रक्सौल।( vor desk )।बॉर्डर पर फायरिंग करने वाली नेपाल आर्म्ड पुलिस व पुलिस बल के जवान खुद ही कानून तोड़ते दिख रहे हैं।लॉक डाउन व बॉर्डर सील के बावजूद रक्सौल बाजार पहुंच कर समान ख़रीदगी का वाक्या यहां चर्चा का विषय बन गया है।
सीमा सील होने के बावजूद वे न केवल रक्सौल पहुँचे ,बल्कि,अपनी जरूरत के समानों की खरीद कर आराम से लौटते बने।बताया गया है कि ये बाइक से यहां आए थे।इसकी तस्वीर भी वायरल हो रही है।सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं।
रकसौल में ‘कुछ लोगों’ द्वारा इन्हें रोका गया,तो,आरजू मिन्नत पर उतर आए।बाद में उन्हें ‘बख़्श’ दिया गया।यह मामला इसलिए संगीन है कि ये आर्म्ड पुलिस फोर्स व नेपाल पुलिस के जवान वर्दी में थे।बॉर्डर सील है।लिहाजा इन्हें भी आने जाने की इजाजत नही है।उस पर भी बीरगंज समेत पर्सा व बारा जिला में निषेधाज्ञा जारी है।यानी कर्फ्यू लागू है।इसलिए यह और गम्भीर मामला बन जाता है।पर्सा जिला के जिलाधिकारी विष्णु कुमार कार्की ने 12 मई की रात 8 बजे से कर्फ्यू का आदेश जारी किया था।जिसमे देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।सेना खुद सड़कों पर है।
बीरगंज में 85 लोग संक्रमित पाए गए हैं।इस कारण सीमा क्षेत्र ‘हाई रिस्क’ में है।लेकिन,ये नेपाली वर्दी वाले आराम से वर्दी का दुरुपयोग करते हुए बॉर्डर पार कर रक्सौल बाजार पहुँच गए और खरीददारी की।
सूत्रों ने बताया कि ये ग्रामीण रास्ते का उपयोग कर अहिरवा टोला में बने नए बॉर्डर पुल से यहां पहुंचे थे।वे आश्रम रोड होते बाजार आये।
इन्हें देखने के बाद रक्सौल में काफी चर्चा परिचर्चा रही।हालाकि, यह कोई नई बात नही थी।लेकिन,इस वक़्त जब बीरगंज में कर्फ्यू है और संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है।तो खौफ होना स्वाभाविक है।
रक्सौल पहुंचने पर इन नेपाली जवानों पर सवाल खड़े किए गए।यह इसलिए कि भारत नेपाल मैत्री सम्बन्धो को धता बताते हुए एपीएफ के जवानों ने पिछले दिनों रक्सौल के सिवान टोला और छौड़ादानों के महुआवा थाना क्षेत्र के हनुमान नगर बॉर्डर पर फायरिंग की थी।जैसे कि यह सीमा पाकिस्तान की सीमा हो।यही नही रक्सौल के सहदेवा में शराब तस्करों को संरक्षण दिया गया।जिन्होंने एसएसबी जवानों पर हमला व पथराव भी किया ।सूत्रों व स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक,वहाँ नेपाल एपीएफ व पुलिस खुद समर्थन में दिखी थी।दर्जन भर भारतीय नागरिक घायल हुए थे।
लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या इन्हें कोरेनटाइन किया जाएगा?इन पर कार्रवाई होगी?यह सवाल भी इसलिए खड़े किए जा रहे हैं ,क्योंकि,जब पिछले महीने पर्सा जिला के सांसद प्रदीप यादव सीमा पार कर रक्सौल आये थे,तो,उन्हें कोरेनटाइन किया गया था।गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया था।
मजे की बात है कि लोकल अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।उनका कहना है कि इस बारे में कोई जानकारी नही है।जांच की जाएगी।लेकिन,यह सुरक्षा के मामले में बड़ी लापरवाही है।क्योंकि इसे चेक नही किया गया…की वास्तव में वे पुलिस कर्मी है…या…फिलहाल, यह सवाल चर्चे में है।क्योंकि, यह उलंघन जानलेवा बन सकती है।दबे जबान से यह भी चर्चा तेज है कि सरकारी वाहन से रक्सौल बाजार पहुंच कर नेपाली कस्टम के कुछ अधिकारियों के कुछ’ मैडम’ लोगों ने भी ख़रीदगी की है।सवाल तो यह भी उठ रहा है कि क्या बॉर्डर पर लगा सीसीटीवी क्या आम लोगों के लिए ही है?क्या इस बाबत जांच व कार्रवाई होगी?