रक्सौल।( vor desk )।कोविड 19 के रोक थाम को ले कर जारी लॉक डाउन व सीमा सील रहने के बाद भी रक्सौल में ‘वाइन बार’ धड़ल्ले चल रहा है।मजे की बात है कि सूबे में शराबबंदी के बावजूद रक्सौल शहर के एक झोपड़ी में यह वाइन बार चल रहा था।जिसमे नेपाली से अंग्रेजी शराब तक सहज उपलब्ध था।जिस झोपड़ी में यह कथित बार था,वहां ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शराब पीने और स्टॉक रखने तक कि व्यवस्था थी।
गुप्त सूचना पर जब एसएसबी 47 वीं बटालियन व रक्सौल पुलिस ने छापेमारी की तो होश उड़ गए। बार मे झोले में शराब की खेप छुपा कर रखी गई थी।इस दौरान करीब 400 बोतल शराब बरामद किया गया।
बताया गया कि यह झोपड़ी नई खड़ी की गई लग रही थी।जिसे मजदूरों के सहयोग से तोड़ कर प्रवेश किया गया,तब शराब की खेप बरामद हुई।इस खेप में वोदका, विरजिन,मैक डोनाल्ड,सिग्नेचर, गोल्डन ओक आदि ब्रांड शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि पर्सा जिला में कर्फ्यू जारी है ।उसके बाद भी शराब की तस्करी जारी है।इस पर लगाम लगाना स्थानीय पुलिस प्रशसन के लिए टेडी खीर साबित हो रही है ।तभी तो रक्सौल के अहिरवा टोला में सरिसवा नदी के किनारे बने उक्त झोपड़ी पर संयुक्त रूप से एसएसबी व पुलिस को छापेमारी करनी पड़ी।इस दौरान करीब 400 बोतल नेपाली व विदेशी शराब की बोतल को जब्त किया गया। जबकि इस मामले में कोई धंधेबाज पुलिस के गिरफ्त में नही आ सका ।
इस सबन्ध में एसएसबी के 47 बटालियन के अधिकारी राज कुमार ने भी स्वीकार किया कि सीमा सील है उसके बावजूद रात के अंधेरे में नदी के सहारे तस्कर द्वारा 400 बोतल शराब को जमा किया गया है। जिसे आज जप्त किया गया।जिसकी कीमत करीब 1 लाख 70 हजार 285 रुपया आंका गया है ।साथ ही अबतक 125 लोगो को नेपाल जाने से रोका गया है। जिन्हें बाद में कोरेण्टाइन सेंटर भेजा गया है ।
इधर,इस बात की काफी चर्चा रही कि यह शराब जब बरामद किया गया।वहां से धंधेबाज व तस्कर कैसे फरार होने में सफल रहे!