रक्सौल।(vor desk )।लॉक डाउन व सीमा सील होने के कारण भारत मे फंसे नेपाली नागरिकों के वतन वापसी की कवायद शुरू हो गई है।सब कुछ ठीक ठाक रहा तो बुधवार यानी 20 मई से उनकी रक्सौल सीमा से नेपाल वापसी शुरू हो जाएगी।
पूर्वी चंपारण के डीएम कपिल शीर्षत अशोक का कहना है कि -भारत सरकार व बिहार सरकार के एनओसी की प्रतीक्षा है।निर्देश मिलते ही नेपाली नागरिकों को उनके राष्ट्र भेज दिया जाएगा।
वहीं, एसपी नवीन चन्द्र झा का कहना था कि इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया अंतिम चरण में है।नेपाली काउंटर पार्ट से बात चीत हुई है।हमारी तैयारी पूरी है।मूवमेंट शुरू हो गया है।जब तक मूवमेंट चलेगा, पुलिस मुस्तैद रहेगी।
बता दे कि रक्सौल में फंसे करीब सवा सौ नेपाली नागरिकों की वतन बापसी मंगलवार को नही हो सकी थी।इस बीच 211 भारतीय नागरिकों की नेपाल से वापसी हुई।इसी क्रम में रक्सौल आईसीपी में पूर्वी चंपारण के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पर्सा जिला के सीडीओ विष्णु कुमार कार्की व एसपी गंगा पंत ,आर्म्ड पुलिस फोर्स के एसपी दीपेंद्र कुँवर से गुफ्तगू हुई।सम्भावना जताई गई कि सब कुछ ठीक रहा,तो, बुधवार से उनकी नेपाल वापसी होगी।डीएम कपिल शीर्षत अशोक ने रक्सौल के प्रशासनिक अधिकारी व भारतीय महावाणिज्य दूत नितेश कुमार से इनके वापसी की रणनीति पर बैठक भी की और आवश्यक निर्देश दिये।इसके बाद ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के डीएसपी कुमार पंकज व दुतावास के सूचना अधिकारी बी सुरेश कुमार ने संकेत दिये कि बुधवार से नेपाली नागरिकों के नेपाल भेजने की तैयारी है।निर्देश मिलते ही नेपाली नागरिकों को नेपाली प्रशासन को सौप दिया जाएगा।
उधर,पर्सा जिला के सहायक जिलाधिकारी ललित कुमार बस्नेत ने बताया कि बुधवार से नेपाली नागरिको की वापसी हो सकती है।ठाकुर राम कॉलेज में कोरेनटाइन किये गए भारतीय नागरिकों की वापसी के बाद यह खाली है।जहां भारत से आये नेपाली नागरिक कोरेनटाइन किये जायेंगे।उनके मुताबिक,बिहार से आने वाले नेपाली नागरिकों की सूची 222 लोगों की है।जो नेपाल के 25 जिलों के निवासी हैं।
।बता दे कि यहां बॉर्डर सील होने से करीब सवा सौ नेपाली कोरोना आपदा राहत केंद्र व कोरेनटाइन सेंटर पर वतन वापसी की आस में हैं।इधर,सूचना है कि नगर परिषद प्रशासन हरी झंडी के इंतजार में है।नेपाली नागरिकों को यहां भोजन करा कर सम्मानपूर्वक नेपाल भेजने की तैयारी है।
सूत्रों के मुताबिक,नेपाली नागरिकों की वापसी भारत नेपाल मैत्री पुल के रास्ते वापसी सम्भावित है।
वतन लौटने के इंतजार में नेपाली नागरिक:रक्सौल के कोरोना आपदा राहत केंद्र पर रह रहे करीब सवा सौ नेपाली नागरिकों के इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली है।लिहाजा उनके चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती है।मंगलवार को उनको नेपाल नही भेजे जाने से मायूसी थी।जब उन्हें यह पता चला कि नेपाली प्रशासन के आल टाल व तैयारी नही होने से उन्हें नही भेजा गया,तो,वे रोष में दिखे और प्रशासन को कोसने लगे।रात भर नींद नही आई।लेकिन,बुधवार को वतन वापसी के संकेत मिलने से वे खुशी से झूम उठे।अपना समान बांधने लगे।तैयारी में जुट गए।यहां कोरेनटाइन की अवधि पूर्ण कर चुके रुकुम के माया नेपाली,धनी नेपाली,वीर बहादुर चनारा,महेश कुमार आदि ने बताया कि हम करीब डेढ़ माह से यहां फंसे हुए हैं।जबकि, हमारा कोरेनटाइन का समय काफी पहले पूरा हो गया है।यहां बिहार समेत अन्य राज्य के लोग लौट गए।लेकिन,हम बॉर्डर बन्द होने से फंसे रह गए।उन्होंने भारतीय सरकार व प्रशासन का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हमे खाने पीने ,रहने की सुविधा मिली।हमारा आग्रह है कि नेपाल सरकार हमे अविलम्ब बुलाये।