रक्सौल।( vor desk )।भारत सरकार के वंदेमातरम योजना के तहत भारतीय नागरिकों के स्वदेश आने की प्रतीक्षा शुक्रवार को भी खत्म नही हुई।करीब दो सौ की संख्या में भारतीय नागरिकों का यह समूह इस इंतजार में रहा कि भारत सरकार का आदेश आये,तो, हमे ‘इंट्री’ मिले।लेकिन,यह इंट्री बुधवार से ही बन्द है।लिहाजा बॉर्डर पर फंसे लोग रक्सौल आईसीपी के आगे नेपाली क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन में रहे और जम कर नारेबाजी की।
इस बीच,अच्छी खबर यह रही कि भारत सरकार ने रक्सौल आईसीपी के रास्ते इस योजना के तहत भारतीय नागरिकों के लिए प्रवेश द्वार खोलने की अनुमति दे दी है।बीरगंज के भारतीय महावाणिज्य दुतावास के अधिकारियों के मुताबिक,26 मई को भारतीय नागरिकों के दूसरे जत्थे को स्वदेश भेजने की तैयारी है।
बताया गया कि इसके लिए विदेश मंत्रालय व गृह मंत्री की हरी झड़ी मिल गई है।और आवश्यक तैयारी शुरू कर दी गई है।
लेकिन,इस सूचना से नेपाल में फंसे लोगों में जहाँ ख़ुशी है।वहीं, रक्सौल आईसीपी गेट बंद होने व तीन दिनों से इंट्री नही मिलने से गहरा आक्रोश है।गुस्सा इस बात का है कि अपने ही देश मे आने के लिए परेशान किया जा रहा है।यही नही उन्हें भूखे प्यासे छोड़ दिया गया।
बता दे कि मंगलवार को 211 भारतीय नागरिकों की वतन वापसी हुई थी।लेकिन,बुधवार को अचानक इंट्री बन्द कर दी गई।जबकि,रक्सौल आईसीपी पर करीब 210 वैसे लोग पहुंचे थे।जिन्होंने भारतीय दुतावास में रजिस्ट्रेशन कराया था।इसके बाद दुतावास के कहने पर पर सभी बुधवार को आईसीपी पहुँचे।लेकिन,एसएसबी व इमिग्रेशन के रक्सौल इंटिग्रेटड चेक पोस्ट का गेट बंद कर दिया।तभी से सभी वहां फंसे हुए हैं।
भारतीय नागरिक इस बात से काफी गुस्सा हैं कि नेपाली प्रशासन भी उन्हें कोई सहयोग नही कर रही।इधर,अपने ही देश मे प्रवेश नही दिया जा रहा।बीरगंज आईसीपी से जुड़े नेपाली क्षेत्र में ये तीन दिनों से किसी तरह दिन रात काट रहे हैं।बताते हैं कि इसमे बिहार व यूपी समेत विभिन्न राज्यो के नागरिक हैं।जिसमे महिला व बच्चे भी शामिल हैं। बुधवार की शाम को दूतावास ने इनके खान पान का प्रबंध कराया।लेकिन,उसके बाद किसी ने सुध नही ली।लेकिन,
भूख-प्यास से तड़प रहे लोगों की मदद में नेपाली क्षेत्र अलउ-सिरिसिया आदि गावँ के लोग मदद को आगे आये और खाने पीने का इंतजाम किया।
इध।बता दे कि मंगलवार को खुद डीएम कपिल शीर्षत अशोक व एसपी नवीन चन्द्र झा ,महावाणिज्य दूतावास के महावाणिज्य दूत नितेश कुमार ,ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के डीएसपी कुमार पंकज समेत सीमा क्षेत्र के अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया था।सूत्रों ने दावा किया कि इस मामले को ले कर विभागीय स्तर पर जिलाधिकारी कपिल शीर्षत अशोक द्वारा कारण बताओ नोटिस से हड़कंम्प मच गया।
इधर,सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय के द्वारा रक्सौल बॉर्डर से दुबारा इंट्री शुरू होने के संकेत का स्वागत किया है।उनका कहना है कि
इससे करीब 6 हजार लोगों के भारत लौटने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।जिन्होंने दुतावास में रजिस्ट्रेशन कराया है।वहीं,भाजपा के क्षेत्रीय नेता अर्जुन भरतीय ने कहा है कि दुतावास को शिविर लगा कर रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत है।क्योंकि,नेपाल में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं।
क्या कहते हैं दूतावास के अधिकारी:
बीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दुतावास के सूचना अधिकारी बी सुरेश कुमार ने कहा कि आगामी 26 मई से वंदेमातरम योजना के तहत भारतीय नागरिकों की वतन वापसी दुबारा शुरु होगी।इसके लिए विदेश व गृह मंत्रालय ने तैयारी शुरू करने के निर्देश दिये हैं।