सीमा सील होने व लॉक डाउन के बावजूद झड़प से तनाव
रक्सौल।( vor desk )।भारत-नेपाल सीमावर्ती रक्सौल प्रखण्ड के नोनेयाडीह पँचायत अंतर्गत सहदेवा गांव में मंगलवार की अहले सुबह एसएसबी और नेपाली ग्रामीणों के बीच झड़प की घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गई।इस दौरान नेपाली तस्करों ने पथराव कर दिया।जिसमें दर्जन भर भारतीय नागरिक जख्मी हुए।तनाव इस कदर बढ़ गया था कि दोनों ओर के ग्रामीण भी आमने सामने आ गए थे।समय रहते पुलिस पदाधिकारी व सुरक्षा बल के अधिकारी और प्रबुद्धजन,स्थानीय जन प्रतिनिधियों के पहल पर स्थिति नियंत्रित हो सका।बावजूद,तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
इधर,इस वाक्ये को लेकर चर्चाओं व अटकलों का बाजार गर्म रहा।मामले को ले कर तरह तरह की बाते सामने आ रही है,जबकि, अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।क्योंकि,मामला दो देशों का है।सूत्रों ने बताया कि स्थानीय पुलिस-प्रशासन व एसएसबी अधिकारियों ने पूरे मामले से वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया है।
सूत्रों ने बताया कि विवाद सोमवार से ही शुरू था, जो,मंगलवार को तूल पकड़ गया।
ग्रामीणों व सूत्रों के नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि मामला के पीछे तस्कर व तस्करी का धंधा है।
एक ओर सूत्रों का यह कहना था कि सीमा पार के कुछ लोग भारत में प्रवेश कर रोज मर्रा की वस्तुओं को ले कर जाने के क्रम में रोकने पर विवाद खड़ा कर दिया।
बताया गया कि एसएसबी के जवानों ने लॉक डाउन व बॉर्डर सील को लेकर ग्रामीण रास्तें से प्रवेश पर रोक लगा दिया है। जिससे नेपाल के बारा जिला के विश्रामपुर क्षेत्र के बलरामपुर ग्राम के कुछ तस्करों व सांठ गांठ के लोगों ने एसएसबी जवानों को निशाना बनाया।वहीं,दूसरी ओर यह भी बताया गया कि सीमा क्षेत्र के गिरोहबंद लोग के आपसी कनेक्शन हैं।इधर से भारतीय वस्तुएं नेपाल ले जाते हैं।उधर,से नेपाली शराब समेत अन्य वस्तुओं की सप्लाई करते हैं।
बताया गया कि रक्सौल के सीमावर्ती सहदेवा औऱ नेपाल के बलिरामपुर गांव समेत आस पास के ग्रामीण क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और आपसी कनेक्शन की केमेस्ट्री कुछ अलग ही है।
सूत्रों ने दावा किया कि बलीरामपुर की ओर से सोमवार को कुछ लोग शराब का सेवन करने के साथ ही प्रतिबंधित शराब की खेप लेकर आ रहे थे। जिसे भारतीय सुरक्षसकर्मियो ने रोकने के लिए एक्शन लिया।जिस कारण विरोध व विवाद हुआ था।जिससे तनाव कायम था।
इसी के बाद मंगलवार को मामला तूल पकड़ गया।शराब की खेप के साथ पहुंचे कुछ नेपाली तस्करों ने रोकने पर एसएसबी को निशाना बनाने की कोशिश की।जिसकी भनक लगते ही सहदेवा ग्राम के प्रबुद्ध जन समेत ग्रामीण एसएसबी के समर्थन में जुट गए है।उधर,बलीरामपुर के समूहबद्ध ग्रामीण नोमेन्स पर पहुंच गए। नेपाल के बलरामपुर के लोगों के उक्त समूह ने नेपाल पुलिस के उपस्थिति में जम कर पथराव शुरू कर दिया।दोनों ओर के ग्रामीण व सुरक्षाकर्मी झड़प की मुद्रा में आ गए।बताते हैं कि इस क्रम में दर्जन भर भारतीय नागरिक पथराव में घायल हुए।घायलों में राम प्रवेश, बृजेश, नरेश पटेल, रामकुमार पटेल, लड्डू पटेल, राजनंदन, भूषण पटेल, रामपुकार पटेल, अरुण कुमार, नुरूल्लाह मियाँ, सुनील पटेल व अमीन मियाँ शामिल हैं।जिनका उपचार रक्सौल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई।
उधर,नेपाली पक्ष का कहना है कि बलीरामपुर के छोटेलाल प्रसाद का खेत सीमा क्षेत्र में है।इसी क्रम में एसएसबी जवानों ने उन्हें रोक टोक किया।जिस पर मामला तूल पकड़ा।यह भी कहा गया कि गावँ में मामला पहुँचने से आक्रोश था।जिसको ले कर कुछ नेपाली लोग एसएसबी जवानों से सवाल जवाब को पहुँचे और झड़प की स्थिति उत्पन्न हुई।
तनाव बढ़ने के बाद दोनों ओर के पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी समय रहते घटनास्थल पहुंच गए।बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ,जन प्रतिनिधियों की पहल के बाद मामला शांत हो सका।एसएसबी 47वीं बटालियन कमांडेंट प्रियवर्त शर्मा व रक्सौल थानाध्यक्ष अभय कुमार ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है।मामला शांत हो गया है।