Friday, October 25

वन्दे मातरम योजना :अपने ही देश में दूसरे दिन भी प्रवेश नही मिलने से नाराज सैकड़ो भारतीय नागरिकों ने किया विरोध -प्रदर्शन!

  • डीएम ने रोक को ले कर एजेंसियों से मांगा स्पष्टीकरण

रक्सौल।(vor desk )।वंदेमातरम योजना के शुरू होने के दूसरे ही दिन रुकने के बाद नेपाल में फंसे भारतीय नागरिक न केवल परेशान हो गए हैं,बल्कि,आक्रोशित भी हैं।वहीं,भारत प्रवेश हेतु इंट्री के लिए बुधवार को पहुँचे करीब दो सौ भारतीय नागरिकों ने दूसरे दिन गुरुवार को भी प्रवेश नही मिलने के बाद मायूश हो गए और घण्टों आक्रोशपूर्ण विरोध- प्रदर्शन किया।

आक्रोशित भारतीय नागरिको का यह समूह रक्सौल आईसीपी का गेट खोलने और प्रवेश देने की मांग कर रहा था।इस क्रम में सरकार विरोधी नारेबाजी भी की।उनका आरोप था कि भारतीय दूतावास ने वतन वापसी के लिए बुला लिया।लेकिन हमे इंट्री नही दी जा रही।जबकि,नेपाली प्रशासन भी हमे लौटने नही दे रही।हम न घर के हैं,न घाट के।

आक्रोशित भारतीय नागरिक

जम कर नारेबाजी व प्रदर्शन में महिला व बच्चे तक शामिल थे।जो भूखे प्यासे गेट खुलने के इंतजार में थे।लेकिन, जब गेट नही खुला,तो ,असंतोष भड़क गया।हालांकि,इसका कोई असर दोनों ओर नही हुआ।सभी बीरगंज आईसीपी क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं।

इन लोगों का कहना था कि हमे बुधवार को ही इंट्री मिलनी थी।लेकिन,जब हम रक्सौल आईसीपी गेट पर पहुंचे,तो,एसएसबी द्वारा गेट बंद कर दिया गया।यही नही उन्हें भगा दिया गया।जबकि,हम भारतीय दुतावास द्वारा यहां लाये गए हैं।उन्होंने कहा कि एसएसबी व इमिग्रेशन अधिकारी ने हमारे आग्रह को भी ठुकड़ा दिया।उन्होंने बताया कि दूतावास के अधिकारीयों ने हमसे कहा कि हम सरकार से बात कर रहे हैं।जल्द ही इंट्री मिलेगी।लेकिन, शाम हो गया,मगर कोई फैसला नही हुआ।हमारी कोई नही सुन रहा ।नेपाली प्रशासन भी हमे सहयोग नही कर रही ।उनका सवाल था कि आखिर हम कब तक ऐसे फंसे रहेंगे।

इस तरह करते रहे भारतीय नागरिक इंट्री मिलने का इंतजार

दूतावास सूत्रों की माने तो इनकी संख्या 210 है,जिन्हें रजिस्ट्रेशन के बाद भारत भेजने के लिए बसों से लाया गया ।इसमे बिहार व यूपी समेत विभिन्न राज्यो के नागरिक शामिल हैं।बताया गया कि बुधवार की शाम को भारतीय महा वाणिज्य दूतावास ने खाना का प्रबंध किया था।

लेकिन,गुरुवार को स्थानीय ग्रामीणों ने खाने पीने का प्रबंध किया।

सभी इस बात से ज्यादा क्षुब्ध थे कि इंट्री के झमेला में हमे परेशान किया गया है।एसएसबी हमे अपने ही देश मे घुसने नही दे रही।

इधर,भारतीय महावाणिज्य दुतवास के अधिकारियों का कहना है -भारत सरकार के निर्देश की प्रतीक्षा की जा रही है।हालात को ले कर विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय को अवगत कराया गया है।
वहीं, इंडियन इमिग्रेशन व एसएसबी के अधिकारी इस मसले पर खुल कर कुछ भी बोलने को तैयार नही है।

एसएसबी कमांडेंट प्रियवर्त शर्मा व ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के एएफआरआरओ कुमार पंकज ,कस्टम उपायुक्त आसुतोष कुमार सिंह ने हाथ खड़े करते हुए साफ कह दिया कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद ही इंट्री की जाएगी।फिलहाल,कोई रिलीज आर्डर नही है।

सूत्रों के मुताबिक, इंट्री तकनिकी कारणों से बन्द की गई हैं।बता दे कि मंगलवार को 211 भारतीय नागरिकों की वतन वापसी हुई थी।खुद डीएम कपिल शीर्षत अशोक व एसपी नवीन चन्द्र झा ,महावाणिज्य दूतावास के महावाणिज्य दूत नितेश कुमार ,ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के डीएसपी कुमार पंकज समेत सीमा क्षेत्र के अन्य अधिकारी खुद मौजूद रह कर उनका स्वागत किया था।सूत्रों ने दावा किया कि भारतीय नागरिकों का इंट्री अचानक रोके जाने के बाद विभागीय स्तर पर कारण बताओ नोटिस से हड़कंम्प मच गया है।

डीएम कपिल शीर्षत अशोक ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए सम्बंधित एजेंसियों को कारण बताओ नोटिश जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर क्यों रोक लगाई गई है।क्या इसके लिये विदेश या गृह मंत्रालय से कोई निर्देश प्राप्त है?रोक लगाई गई है तो जानकारी दें।

उन्होंने जिक्र किया कि यह एक अंतरराष्ट्रीय मामला है।भारतीय दूतावास व बिहार के गृह सचिव से परामर्श के बाद भारतीय नागरिकों को लाने की पहल हुई।लेकिन,सूचना मिली कि 20 मई से इंटिग्रेटड चेक पोस्ट से आने पर रोक लगा दी गई है।बताया गया कि डीएम ने एसएसबी, कस्टम,आईसीपी प्रबन्धन,बीओआई को उक्त नोटिश जारी किया है।


इधर,सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर दोनों ओर फँसे लोगों के वतन वापसी की पहल की मांग की है।बता दे कि दूतावास द्वारा नेपाल में करीब 6 हजार भारतीय नागरिकों का रजिस्ट्रेशन किया है।जिसमे 211 लोग आए।वहीं,210 लोग इंट्री नही मिलने से परेशान हैं।

इस बात की भी चर्चा तेज है कि रक्सौल समेत अन्य क्षेत्र में फंसे नेपाली नागरिकों की वतन वापसी के लिए नेपाल सरकार द्वारा एनओसी नही देने के कारण भी मामला उलझ गया है।जिसके शिकार भारतीय नागरिक हो रहे हैं ।रक्सौल में करीब 300 नेपाली नागरिक नेपाल जाने के इंतजार में हैं।इसी क्रम में बुधवार को रक्सौल के कोरोना आपदा राहत केंद्र से करीब सौ की संख्या में नेपाली पैदल ही नेपाल जाने लगे।रक्सौल प्रशासन ने काफी समझा बुझा कर उन्हें केंद्र में वापस कराया।बताया गया कि कुछ लोग जब पर्सा जिला प्रशासन से बात की तो पैदल ही सीमा पार कर आने की बात कही गई,जिसके बाद यह नेपाल चल पड़े थे।

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