रक्सौल।(vor desk )।’वंदेमातरम योजना’ शुरू होने के दूसरे दिन ‘रुक’ हो गई।विदेश से भारतीय नागरिकों को बुलाने के लिये शुरू हुई इस योजना के तहत मंगलवार को 211 लोगों की नेपाल से वतन वापसी हुई थी।इसके बाद इसे निरंतरता मिलनी थी।इसकी पुरोजोर तैयारी भी थी।लेकिन, विभागीय पेंच फंसने से यहां इस योजना के कार्यन्वयन पर फिलहाल ब्रेक लग गया ।ऐसे में दूतावास के माध्यम से इंट्री नही मिलने से करीब दो सौ भारतीय नागरिक दिन भर परेशान रहे।अगले आदेश तक के लिए इस सीमा से कोई आवागमन नही होगा।
बताया गया कि कुछ तकनीकी कारणों की वजह से बुधवार को अचानक ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने भारतीय नागरिकों की इंट्री बन्द कर दी।इसके साथ ही सुरक्षा के लिए तैनात एसएसबी ने आईसीपी गेट बंद कर दिया।अचानक इस वाकये से सभी हैरान रह गए।और वतन वापसी की प्रतीक्षा में नेपाल आईसीपी की ओर कतारबद्ध भारतीय नागरिक दुविधा व बेबसी में फंस गए।
बता दे कि ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन बिहार- नेपाल सीमा में आवाजाही मामलों के लिए केंद्र सरकार से अधिकृत है।बिहार सीमा पर रक्सौल व जोगबनी बॉर्डर से ही आवाजाही की अनुमति दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को नेपाल से एनओसी नही मिलने से नेपाली नागरिकों का प्रत्यर्पण नही हो सका था।ऐसे में सैकड़ो नेपाली नागरिकों में निराशा हुई।यही नही वे इस कदर हताश हुए कि रक्सौल के कोरोना आपदा राहत केंद्र से निकल कर नेपाली नागरिक सड़क पर आ गए।रक्सौल प्रशासन ने काफी मशक्कत से उन्हें समझा बुझा कर इस आश्वासन पर लौटाया कि उन्हें शीघ्र ही नेपाल भेजा जाएगा।
इधर,कड़ी तपिश के बीच रक्सौल आईसीपी गेट पर 210 भारतीय नागरिक अपने देश में आने की इजाजत के लिए कातर मुद्रा में घण्टो कतारबद्द रहे।इसमे बच्चे ,बुजुर्ग व महिलाएं भी शामिल थे।उन्हें तीन बसों से भारतीय महावाणिज्य दुतावास की मॉनिटरिंग में नेपाल प्रशासन द्वारा वहां लाया गया था।विपिरित हालात से उनमें रोष भी देखा गया।वहीं, रक्सौल प्रशासन के अधिकारी व मेडिकल टीम उन्हें रिसीव करने के लिए घण्टो इंतजार के बाद वापस हो गई,क्योंकि,उलझे मसले का कोई हल नही निकल सका।देर शाम वहां फंसे लोगों के लिए भारतीय महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को खान पान व रहने की व्यवस्था की ।
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर अगले आदेश तक के लिए नागरिकों की ‘ इंट्री’ बन्द की गई है।लेकिन,यह कितने दिनों तक बन्द रहेगा,इस पर केवल कयास ही लगाया जा सकता है।प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन को दिल्ली से निर्देश मिलने का इंतजार है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले दिन कुछ संदिग्ध लोगों के प्रवेश की शंका पर ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने यह कदम उठाया।
फिलवक्त, दोनों ओर नागरिक वतन वापसी के लिए परेशान हैं।अंतर्राष्ट्रीय सीमा के झमेले के कारण बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक नेपाल फँसे हुये हैं।वही हाल नेपाली नागरिकों की है।रक्सौल बीरगंज के एक किलो मीटर दूरी की सीमा पार करने के लिए उन्हें तड़प जाना पड़ा है।इसमे भारतीय पर्यटक, व्यापारी,छात्र,मजदूर,गृहणी,बच्चे यानी हर तबके के हजारों लोग फंसे हुए हैं।
इस बीच,अधिकारी खुल कर कुछ भी नही बोल रहे।दूतावास सूत्रों ने बताया कि करीब 1500 नागरिकों का बीरगंज व 4000 लोगों का काठमांडू में रजिस्ट्रेशन किया गया है।डीएम कपिल शीर्षत अशोक के मुताबिक,मंगलवार को 250 लोगो की सूची सौंपी गई थी।इधर,एसडीओ अमित कुमार ने कहा कि -रक्सौल आईसीपी पर कोई भारतीय नागरिक नही पहुँचे थे।सीमा पार बीरगंज का मामला भारतीय महावाणिज्य दुतवास के जिम्मे है।तो,भारतीय महावाणिज्य दूतावास के सूचना अधिकारी बी सुरेश कुमार ने कहा कि इस मामले को ले कर विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय को लिखा गया है,ताकि,व्यवधानों को दूर कर नियम पूर्वक शीघ्र
आवाजाही शुरू की जा सके।
इस मामले को ले कर सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने विदेश मंत्रालय व गृहमंत्रालय को पत्र लिख कर बॉर्डर से दोनों ओर के नागरिकों की आवाजाही शीघ्र शुरू करने की मांग की है।
वस्तुतःवन्दे मातरम योजना के बावजूद भारतीय नागरिक भारत भूमि के वंदन के इंतजार को विवश हैं।