां वे दर दर की ठोकड खाने को विवश हैं।बताया गया है कि उनकी संख्या बढ़ती जा रही है।उधर,दुतावास ने अब तक करीब 6 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन किया है।वैसे लोग वापसी की प्रतीक्षा में हैं।
इधर,मीटिंग में नेपाली नागरिकों के वतन वापसी पर निर्णय नही हो सका।इसको ले कर संसय बना हुआ है।यह पूरी तरह तय नही है कि मंगलवार यानी 26 मई से उन्हें नेपाल भेजा जाएगा या नही।क्योंकि,नेपाल सरकार से अब तक एनओसी नही प्राप्त हो सका है।नेपाली प्रशासन की ओर से ही पेंच फंसा हुआ बताया जा रहा है।दुतावास सूत्रों का कहना है कि नेपाली प्रशासन चाहेगी,तभी नेपाली नागरिकों की वतन वापसी सम्भव हो सकेगी।
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल,बैठक के बाद भारतीय नागरिकों की वापसी की तैयारी शुरू कर दी गई है। दुतवास सूत्रों का कहना है कि लगभग 600 लोगो के नेपाल से वतन आने की संभावना है।पहले चरणमें 210 लोगो आए।पर सुरक्षा एव तकनीकी कारणों से एक सप्ताह बाद पुनः भारतीय को लाया जा रहा है।
हालांकि,अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि भारत मे आने के बाद उनको मोतिहारी ले जा कर छोड़ा जाएगा अथवा जिन्हे अपनी सवारी से अपने गंतव्य जाना हो उन्हे रक्सौल मे ही छोड़ दिया जाएगा । पिछली बार इस विषय पर संशय आखिरी तक बना रहा और जिला प्रशासन ने सबों को बस के द्वारा मोतिहारी ले जा कर छोड़ा गया। बहुत लोग तो रास्ते मे बस के ड्राइवर को पटा कर रास्ते मे ही उतर गए । ऐसी भी सूचना मिली है ।
इस आयोजन मे इतने सरकारी विभागों की संलिप्तता है कि एक मत सबों का न बनना आगन्तुकों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है और अन्ततः परेशान अपने नागरिक ही होते हैं ।
आज की बैठक से यह भी संकेत नहीं मिला कि किस किस प्रदेश के लोग रक्सौल हो कर आएंगे ।
इधर,अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जो गाइड लाइन आया है,उसमे सुरक्षा चक्र के हिसाब से भारत नेपाल से सटे सात बॉर्डर को किया भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए चिन्हित किया गया है।जिसमे अलग अलग राज्यो के लोगो को अलग अलग बॉर्डर से प्रवेश मिलने के संकेत मिल रहे हैं।बताया जा रहा है कि फिलवक्त बिहार- नेपाल सीमा के रक्सौल बॉर्डर से ही 2 6 मई को भारतीय का आना सम्भव हो सकेगा।
किस बॉर्डर से मिलेगी किन राज्यों के नागरिकों की इंट्री:
1 रक्सौल बॉर्डर से – बिहार , झारखंड, ओडिसा, और छतीसगढ़
2 जोगबनी बॉर्डर से- सिर्फ बिहार
3 सनौली बॉर्डर से – यूपी ,तेलेंगना ,आंध्र प्रदेश ,कर्नाटक, केरला, तमिलनाडु , सहित दक्षिण भारत के अन्य राज्य
4 रूपाडीह बॉर्डर से – सिर्फ यूपी
5 गौरीफंटा बॉर्डर से – यूपी , उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, और राजस्थान
6 बनबासा बॉर्डर – मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश ,जम्मूकश्मीर, और लद्दाख
7 पनिटंकी बॉर्डर- वेस्ट बंगाल, आसाम, त्रिपुरा, सिक्कम, और नागालैंड
बताया गया है कि भारतीय नागरिकों की वतन वापसी नेपाल स्थित भारतीय दूतावास व भारतीय महा वाणिज्य दुतावास के देख रेख व समन्वय से होगा।
कैसे करें भारतीय नागरिक वतन वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन :
[email protected] इस मेल आईडी पर पूरे विवरण के साथ सम्पर्क करें।देखे क्या देनी है जानकारी: